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जब भी महाभारत के युद्ध में सबसे उम्र दराज योद्धा की बात आती है , तो लोगो के मन में भीष्म पितामह का नाम सामने आता है. जबकि तथ्य ये है कि भीष्म पितामह नहीं , बल्कि उनके चाचा बहलिक थे जो महाभारत के युद्ध में भाग लेने वाले सबसे उम्र दराज योद्धा थे .
कुरुवंशी राजा प्रतीप के तीन पुत्र थे . देवापी , बहलिक और शांतनु . सबसे बड़े बेटे देवापी को कुष्ट रोग हो गया था , इसी कारण उन्होंने राज्य का त्याग कर वन को प्रस्थान कर दिया था . प्रतापी के दुसरे पुत्र बहलिक थे जिन्होंने स्वयं हीं राज्य का भार वहन करने से मना कर दिया था . इस तरह प्रतापी के सबसे छोटे बेटे शांतनु के पास राज्य आ गया था .
इसी शांतनु के पुत्र देवदत्त हुए जो बाद में जाकर भीष्म के नाम से जाकर प्रसिद्ध हुए . जबकि बहलिक के पुत्र सोमदत्त थे और सोमदत्त के पुत्र भूरिश्रवा . इस तरह बहलिक भीष्म पितामह के पिता शांतनु के बड़े भाई थे जिन्होंने धृतराष्ट्र की विनती पर अपने पुत्र सोमदत्त और पौत्र भूरिश्रवा के साथ महाभारत के युद्ध में कौरवों के पक्ष में भाग लिया था. महाभारत के इस सबसे उम्र दराज योद्धा बहलिक का वध भीम के हाथों हुआ था .
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