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Jai Hind Nursery
Bhiwadi Rajasthan
राष्ट्रीय स्तर पर अगर उत्पादकता देखी जाए तो आम, लीची, केला आदि की प्रति हेक्टेयर उत्पादकता सबसे अधिक है।
फल एवं सब्जियों को बाजार में भेजने से पहले मूल्यवर्धन के मुख्य बिंदु
उपभोक्ता हमेशा ऐसी ताज़ा, मुलायम, कीड़े एवं बीमारी रहित सब्जियों एवं फलों को पसन्द करता है जो देखने में अच्छा लगता है।
कोमल अवस्था पर जब पूर्ण विकास हो जाए तभी तुड़ाई करनी चाहिए।
जड़ वाली सब्जियों जैसे मूली, गाजर को देर में उखाड़ने से जड़ में खोखलापन आ जाता है। यदि प्याज एवं लहसुन को देर तक खेत में छोड़ दिया जाए तो भंडारण में उनकी गुणवत्ता प्रभावित होती है।
सुबह या शाम जब मौसम ठंडा हो तभी तुड़ाई का कार्य करना चाहिए। पटीदार एवं पहल वाली सब्जियों की तुड़ाई जहाँ तक संभव हो चाकू से करना चाहिए।
बाजार में भेजने से पहले उत्पाद को साफ पानी से धोकर छटाई करना बहुत आवश्यक है।
फल एवं सब्जियों को उचित आकार के डिब्बों, टोकरी, दफ्ती के डब्बों पर रखकर भेंजने से बाजार एन मूल्य अधिक मिलता है। जैसे यदि उपलब्ध टमाटर, आम, अमरुद को श्रेणीकरण करके लकड़ी के डिब्बों में बंद करके बाजार में भेजा जाय तो मूल्य अधिक मिलेगा। ऐसा पाया गया है कि अभी भी बहुत से फल एवं सब्जियों को जूट के बोरों, बांस की टोकरी, कागज के गत्तों आदि में रखकर बाजार में भेजा जाता है। इनसे गुणवत्ता तो प्रभावित होती है ही साथ ही साथ उचित मूल्य भी नहीं मिलता है।
आप अपनी मार्केट के अनुसार ही क्रॉप को चुनो तो हमें अच्छा लाभ होता है।
Jai Hind 🫡