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किस्सा-जहार वीर कथा-1
दोचस्मी रागनियां
गायक-कर्मपाल शर्मा व मंजु शर्मा
रचनाकार-श्री रामपाल
प्रस्तुति-सोनोटैक कैसेटस
प्रस्तुति वर्ष-1999
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03:13 साची साच बता दे पिया क्यूूं आंखा मैं पाणी
10:53 राणी सुनो खुशी की बात, हो रहा आनन्द के मां गात,
19:15 भिक्षा घाल दिए माई तू भला करै भगवान तेरा
26:26 तेरी शरण मैं आई बाबा हाथ शीश पै धर दे
35:06 दोबारा क्यूं आग्यी राणी ले के वरदान
43:39 लिकड़ महल तै बाहर चली जा तेरा ताली
50:13 मेरा तेरा मां बेटे का नाता री करिए बाछल ख्याल मां
57:17 तुम कौन कहां से हुआ आना
1. साची साच बता दे पिया क्यूूं आंखा मैं पाणी
मैं बेऔलाद कर्म का हीणा के मेरी जिन्दगानी।।
2. राणी सुनो खुशी की बात, हो रहा आनन्द के मां गात,
बाग में आया गोरखनाथ चमन गुलजार हो गया।।
तर्ज-सर पर टोपी लाल हाथ में रेशम का रूमाल
3. भिक्षा घाल दिए माई तू भला करै भगवान तेरा।
चरणों में प्रमाण करूं सूं कर बाबा कल्याण मेरा।।
4. तेरी शरण मैं आई बाबा हाथ शीश पै धर दे,
एक बेटे का वर दे एक बेटे का वर दे।।
5. दोबारा क्यूं आग्यी राणी ले के वरदान,
खाली गोद रहग्यी बाबा लिकडे जां प्राण।।
तर्ज-वफा जिनसे की बेवफा हो गए
6. लिकड़ महल तै बाहर चली जा तेरा ताली।
खानदान की इज्जत खो दी नागन काली।।
7. मेरा तेरा मां बेटे का नाता री करिए बाछल ख्याल मां।
नाना के घर जन्म नहीं लूं माता री, माता री हो जाओ 14 साल मां
8. तुम कौन कहां से हुआ आना।
एक बर की हमको चाहना, तुमको कैसा वर चाहिए
हो छोरा गुणवान, रूपवान बलवान खानदानी घर चाहिए।।
तर्ज-उडे उडे जब जुल्फें तेरी।