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कैसे बने एक पंडित से वैदिक तोप || Arya Samaj
पं. मंसाराम जी सबसे प्रतिभाशाली विद्वानों में से एक थे जो पुराणों के विशेषज्ञ थे। उनका जन्म अग्रवाल परिवार (गैर ब्राह्मण परिवार) में हुआ था। इसलिए उन्हें पढ़ाई में काफी दिक्कतें आईं। चूँकि उस समय शिक्षक इतने पक्षपाती थे कि उन्होंने उसे गैर-ब्राह्मण होने के कारण पढ़ाई तो दूर भोजन तक से वंचित कर दिया था।
एक अग्रवाल सेठ जी ने अपने पास से भोजन की व्यवस्था की ताकि वह अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें। पंडित जी के साथ पंडित जी भी नियुक्त किये गये। चमूपति, पं. रुचि राम स्वामी सावंत्रनंद जी द्वारा पुराणों की मिथ्या पर पुस्तक की एक श्रृंखला लिखेंगे।
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