कैसे, गुरुदेव के प्रति कैसी भावना बनानी होती है? || Purnima Satsang, Karontha 2004 || कबीर ज्ञान ||

  Рет қаралды 1,183

ᴍʏ ɢᴜʀᴜ ᴊɪ ᴍʏ ɢᴏᴅ

ᴍʏ ɢᴜʀᴜ ᴊɪ ᴍʏ ɢᴏᴅ

Күн бұрын

Пікірлер: 7
@satgurukabalk8681
@satgurukabalk8681 8 күн бұрын
कति आत्मा नै झंझोड़ द्दे है मालिक आपकी वाणी 😭😭😭बड़ी दया करि दाता 🙏
@_kabirsagar_
@_kabirsagar_ 6 күн бұрын
_जय जय जय बंदीछोड़ की।_
@Rohit_Spiritual
@Rohit_Spiritual 9 күн бұрын
पूर्ण ब्रह्म बंदीछोड़ सतगुरू रामपाल जी महाराज की जय हो
@_kabirsagar_
@_kabirsagar_ 6 күн бұрын
_❤ मोहें राख लियो भगवान हमसे बिगड़ी है।😢_
@mygurumygod
@mygurumygod 9 күн бұрын
Bhakti Bodh/ भक्ति बोध (शिष्य की आधीनता) - दोउकर जोरि गुरुके आगे। करिबहु विनती चरनन लागे।। - अति शीतल बोलै सब बैना। मेटै सकल कपटके भैना।। - हे गुरु तुम हो दीनदयाला। मैं हूँ दीन करो प्रतिपाला।। - बंदीछोड़ मैं अतिहि अनाथा। भवजल बूड़त पकड़ो हाथा।। - दिजै उपदेश गुप्त मंत्र सुनाओ। जन्म मरन भवदुःख छुड़ाओ।। - यों आधीन होवै शिष्य जबहीं। शिष्य पर कृपा करै गुरु तबहीं।। - गुरुसे शिष्य जब दीच्छा मांगे। मन कर्म वचन धरै धन आगै।। - ऐसी प्रीति देखि गुरु जबहीं। गुप्त मंत्र कहै गुरु तबहीं।। - भक्ति मुक्ति को पंथ बतावै। बुरो होनको पंथ छुड़ावै।। - ऐसे शिष्य उपदेशहिं पाई। होय दिव्य दृष्टि पुरूषपै जाई।। (गुरु चरणामृत का महात्मय) - कोटिक तीर्थ सब कर आवै। गुरु चरणाफल तुरंत ही पावै।। - चरनामृत कदाचित पावै। चौरासी कटै लोक सिधावै।। - कोटिक जप तप करै करावै। वेद पुराण सबै मिलि गावै।। - गुरुपद रज मस्तक पर देवै। सो फल तत्कालहि लेवै।। - सो गुरु सत जो सार चिनावै। यम बंधन से जीव मुक्तावै।। - गुरु पद सेवे बिरला कोई। जापर कृपा साहिब की होई।। शिष्य होय सरबस नहीं वारै। हिये कपट मुख प्रीति उचारे।। - जो जिव कैसे लोक सिधाई। बिन गुरु मिले मोहे नहिं पाई।। - गुरु भगता मम आतम सोई। वाके हृदय रहूँ समोई।। अड़सठ तीर्थ भ्रम भ्रम आवे। सो फल गुरु के चरनों पावे।। दशवाँ अंश गुरु को दीजै। जीवन जन्म सफल कर लीजै।। गुरु बिन होम यज्ञ नहिं कीजे। गुरु की आज्ञा माहिं रहीजे।। गरीब, सतगुरु कुं क्या दीजिए, देने कूं कुछ नाहिं। संमन कूं साटा किया, सेऊ भेंट चढाहि।। - गरीब, सिर साटे की भक्ति है, और कुछ नाहिं बात। सिर के साटे पाईये, अवगत अलख अनाथ।। गरीब, सीस तुम्हारा जायेगा, कर सतगुरु कूं दान। मेरा मेरी छाड दे, योही गोई मैदान।। गरीब, सीस तुम्हारा जायेगा, कर सतगुरु की भेंट। नाम निरंतर लीजिए, जम की लगैं न फेंट।। - कोटि शीश तने दे लिए, जम राजा की फेंट। एक शीश देकर देख ले, सतगुरु को भेंट।। - गुरु की आज्ञा माहिं रहीजे।। जीवन जन्म सफल कर लीजे।। - कबीर, गुरु मानुष करि जानते, ते नर कहिये अंध। होय दुखी संसार में, आगे यमका फंद।।
@seemasahu4695
@seemasahu4695 9 күн бұрын
सद्गुरु दया बनाएरखना दाता चरणों से दूर न हो बन्दी छोड़
@AshitBhujelAshit
@AshitBhujelAshit 8 күн бұрын
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
#jaigurudev #satsang 16-03-1995
35:43
JAIGURUDEV Ashram MTR
Рет қаралды 97 М.
UFC 310 : Рахмонов VS Мачадо Гэрри
05:00
Setanta Sports UFC
Рет қаралды 1,2 МЛН
Правильный подход к детям
00:18
Beatrise
Рет қаралды 11 МЛН
अस्तित्व से लो गुरु दीक्षा |
38:15