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भक्त की यही पुकार कि हे नाथ ! मैं अपनी साधना या गुणों के बल पर नहीं वरन आपके स्वभाव के वशीभूत होकर ही आपकी शरण में आया हूँ। आप करुणालय, वरुणालय हैं सरकार। यही बात मुझे आप तक खींच लायी है.
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विनोद अग्रवाल जी के कुछ प्रेरणादायक सन्देश :
#Govind_Ki_Gali #विनोद_अग्रवाल_जी