कहवाँ में राम जी के जन्म भयों | सोहर सुन मंत्रमुग्ध हो गये दर्शक | Manisha Srivastava Superhit Show

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MANISHA SRIVASTAVA

MANISHA SRIVASTAVA

Күн бұрын

रविन्द्र भवन पटना में आयोजित तीन दिवसीय मिलेट महोत्सव के अंतीम दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें बिहार की सुप्रसिद्ध भोजपुरी लोकगायिका मनीषा श्रीवास्तव के गीतों पर श्रोता झूम उठे।
विदित हो कि पूर्व राज्यसभा सांसद आर के सिन्हा के दिशा निर्देश में 16 जून से 18 जून तक आयोजित मिलेट महोत्सव का उद्घाटन राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर व कृषि एवं स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने किया था। इस कार्यक्रम में राज्य भर से किसान, कृषि वैज्ञानिक समेत अन्य लोग शामिल हुए थे। आयोजन के तीसरे दिन दो सत्रों में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसमें बिहार की सुप्रसिद्ध लोकगायिका मनीषा श्रीवास्तव ने बिदेसिया, जांतसारी, सोहर व महन्दर मिसिर के गीतों समेत अनेक गीतों पर उपस्थित श्रोताओं को खूब झुमाया। मनीषा निरंतर भोजपुरी लोकगीतों में अच्छा काम कर रही हैं। इसके साथ साथ ऐतिहासिक विषयों पर शोध गीत का भी काम कर रही हैं। इनके द्वारा गाये मिलेट्स गीत को राज्यपाल द्वारा लंच किया गया जो मिलेट्स के प्रति लोगों को जागरुक करने वाला है। सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन अभिषेक भोजपुरिया ने किया। कार्यक्रम का समापन कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने किया।
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मैं मनीषा श्रीवास्तव भोजपुरी लोकगायिका सासाराम करगहर की मूल निवासी हूं और वर्तमान समय में पटना में रहती हूं। मैं पिछले 12 वर्षों से भोजपुरी लोकगीत के क्षेत्र में लगातार काम कर रही हूं। मेरी गायकी की शिक्षा मेरे घर से शुरु हुई जिसमें‌ मेरे दादा जी का महत्वपूर्ण भूमिका रहा। मैने संगीत को अपने जीवन में बसाया और संगीत की शिक्षा लिया। मैने संगीत से स्नातक प्रयाग संगीत समिति प्रयागराज विश्वविद्यालय से किया है।
मैने अपने अब तक के संगीतमय जीवन में भोजपुरी लोकगीतों को सहेजने व उसे संवारने का काम किया और निरंतर करती आ रही हूँ। वैसे लोकगीत जो आज के युवा पीढ़ी भूलती जा रही है, जिसको‌ सहेजने की जरुरत है, वैसे गीतों को मैं साज पर स्वर देकर संवारते हुए लोगों के बीच रखने का काम कर रही हूँ। भोजपुरी लोकगीतों के अंतर्गत हमने, बटोहिया, विदेसिया, पूर्वी, बारहमासा, चइता, चइती, होली, कजरी, सोहर, झूमर, पचरा, जांतसारी, धोबिया गीत, जातिय गीत, शृंगार गीत, विवाह गीत, संस्कार गीतों समेत अन्य गीतों को हमने एलबम के रुप में सहेजने का काम किया है जिसे लोग बेहद पसंद करते हैं।
मैने अब तक देश के कई प्रतिष्ठित संस्थानों‌ में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी है। चाहें वो साहित्यिक हों या राजनैतिक हों या फिर अन्य तरह के मंच। हमने सब जगह भोजपुरी लोकगीतों को ऊँचाई प्रदान करने की कोशिश की है। अब तक मुझे विभिन्न मंचों से सैकड़ों सम्मान मिल चुके हैं जिनमें‌ प्रमुख रुप से भोजपुरी के शेक्सपियर कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर सम्मान, पूर्वी के जन्मदाता महेन्दर मिसिर सम्मना आदि शामिल है। मैंने अपने भोजपुरी पारंपरिक लोकगीतों की प्रस्तुति शैली के कारण कई टीवी चैनलों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। इस श्रेणी में डीडी बिहार, महुआ चैनल, बीग गंगा, जी बिहार झारखंड, न्यूज 18 आदि शामिल है। इसके अलावें स्थानीय स्तर पर संगीत की होने वाली कई रियलिटी शो में जज की भूमिका नभाई है।
भोजपुरी लोकगीतों को गाने के क्रम में मुझे ऐसा लगा कि मुझे भोजपुरी लोकगीतों में देश के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को भोजपुरी प्रदेश व भोजपुरी लोकगीतों में खोजना चाहिए। मसलन कि गाँधी जी स्वतंत्रता आंदोलन के लिए जब बिहार आए तब किन किन भोजपुरी क्षेत्रों में गये और वहां से लोक ने उन्हें किस तरह स्नेह दिया। फिर लोक में गाँधी को खोजने निकल पड़ी। इसी बीच पूर्व राजसभा सांसद श्री आर के सिन्हा जी द्वारा बिहार के विभिन्न जिलों में गाँधी यात्रा को लेकर कार्यक्रम तय हुई। 2 अक्टूबर 2019 से 30 जनवरी 2020 तक चलने वाली "गांधी का रामराज्य" गांधी संकल्प यात्रा की शुरुआत भितिहारवा से हुई। 4 महीने की इस यात्रा में मैं पूरे बिहार में गांधी गीतों की प्रस्तुति देने लगी जिसमें वैसे गीत शामिल थे जो चंपारण सत्याग्रह के समय खूब प्रचलित थे। "चरखवा चालू रहे", "सइयां बोअs ना कपास हम चलाइब चरखा", इत्यादि सहित नशा मुक्ति गीत, स्वच्छता अभियान पर गीत गा गा कर छोटे-छोटे गांव और कस्बों में जन जागरण करने लगी। मैंने उन सभी विषय पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जिस पर गांधी जी ने बल दिया था। बेतिया चम्पारण, सिवान, गोपालगंज, बलिया, बक्सर, आदि जगहों का यात्रा किया। इस बीच हमने पाया कि गाँधी जी लोक के रोम रोम में बसे थे। उन्हें स्वतंत्रता आंदोलन के लिए मानसिक तथा आर्थिक रुप से भी तैयार करने में बिहार का भोजपुरी प्रदेश अग्रणी भूमिका निभाया है। तब अंग्रेजों के खिलाफ लोगों में जोश भरने के लिए भोजपुरी लोकगीतों का प्रयोग बहुत अधिक किया जाता था। तब के होने वाले किसी भी सभा की शुरुआत भोजपुरी लोकगीतों से होती थी‌। तब की प्रचलित भोजपुरी लोकगीतों में चरखवा चालू रहे शामिल था जो आज भी लोगों के जुबान पर रहता है।
मैं यह कह सकती हूं कि भोजपुरी लोकगीत व संगीत के लिए प्रतिबद्ध हूं। मैने लोक परम्परा को विश्व पटल पर बनाए रखने के लिए भोजपुरी के पारम्परिक लोकगीतों को गाने और सहेजने के जुनून के साथ अपने पथ पर अग्रसर हूँ। इस मार्ग में आप सबके प्यार व स्नेह का कामना करती हूँ।

Пікірлер: 2
@KaranBisht-ko7rq
@KaranBisht-ko7rq 2 ай бұрын
Nice beautiful stage show sundar prastuti Manisha ji 🌺♥️🌺
@sachchidanandlal5023
@sachchidanandlal5023 3 ай бұрын
जय श्री राधे कृष्ण, बिटिया को सस्नेह प्यार मंगलमय हार्दिक शुभकामनाएं ईश्वर तुम्हारी ख्याति सूर्य के प्रकाश के समान चारों दिशाओं में प्रकाशित करें
Running With Bigger And Bigger Lunchlys
00:18
MrBeast
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Mom had to stand up for the whole family!❤️😍😁
00:39
小蚂蚁会选到什么呢!#火影忍者 #佐助 #家庭
00:47
火影忍者一家
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ТИПИЧНОЕ ПОВЕДЕНИЕ МАМЫ
00:21
SIDELNIKOVVV
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Running With Bigger And Bigger Lunchlys
00:18
MrBeast
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