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कवि गुरु भंवर जी भंवर विजय नगर कवि सम्मेलन में गये तो कई बडे-बडे कवि लोग उनके साधारण से व्यक्तित्व को देखकर असमंजस में पड़ जाते है कि आप खुद लिखते हो या किसी और कि बनाई हुई पढते हो ।
कवियों के व लोगों के सोच उन को देखकर क्या विचार लगा लेते हैं
गुरु जी के खुद से सुने
'मुन्ना लाल कुमावत - मेरे जैसे मूड मति को भी पुनर्जन्म ओके संस्कार बस गुरु जो मिले वह भी कवि भंवर जी भंवर जैसे मिले इस खुशी को मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता गुरु जी को कोटि - कोटि प्रणाम यह सफर यूं ही चलता रहे और जनता जनार्दन को यूं ही लाभान्वित करते रहे अपनी अतीत की स्मृतियों से गुरुजी के गीतों को स्वर देने का काम करने का मैंने भी बीड़ा उठा लिया है आप लोगों का प्यार मिलता रहा तो मैं भी मेरे मकसद में सफल हो जाऊंगा पुनः गुरु जी के चरणों में मेरा वंदन!🙏
#Bhanwar_Ji_Bhanwar_Vijay_Nagar
प्रस्तुति- गुरु कृपा रिकार्डिंग स्टूडियो (बड पीपली नींदड जयपुर राजस्थान,9314621587,9982771587,9694230594)