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किस्सा-अंजना पंवन-2,
रचयिता-जाट मेहरसिंह,
गायक-पं0 कर्मपाल शर्मा व साथी,
प्रस्तुति-सोनोटोन कैसेट्स
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1. राम रमी तेरे सर माथे पै क्यूकर पा ग्यी राही तनै,
12 साल मैं आज आण कै क्यूकर शान दिखाई तनै।।
2. चंचल राजा चंचल पंडित चाहिए चंचल हाथी घोड़ा,
चंचल त्रिया ना चाहिए जो राम मिलावै जोड़ा।।
3. कुछ भी सुखड़ा ना देख्या मनै धक्के खाणी नै,
छाती के मां मुक्का मारा अंजना राणी नै।।
4. रात अन्धेरी गिरती पड़ती आग्यी चाल कुटी पै,
रहै तो बेटी की ढालां करके ख्याल कुटी पै।।
5. बहोत देर का अरसा हो ग्या मैं थक लिया फिरता-2,
जंगल झाड बोझड़ा मैं फिरूं अन्जना-अन्जना करता।
6. अंगूठी नै देख पवन झेरे मैं रोया रे,
अन्जना तेरे विराग नै जिन्दगी तै खोया रे।
7. कितै लुक रही हो तै बोल पड़ै नै मैं कद के रूके दे रहा,
ना जल खो दूं प्राण गौरी जी मुटठी में ले रहा।
8. कितै लुक रही हो तै बोल पड़ै नै मैं कद के रूके दे रहा।
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