गिरड तह- समुद्रपुर जिल्हा - वर्धा (महाराष्ट्र)- यहांपर बाबा फरीद जी की प्रसिद्ध दर्गाह है। नीचे जो दर्गाह है उसे शककरबावली कहते है। वहापर बाबा फरीद जी ने 12 साल तक उल्टा(नीचे सर और उपर पैर) होकर कुवा में(खुद को बांधकर) तप किया था।वो कूवा आज शक्करबावली में अंदर मौजूद है।जब वो तप कर रहे थे तो कौए उनके शरीर पर उनका मांस खाते थे।तब बाबा उनसे कहते थे कि *(कागा कागा सब तन खैयो चून चुन खाईय्यो मांस, दो नैना मत खईयो मोहे पिया मिलन की आस)* ।आज यह लाइन बहोत ही प्रसिद्ध है जो बहोत से गानों में आपने जरूर सुने होंगे।यह बाबा फरीद जी ने गिरड में कहीं थी।उनका मांस उस कुवे में गिरने की वजह से उसका पानी मीठा हो गया। लोग आज उसका पानी मलीदा(प्रसाद) बनाने के लिए लेते है।और कई लोग कहते है की उस कुएं का पानी बहोत ही चमत्कारी है।उपर भी एक दर्गाह है जिसे पहाड़ फरीद के नाम जाना जाता है।उपर जो तालाब बना है उसकी भी एक कहानी है और गिरड नाम पड़ने की भी कहानी है। जब बाबा यहापर थे तब यहां कोई गांव नहीं था बाबा जंगल में रहते थे। जब लोगों को इनके बारे में पता चला तो लोग उनसे मिलने आने लगे। और भीड़ बढ़ने लगी, लोग उनको मानने लगे। ऐसे ही एक (राक्षस) जिसका नाम गीड्डोबा था, उसको बाबा फरीद के बारे में पता चला। वो उनको देखने आया तब बाबा फरीद खाना खा रहे थे ।तो गिड्डोबा बोला की मै तुझे खा जाऊंगा। तब बाबा ने उसको अपने हाथ का रोटी का टुकड़ा खाने को दिया वो खाएं ही जा रहा था लेकिन वो रोटी का टुकड़ा खत्म नहीं हो रहा था । तब उसने बाबा से पानी मांगा। बाबा के पास पानी नहीं था । तब उन्होंने जमीन में तीन उंगलियां डाली और वहां से पानी निकलना चालू हो गया, और वो पानी गीड्डोबा ने पिया । * यही आज उपर बना हुआ तालाब है* फिर गीड्डोबा और बाबा फरीद से लडने की जिद कर रहा था। तो बाबा फरीद ने उसके दोनों पैर पकड़े और उसको जमीन में गाड़ दिया। तब वो माफी मांगने लगा तो बाबा ने उसे माफ कर दिया और उस गीड्डोबा के नाम से ही उस बस्ती को (गिरड) नाम पड़ गया। उस गीड्डोबा का मंदिर आज भी उसी पहाड़ी पर मौजूद है। वैसे तो बाबा ने इस जगह पर बहोत बड़े बड़े चमत्कार किए और आज भी कर रहे है।लेकिन सब से बड़ा चमत्कार जो आज भी दिखता है वो यह है कि बाबा फरीद जब इधर थे तब वो यहांपर घूम रहे थे तब एक व्यापारी अपने बैलगाड़ी में सुपारी ,गहू, वगैरा लेकर जा रहा था।तब बाबा ने उसको पूछा कि क्या लेकर जा रहा है।वो व्यापारी बाबा को पहचान नहीं सका।उसने बाबा से कहा कि पत्थर लेकर जा रहा हूं।बाबा बोले जा तेरी जबान तुझे मुबारक हो।तभी बैलगाड़ी आगे जा कर रुक गई। बैल सामने ही नहीं जा रहे थे।तब व्यापारी को बड़ा अचंबा महसूस हुआ ।व्यापारी ने थोड़ी देर बाद बैलगाड़ी में देखा तो वो जो सामान लेकर जा रहा था वो सब पत्थर हो गया था।तब उसको उसकी गलती का एहसास हो गया।और उसने बाबा से माफी मांगी।वो सामान जिस जगह उतार दिया था । वहां पर आज भी पत्थर के सुपारी, गुड, गहु मिलते है। ऐसे ही ना जाने कितने चमत्कार बाबा फरीद ने यहांपर किए है।इसीलिए आज भी बहोत दूर दूर से बड़ी संख्या में लोग रोज इस जगह पर आते है और बाबा फरीद जी का आशीर्वाद लेते है।आज भी लोगों को बहोत चमत्कार होते है।
@MohammadArifMohammadArif-k7x Жыл бұрын
Haq farid ya farid
@bhayyajilambat-ew5hw4 ай бұрын
बाबा शेख फरीद मजार के दर्शनहुए मै दर्शन लेणे गिरड जाता हू बाबाकडे चरणोमे मेरा सलाम पेश करता हू l
@neerajbarghat8704 ай бұрын
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@sharifunnisha19733 жыл бұрын
bahut shukriya neeraj ji aapne hme dargah ka didar kraya allah aapki tamam zayaz dua qubool kre ameen
@neerajbarghat8703 жыл бұрын
शुक्रिया जी...
@hmz3522 жыл бұрын
Sallallahu alehi wa aalhi wa ashabhi wa barik wasllam SUBHANALLAH
@neerajbarghat8702 жыл бұрын
शुक्रिया...शेयर कीजिए
@hananrai50439 ай бұрын
Real mazar of Baba Fareed in Pakpattan shrif Punjab Pakistan. I'm also from Pakpattan shrif
@neerajbarghat8708 ай бұрын
धन्यवाद शेयर कीजिए
@somlasisodiya617 Жыл бұрын
या बाबा फरीद🌷🌷🌷🌷🌷
@neerajbarghat870 Жыл бұрын
धन्यवाद शेयर कीजिए
@sarojkhan0092 Жыл бұрын
Haq Farid yaa Farid ❤❤
@moblnudinshaikh44193 ай бұрын
Aap Hindu hokar dargah ki ziyarat karate hain bhai bahut achcha kam karte hain aapko Salam