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हाल ही मै आयोजित हुए रूमा देवी फाउंडेशन तथा ग्रामीण विकास एवं चेतना संस्थान द्वारा दानजी स्मृति मारवाड़ भजनी पुरस्कार मै “कुंभाराम धनाउ, व मुरालाला मारवाड़ा की प्रस्तुति”
यह पुरस्कार प्रतिवर्ष वीणा पर पारंपरिक भजन वाणी का गायन करने वाले कलाकारों को प्रदान किया जाएगा । पुरस्कार चार श्रेणी - नवोदित कलाकार आयु 20 वर्ष तक, युवा कलाकार आयु 21 से 45 वर्ष, वरिष्ठ कलाकार आयु 45 वर्ष से ऊपर एवं वीणा भजन परंपरा के संरक्षण हेतु विशिष्ठ कार्य करने वाले संगठन, संस्थान या व्यक्ति को प्रदान किया जाएगा ।
हमारा प्रयास रहेगा कि थार की इस विरासत को संरक्षण दिया जाय और नई पीढ़ी को रुबरू करवाने के साथ सिखा कर आगे बढ़ाया जाय।
दानसिंह जी मारवाड़ क्षेत्र के प्रसिद्ध वीणा भजनी कलाकार थे । इन्होने 15 वर्ष कि उम्र में वीणा पर गाना शुरू किया एवं 85 वर्ष कि आयु तक इस कार्य को करते रहे । दानजी अपने जीवन के आखरी समय में भी राजस्थान दिवस कार्यक्रम, राजस्थान कबीर यात्रा जैसे आयोजनों से सक्रिय रूप से जुड़े रहे दानजी ने पारम्परिक वीणा भजन परम्परा के संरक्षण हेतु करने नए कलाकारों को सिखाने का महत्वपूर्ण कार्य किया । दानजी द्वारा सिखाये गए कलाकार दिल्ली, मुंबई, जयपुर, अजमेर सहित देश के विभिन्न शहरों में विभिन्न मंचों पर अपनी प्रस्तुती दे चुके है ।
संस्थान के सचिव विक्रमसिंह - पारम्परिक वाणी गायन के संरक्षण हेतु ग्रामीण विकास एवं चेतना संस्थान ने 20 वर्षों तक दानजी के भजनों को रिकॉर्ड करने का महत्वपूर्ण कार्य किया । संस्थान के पास दानजी द्वारा गाई गई वाणियों कि हजारों घंटों कि ऑडियो रिकॉर्डिंग उपलब्ध है । वर्तमान में इन रिकॉर्ड को डिजिटल करने का कार्य चल रहा है । वीणा, ढोलक एवं कांसीयों पर पारम्परिक वाणी गायन करने वाले कलाकार दानजी स्मृति मारवाड़ भजनी पुरस्कार -2022 हेतु rumadevifoundation.org पर जाके आवेदन कर सकते है ।
पुरूस्कार व सम्मान 30 मार्च को दान सिंह जी की पुण्यतिथि पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में प्रदान किये जाएगें ।