यह भ्रम है, दुनिया में केवल 7 देश में पूरा अंग्रेजी चलता है। बाकी देशों में अपनी भाषा में शिक्षा रोजगार व प्रशासन चलता है। भारत इन्हीं 7 देशों में से अंग्रेजी में आदान प्रदान होता है । इसलिए भारत के लोगो को सभी देशो में अंग्रेजी चलन होने का आभास होता है परन्तु ऐसा नही है। रूस बिल्कुल अंग्रेजी नही चलता, भले किसी स्कूल व कालेज में अंग्रेजी को एक भाषा के रूप में पढ़ते हैं जैसे भारत में हिन्दी माध्यम वाले अंग्रेजी को एक भाषा के रूप पढ़ते हैं.. अतः अंग्रेजी महान नही है संयुक्त राष्ट्र संघ ने अग्रेजी को अन्तरराष्ट्रीय भाषा का दर्जा नही दिया है। संयुक्त राष्ट्र संघ में आफिसियल भाषा के रूप में दर्ज है.. भारत में हिन्दी को राष्ट्रभाषा के रू में दर्जा नही मिला है