आखिर क्या राज है रतनगढ़ माता मंदिर सेवड़ा मध्य प्रदेश |

  Рет қаралды 440

Lakshya Shrivastava

Lakshya Shrivastava

Күн бұрын

आखिर रतनगढ़ मंदिर सेवड़ा मध्य प्रदेश का रहस्य क्या है |
Ratangarh Mata temple Datia मध्यप्रदेश के दतिया में विंध्याचल पर्वत पर रतनगढ़ देवी का प्रसिद्ध स्थल विद्यमान है। यह मंदिर मध्य प्रदेश के दतिया जिला मुख्यालय से 65 किलोमीटर दूर मर्सेनी (सेंवढा) गांव के पास स्थित है। यह स्थान पूर्णत: प्राकृतिक और चमत्कारिक है। यहां एक मंदिर रतनगढ़ मां का और दूसरा कुंवर बाबा का है।स्थानीय ज्योतिषी सुधाकर पुरोहित के अनुसार रतनगढ़ माता मंदिर धार्मिक और प्राकृतिक वैभव के साथ डकैतों के आराध्यस्थल के रूप में भी विख्यात है। इसके पास से ही सिंध नदी बहती है। प्रत्येक नवरात्र में हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां माता के दर्शन के लिए आते हैं और मन्नत मांगते हैं। मन्नत पूरी होने पर श्रद्धालुओं द्वारा प्रतिवर्ष सैकड़ों घंटे मां के दरबार में चढ़ाए जाते हैं।
ये है मान्यता
स्थानीय लोगों और यहां आने वाले श्रद्धालुओं की मान्यता है कि रतनगढ़ माता मंदिर की मिट्टी और भभूत में बहुत शक्ति है। इसके कारण जो कोई भक्त बीमार रहता है और यहां आकर भभूत खाता है, उसके सारे रोग दूर हो जाते हैं। इतना ही नहीं मंदिर की मिट्टी खाते ही जहरीले जीवों का जहर भी बेअसर हो जाता है।
विष पर बंधन लगा देते हैं कुंवर बाबा
मान्यताओं के अनुसार कुंवर बाबा रतनगढ़ वाली माता के भाई हैं, जो अपनी बहन से बेहद स्नेह करते थे। कुंवर महाराज जब जंगल में शिकार करने जाते थे, तब सारे जहरीले जानवर अपना विष बाहर निकाल देते थे, इसीलिए जब किसी इंसान को कोई विषैला जानवर काट लेता है तो उसके घाव पर कुंवर महाराज के नाम का बंधन लगाते हैं। इसके बाद इंसान भाई दूज या दिवाली के दूसरे दिन कुंवर महाराज के मंदिर में दर्शन करता है।
क्या है मंदिर का इतिहास
प्रसिद्ध रतनगढ़ माता के मंदिर का इतिहास काफी पुराना है। स्थानीय लोगों के अनुसार मध्यकाल में मुस्लिम शासक अलाउद्दीन खिलजी ने रतनगढ़ पर कब्जा करने की नीयत से सेंवढा से रतनगढ़ आने वाला पानी बंद करा दिया था, तब रतन सिंह की बेटी मांडूला और उनके भाई कुंवर गंगा रामदेव ने अलाउद्दीन खिलजी के फैसले का कड़ा विरोध किया। इस पर नाराज खिलजी ने वर्तमान मंदिर रतनगढ़ वाली माता के परिसर में बने किले पर आक्रमण कर दिया। बताते हैं कि रतन सिंह की खूबसूरत बेटी मांडुला पर भी खिलजी की बुरी नजर थी।
मुस्लिम आक्रमणकारियों की बुरी नजर से बचने के लिए बहन मांडुला जंगल में समाधि ले ली और धरती मां से प्रार्थना की, कि वो उन्हे अपनी गोद में स्थान दें। मान्यता है कि जिस प्रकार सीता मां को पृथ्वी माता ने शरण दी थी, उसी प्रकार राजकुमारी को भी पहाड़ के पत्थरों में एक दरार दिखाई दी, इन दरारों में ही राजकुमारी समा गईं। उसी राजकुमारी को मां रतनगढ़ वाली माता के रूप में पूजा जाता है। तभी से यह मंदिर अस्तित्व में आया। साथ ही उनका राजकुमार भाई कुंवर गंगा रामदेव भी आखिर में युद्ध में शहीद हो गया। इसके बाद इसी मंदिर में उनकी पूजा कुंवर बाबा के रूप में की जाने लगी।
शिवाजी की निशानी है मंदिर
यह मंदिर छत्रपति शिवाजी महाराज की मुगलों के ऊपर विजय की निशानी है। मान्यता है कि 17वीं सदी में छत्रपति शिवाजी और मुगलों के बीच युद्ध हुआ था और रतनगढ़ वाली माता और कुंवर बाबा ने शिवाजी महाराज के गुरु रामदास को देव गढ़ के किले मे दर्शन दिए थे। शिवाजी महाराज को मुगलों से फिर से युद्ध के लिए प्रेरित किया था, फिर जब पूरे भारत पर राज करने वाले मुगल शासन की सेना वीर मराठा शिवाजी की सेना से टकराई, तो मुगलों को पूरी तरह पराजय का सामना करना पड़ा। मुगल सेना को परास्त करने के बाद शिवाजी ने इस मंदिर को निर्माण कराया था
1.यह मंदिर घने जंगलों के बीच किले में स्थित है। यहां देवी मां की मूर्ति के अलावा कुंवर महाराज की प्रतिमा भी स्थापित है।
2. मान्यता है कि इस मंदिर की मिट्टी में इतनी शक्ति है कि इसे खाने से सांप, बिच्छू आदि के जहर का असर नहीं होता है।
3. देवी मां के मंदिर में जो भभूत निकलता है, उसे पानी में मिलाकर रोगी को पिलाने से रोग दूर हो जाते हैं।
4. इंसानों के साथ इस मंदिर में पशुओं का भी इलाज होता है। स्थानीय लोग भाई दूज के दिन पशु को बांधने वाली रस्सी देवी मां के पास रखते हैं। इसके बाद उस रस्सी से दोबारा पशु को बांधते हैं तो वे जल्द ही ठीक हो जाते हैं।
5. मंदिर में दीपावली अगले दिन यानी भाई दूज के दिन विशेष मेले का आयोजन होता है। यहां दूर-दूर से भक्त दर्शन के लिए आते हैं।
6. मान्यता है मंदिर का निर्माण मुगलकाल के दौरान हुआ था। उस वक्त युद्ध के दौरान शिवाजी विंध्याचल के जंगलों मे भूखे-प्यासे भटक रहे थे, तभी कोई कन्या उन्हें भोजन देकर गई थी।
7. स्थानीय लोगों के मुताबिक शिवाजी ने अपने गुरू स्वामी रामदास से उस कन्या के बारे मे पूछा तो उन्होने अपनी दिव्य दृस्टि से देखकर बताया कि वो जगत जननी मां दुर्गा हैं।
8. शिवाजी ने मां की महिमा से प्रभावित होकर यहां देवी मां का मंदिर बनवाया था। मान्यता है कि इस जगह जो भी दर्शन के लिए आता है वो कभी खाली हाथ नहीं जाता है। ‎@Travelwithlakshya #datia #temple #mata #madhyapradesh #madhyapradeshtourism #vlog #mandir #durga #mugalkal #chatrpatishivajimaharaj #daku #chambal #sindh
Ratangarh Mata ka Mandir | रतनगढ़ माता का मंदिर | रतनगढ़ मंदिर का संपूर्ण इतिहास | रतनगढ़ मंदिर |
#ratangarh
#mata_rani
#temple
#mandibhav
#datiya
#रतनगढ़
#रतनगढ़कामंदिर
#मंदिर
Ratangarh mata temple रतनगढ़ वाली माता का मंदिर रतनगढ़ वाली माता
ratangarh wali mata ka mandir
ratangarh mp ratangarh temple datia madhya pradesh ratangarh temple ratangarh wali mata रतनगढ़ का मंदिर
ratangarh mandir
ratangarh temple mp
ratangarh wali mata temple
ratangarh dhaam
रतनगढ़ माता
रतनगढ़ यात्रा रतनगढ़ धाम
दतिया के प्रमुख स्थान
रतनगढ़ मन्दिर
रतनगढ़ माता भाई दूज मेला
bhai dooj mela
ratangarh dham darshan
ratangarh mela
ratangarh

Пікірлер: 2
@AshishAshish-g6u
@AshishAshish-g6u 22 күн бұрын
hi
@AshishAshish-g6u
@AshishAshish-g6u 22 күн бұрын
hiii
escape in roblox in real life
00:13
Kan Andrey
Рет қаралды 75 МЛН
Новый уровень твоей сосиски
00:33
Кушать Хочу
Рет қаралды 4,2 МЛН
Ganesh ji ka pandal Mahijam meia#vlogs  🤩😍🥰
5:15
Naitik vlogs video
Рет қаралды 129