धान का करनल स्मट रोग नियोवोसिया हाॅरिडा तथा नियोवोसिया वारक्लेयाना द्घारा होता है। ये फफूद धान के दानो के भ्रूण (endosperm) को चारकोल जैसे काले पाउडर में बदल देता है। यह चारकोल जैसा काला पाउडर इन फफूदों के टिलीयोस्पोर होते है। यह यह रोग धान के उत्तम बीज उत्तपादन (Quality Seed Production) में एक गम्भीर समस्या पैदा कर रहा है। रोग की रोकथाम 1. हमेशा प्रमाणित तथा स्वस्थ बीजों का ही इस्तेमाल करें। 2. धान की नर्सरी तैयार करते समय बीजों का उपचार जरूर करें। बीजों का उपचार जैवनियंत्रक जैसे ट्राईकोडर्मा हरजियानम या स्यूडोमोनास फ्लोरीसेंस से 10 ग्रा0/किलो0 बीज के हिसाब से करें। फफूॅदनाशक विटावैक्स से 2 ग्रा0/किलो0 बीज के हिसाब से करें। 3. नाईट्रोजन यूक्त खाद जैसे यूरिया ज्यादा ना डालें। 4. फफूॅदनाशक प्रोपिकोनाजोल (टिल्ट) का छिड़काव धान की बालियो में फूल निकलने से पहले 0.1 % की दर से करें। प्रोपिकोनाजोल (टिल्ट) धान की फसल के लिऐ "सिगंल साॅट" फफूॅदनाशक है क्योंकि यह धान की बालियाॅ निकलते समय होने वाली अन्य बिमारियों जैसे शीथ ब्लाइट (Sheath blight), ब्लास्ट (Blast), तथा सर्कोस्पोरा लीफ स्पाट (Cercospora leaf spot) से भी सुरक्षा करता है।