क्यों सारे भगवान का जन्म भारत में हुआ? | Neha Rajpput | Sanatan Dharm | Ved | Puaranas

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Dharma LIVE

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Күн бұрын

Пікірлер: 5 400
@Rahuldelhi444
@Rahuldelhi444 Ай бұрын
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत । अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्‌ ॥ भावार्थ : हे भारत! जब-जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होती है, तब-तब ही मैं अपने रूप को रचता हूँ अर्थात साकार रूप से लोगों के सम्मुख प्रकट होता हूँ।
@rockssearcher7773
@rockssearcher7773 24 күн бұрын
जय श्री राधे कृष्णा जी 🙏🙏🙏
@Hehe22-n7d
@Hehe22-n7d 19 күн бұрын
क्या राम‌ कृष्ण अवतार झूठ परोसा है। ऐसा कहना चाहते है‌ अग्रवाल जी। वेदों मे अवतार का उल्लेख नहीं। ठीक है। परंतु राम कृष्ण अवतार भी ठीक है। डीबेट बंद करो यह यह अल्प ज्ञान पर बोल रहे है। हिन्दू ओ कि भावना आहत हो‌ रही है। यह ठीक नहीं। अपनी खैर करे।
@AnnantDhyan
@AnnantDhyan 12 күн бұрын
@@rockssearcher7773 jai shree krishna jii
@bijendersingh6406
@bijendersingh6406 11 күн бұрын
अग्रवाल जी बिल्कुल सत्य बोल रहे है, और बातें सब काल्पनिक है, परमात्मा किसी व्यक्ति विशेष का नाम नहीं है
@exploreindia7805
@exploreindia7805 6 ай бұрын
I am with Aggarwal ji. Jasa jasa i listen you. I become fan of you. Now I will study Arya samaj
@Rashtriye_swamsevak_billa
@Rashtriye_swamsevak_billa 6 ай бұрын
Same I'll also study about arya samaj
@NaveenSharma-qu9jq
@NaveenSharma-qu9jq 6 ай бұрын
Read Satyarth Prakash first.
@KALKIKALIYUG
@KALKIKALIYUG 5 ай бұрын
पूर्ण बकवास है आर्य समाज मेरे भाई।
@shona2262
@shona2262 5 ай бұрын
​@@KALKIKALIYUGtumhare jese budhimaan vyakti ko ishwar sadbudhi de
@KALKIKALIYUG
@KALKIKALIYUG 5 ай бұрын
@@shona2262 पढ़ लिया पूरा? पहले पढ़ लो, बिना पढ़े मैं निष्कर्ष नहीं देता।🙏 सद्बुद्धि की आवश्यकता आपको अधिक है।
@vijendraverma799
@vijendraverma799 5 ай бұрын
यह अच्छी चर्चा है। जब वेद एवं तर्कों के अनुसार सृष्टिकर्ता परमात्मा निराकार, सर्वव्यापी है तो वह सब स्थानों पर पहले ही है तो उसको अवतार लेने की आवश्यकता ही नही है। इसलिए अवतारवाद का सिद्धान्त गलत है। अतः अवतार होने प्रश्न नहीं उठता। जहां भी अवतार का समर्थन किया गया है वह भ्रमात्मक है। अवतारवाद के कारण बहुत से गलत विचार प्रचलित हो गये हैं। जब निराकार है तो परमात्मा की मूर्ती भी नहीं बनाई जा सकती। जड मूर्ति पूजा के कारण मजार पूजा भी प्रचलित हो गयी है और मूर्तियो व मजार पर चढावा चढाने का प्रचार करके जनता को चढावा चढाने के लिए प्रेरित किया जाता और चढावे को प्रचारकों व पुजारियों द्वारा उठा लिया जाति है। कुछ व्यक्ति अपने को ईश्वर या ईश्वर का अवतार बताकर चढावे आदि के द्वारा लूट रहे हैं। विद्वानों का कर्तव्य है कि वेद व तर्क के अनुसार सृष्टिकर्ता परमात्मा, आत्मा, व प्रकृति के गुणों व परिभाषा का सही सही प्रचार करके जनता से अज्ञान को दूर करें।
@hetvantbarot4473
@hetvantbarot4473 5 ай бұрын
Nirakar ka arth bina aakar nahihe.
@mstomar168
@mstomar168 4 ай бұрын
​@@hetvantbarot4473यहां निर उपसर्ग किस अर्थ में है
@mstomar168
@mstomar168 4 ай бұрын
बताओ
@realisticcoments283
@realisticcoments283 4 ай бұрын
@@vijendraverma799 कलिके पहले सत्य, त्रेता, द्वापार युग में भी विद्वान, मनिषि हो चुके हैं. उनका भी आदर करना कर्तव्य है. गीता कहती है: यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत, अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् !! मतलब अवतार होते है. अब बताओ, हम आपका और दयानंद जी का सुने या भगवान श्रीकृष्ण का सुने?
@aryangupta8155
@aryangupta8155 4 ай бұрын
Mujhe ye bata itne sare grah hi prithivi par hi jeevan kyu hi.....
@SharnagatChoudhary-cz1mn
@SharnagatChoudhary-cz1mn 3 ай бұрын
गुरू जी सभी प्रशनों का सीधा और सही उत्तर दिया। और योगी जी ने सिर्फ कहानियाँ बताई।
@ManashaSwarnkar0830
@ManashaSwarnkar0830 6 ай бұрын
वेदों का ज्ञान आज की youth के लिए अनिवार्य है। कृपया कोई भी धर्म से जुड़े सवाल और उसके सही उतर ढूँढने का सही प्रयास करे। वेदों के ज्ञान के पूर्ण ही हम सब भारत वासी हर सवाल के सटीक उतर देने योग्य बनेंगे। 🙏🏻
@saptsindhusindhu2084
@saptsindhusindhu2084 6 ай бұрын
बहुत सही कहा 👍
@tasnimali5659
@tasnimali5659 6 ай бұрын
Jis dharm me bahut saare bhagwan ko puja jata hai use dharm nahi pakkhand kehte hai😃😃😃kaafir
@Kalu69_
@Kalu69_ 6 ай бұрын
आपने कभी वेद पढ़ा है?
@karma.8855
@karma.8855 5 ай бұрын
😂kzbin.info/www/bejne/eai0nGmAjZWdoZIsi=7ygIRMzzNGVR5R4P
@RohitYadav-w4p
@RohitYadav-w4p 5 ай бұрын
बहन जी धर्म तो एक ही है बाकी तो सब मजहब एवं पंत हैं धर्म तो केवल सनातन वैदिक धर्म है
@manasukhbhaipatel4015
@manasukhbhaipatel4015 3 ай бұрын
जिंदगी मे सबको एक बार स्वामी विवेकानंद के पुरे सब ग्रंथो को संपूर्ण अवश्य पढना चाहिए उसके बिना सनातन धर्म को संपूर्ण समजना असंभव है
@getlucky8952
@getlucky8952 2 ай бұрын
Have your studied them yourself?
@VeerSingh-vt5ss
@VeerSingh-vt5ss 2 ай бұрын
प्रणाम आर्य समाजी को। जैसा हमने सुना है सुनते आये है। सभी धर्म के ठेकेदारो को, धर्म गुरुओं को, कथा वाचकों को, जगत गुरूओं, ज्ञानीयों को कोई परमेस्वर का जानकारी नहीं है। वेदों में, उपनिषदों, गीता, महाभारत, रामयण, रामचरितमानस, कुरान, बाईबल, पुराणों में ऋषि, संतों, ज्ञानीयों के विचार लिखा है, अनुभव लिख, ये सभी साहित्य है, काव्य है, गद्ध है। उपन्यास है क्योंकि ये लिखे किसने लिखा जो‌ न तो उस समय पैदा हुआ, न देखने वालों था, सुनने वालो था, तो इनको परमेस्वर से क्यों आंका जाये।
@devendrasinghsingh1986
@devendrasinghsingh1986 20 күн бұрын
इस से संबंधित शास्त्रार्थ सुनें अथवा पढ़ें तब आपकी समझ में आयेगा।🌹🙏🌹
@dwarakadasjansankhyaactban8644
@dwarakadasjansankhyaactban8644 18 сағат бұрын
योगी जी आपने कहा पी के का अर्थ बताया।आपने विशाल क्यो रखा ।आपने कौन से विशाल कार्य किये है।
@MdAbdullah-om7qx
@MdAbdullah-om7qx 2 ай бұрын
सारी बात वेद की रोशनी में होना चाहिए आप का सवाल बहुत ही अच्छा है कि सारे भगवान भारत में कयो आते हैं।जबकि भगवान ने सारी दुनिया की बनाया है
@ShantanuJh
@ShantanuJh 2 ай бұрын
क्योंकि भारत जो अभी है भारत का बहुत छोटा हिस्सा है, जंबू द्वीप के बारे में पढ़ें लगभग पूरी दुनिया ही भारत का हिस्सा था
@nawalkishoreyadav2446
@nawalkishoreyadav2446 2 ай бұрын
भाइ क्या सिर्फ भारतके लोग ही भगवानको पूजते है?आप जहाँ भी नजर उठाके देखो वहाँके लोग किसि न किसि भगवानको पूजते ही हैं जिस देशका जैसा भेष भाषा है ईश्वर वैसा ही है...
@Kingkong-dj7vs
@Kingkong-dj7vs 2 ай бұрын
​@@ShantanuJh Kiyonki bhagwaan unchi jaat ka h isliye usne Bharat me aakar jaatiya banani thi 😂 Neechli jaati waalo ko gulaam banana tha Taake asaraam raam rheem chimyanand raampal Baba radhey maa jese babao ko apna dharm nibhane me asaani ho sake
@gurjarsena6306
@gurjarsena6306 6 ай бұрын
आप बहुत बहुत धन्यवाद दूंगा आर्य समाज का जिन्होंने मेरे जीवन परिवर्तन किया
@yagyabhushansharma1008
@yagyabhushansharma1008 6 ай бұрын
मैं आर्यसमाज और उसके विद्वानों के प्रति श्रद्धा और सम्मान रखता हूं और जानता हूं कि वे सत्य को जानते एवम् समझते हैं परंतु यह भी जानता हूं की आम आदमी वास्तव में ज्ञानी और पंडित नही है।इस एपिसोड में कई कमेंट देखकर लगता है कि सत्य को जानने या स्वीकार करने में उनका ज्ञान समर्थ ही नहीं है। मेरे विचार से इस संबंध में मैं आर्य समाजियों से भी निवेदन करना चाहता हु कि वे मूर्ति पूजा को उस पहली कक्षा के बच्चे के समान समझे कि वह बच्चा अ एक अक्षर है,नही जानता वह अ से अनार ही बोलेगा अगली कक्षा में अ से अनार के साथ अमरूद,अन्नानास, अदरख भी पढ़ता है तब उसे पता चलता है कि अ से बहुत शब्द बनते हैं अ अनार नही एक स्वतंत्र अक्षर है उसी प्रकार यदि मूर्ति पूजक भी यह सत्य जान ले कि मूर्ति में भी भगवान हैं,ठीक वैसे ही जैसे कण कण में हैं,किंतु मूर्ति ही भगवान नहीं है।परंतु पौराणिक मूर्ति को ही भगवान मान बैठा है उसका ज्ञान आगे बढ़ना ही नही चाहता।
@Jiwandarshnam19
@Jiwandarshnam19 6 ай бұрын
आपने सत्य वचन कहा है मान्यवर ❤❤
@dhirendrakumaryadav9977
@dhirendrakumaryadav9977 6 ай бұрын
वाह अदभुत धन्य हैं आप को प्रणाम है
@user-tg8sb6dv1e
@user-tg8sb6dv1e 6 ай бұрын
आस्था का संबंध भाव से है, मूर्ति के रूप में भाव प्रदर्शित किए जाते हैं और उन्हें ही निहिलाया खिलाया और सुलाया जाता है।
@Jiwandarshnam19
@Jiwandarshnam19 5 ай бұрын
@@user-tg8sb6dv1e 🤦‍♂🖐😃😃😃🤣
@bhuwanchandrapandey2525
@bhuwanchandrapandey2525 5 ай бұрын
अत्यंत सहज व सरल अभिव्यक्ति।।ज्ञान का परम तो अ उ म से शब्द ब्रह्म को जान लेना है जो कि ध्वनि ॐ है जिसे माहेश्वर सूत्र में शिव के डमरू से पाण्नी महाराज ने प्रथम बार सुना,। तो *म* मकार से मौनता की अनुभूतिगम्यता हेतु हमारे सामने रख दिया। कोई सांसारिक ध्वनि नही केवल अनहद ॐ😊वही परमब्रह्म:तत्सत।।
@Mr.SAMIKSHAADHIKARI
@Mr.SAMIKSHAADHIKARI 4 ай бұрын
Arya samaj ke logo ko apni baat bade paimane par rakhana chahiye inki bato me logic, reasoning aur authenticity hoti hai❤❤
@NaveenSharma-gq9qj
@NaveenSharma-gq9qj 4 ай бұрын
एक काम करों कोर्ट जाओ तब पता चलेगा तुमको जैसे मुल्ले गएँ थे राम मंदिर पर क्योंकि राम मंदिर जिन सबुतो पर बना है वो तो आर्यसमाज के हिसाब से गलत है
@Artist.Rishikesh
@Artist.Rishikesh 3 ай бұрын
पाखंडी होता है। आर्य समाज बाले
@girrajsinghpachahara2256
@girrajsinghpachahara2256 3 ай бұрын
पाखंदी तो योगी है दोनों प्रश्नों में से एक का भी जबाब और देकर पुराणी के ही गीत गा रहा है जा से जागृति तो बोलता है लेकिन जिद्दी क्यो नहीं मानता। मंगदंत को ओरिजिनल मानता है। ​@@Artist.Rishikesh
@Rishikspeaks
@Rishikspeaks 3 ай бұрын
भाई इनकी बहुत बड़ी संस्था है और प्रचार भी खूब करते हैं इनको लोग मानते ही नहीं हैं क्यूंकि ये विवाद पे उतारू हो जाते हैं अगर इनकी बात na मानो
@Mr.SAMIKSHAADHIKARI
@Mr.SAMIKSHAADHIKARI 3 ай бұрын
@@Rishikspeaks bhai aapke Baton ka Samman hai lekin yah bataiye aaj ke Jamane mein prachar kaun nahin karta hai Sabse Jyada prajati yah Katha vachak hi Karte Hain jinki baten tarksangat Nahin Najar Aati Hain kam se kam Arya Samaj ki baten tarksangat to Najar Aati Hain
@DayaramSuryvanshi
@DayaramSuryvanshi Ай бұрын
योगी विशाल जी ने बहुत अच्छा विश्लेषण किया है इसके लिए मैं आपको बहुत बहुत धन्यवाद जी वाह वाह जी
@deshrajgupta8945
@deshrajgupta8945 20 күн бұрын
Right
@kamaljain8919
@kamaljain8919 3 ай бұрын
मानने वाला मूर्ख और अहंकारी होता है परंतु जानने वाला ज्ञानी और विनम्र होता है।
@puspitamohapatra207
@puspitamohapatra207 5 ай бұрын
I purely agreed with Yogi ji 🙏❤️ . It's really appreciate 👏🙏
@AlomAlom-c2v
@AlomAlom-c2v 4 ай бұрын
Pagol
@GAVS104
@GAVS104 4 ай бұрын
योगी जी कुछ कहें हैं 😂😂😂
@TheHiddenThings
@TheHiddenThings 3 ай бұрын
हम तो केवल बुलडोजर वाले योगी जी को जानते हैं। छपरी कोई भी योगी बन नही जाता।
@truptisekhardeo8719
@truptisekhardeo8719 2 ай бұрын
Acharan se pata chal jata hai , Kaun kitne pani me hai. Ek tota bhi ratta Mar sakta hai par bhasya nehi de sakta . Yogi really heart touching.
@shyamshakya2089
@shyamshakya2089 7 ай бұрын
75 वर्ष k गुरु जी 101%सत्य कह रहे है वेद k अनुसार. Om
@A-KR18
@A-KR18 7 ай бұрын
सिर्फ उम्र से तुम नही बता सकते वो कितना ज्ञानी है😂
@realisticcoments283
@realisticcoments283 7 ай бұрын
आर्य समाजी बडे या तुकाराम महाराज ? तुकाराम जी कहते हैं: वेद अनंत बोलीला , अर्थ इतकाची साधिला, विठ्ठलाशी शरण जावे, निज निष्ठे नाम गावे!!
@Ram-q4u7x
@Ram-q4u7x 6 ай бұрын
​@@A-KR18Yajurveda Aadhya 32 mantra 3 padhke aa khud kabhi ved nahi padha joh padhe hai unhe Gyan deta hai nastik kahika😂
@Ram-q4u7x
@Ram-q4u7x 6 ай бұрын
​@@realisticcoments283ved bada ya tukaram ji Arya samaj wo kahta hai Jo ved mein likha hai ved virudh tum mante hoge hamm nahi
@realisticcoments283
@realisticcoments283 6 ай бұрын
@@Ram-q4u7x वेदका हम आदर करते है; लेकिन आर्यसमाज ने वेदों का अर्थ अपने मनगढंत रूप से किया है. तुकाराम महाराज के साथ तुम्हारे स्वामीने एक कोटी जन्म लिया तो भी बराबरी नहीं हो सकती; तुकाराम महाराज वैकुंठ गये, तुम्हारा महाराज विष से मर गया.
@bhaktisumangovindmaharaj4170
@bhaktisumangovindmaharaj4170 2 ай бұрын
परमात्मा दयालु है । दया गुण रह सकता है पर साकार नहीं हो सकते । वाह भाई वाह , बहुत अछा ज्ञान है
@ajitraonimbalkar3767
@ajitraonimbalkar3767 4 ай бұрын
यैशी चर्चा ये होती रहनी चाहिए ता कि भ्रम समाप्त हो के सत्य सबको पता चले❤
@peejushdutta9892
@peejushdutta9892 4 ай бұрын
योगी जी का ज्ञान इस विषय पर असाधारण है। गुरूजी का ज्ञान अल्प है ,वे अपनी बात को स्पष्ट करने में कुतर्क एवं ज्ञानी दिखा रहे हैं। धर्म का एक अर्थ कर्तव्य भी कहा गया है। व्यक्ति का उच्च आचरण एवं कर्म ही उसे अवतार का रुप देते हैं।
@monikayesth4334
@monikayesth4334 3 ай бұрын
ताऊ dhore ratta हुआ gyan है
@TheHiddenThings
@TheHiddenThings 3 ай бұрын
हिंदुओ का धार्मिक ग्रंथ क्या है _ वेद तो धर्म क्या हुआ वैदिक धर्म , सिम्पल❤
@183Astropankaj
@183Astropankaj 6 ай бұрын
सत्य सनातन वैदिक धर्म सहि है।गुरुजी हर शब्द सहि बोल रहेहै विशाल जि ने सत्य स्वीकार करन चाहिय।
@OomKaurav
@OomKaurav Ай бұрын
M yogi ji ki gaape na sunkar guruji ki baari ka intzaar karta raha bahhh gurujiiii🎉🎉🎉❤❤
@arunthakur5350
@arunthakur5350 6 ай бұрын
🙏🌹धन निरंकार जी 🌹🙏 🙏🌹 परमात्मा को मानना और जानने में बहुत अंतर है 🌹🙏 🙏🌹 परमात्मा शब्द में नहीं आ सकता और कहीं कोई जगह खाली नही है 🌹🙏
@MADHURANA-kt4di
@MADHURANA-kt4di 5 ай бұрын
Yk Rana 29:05
@radheshsharma8588
@radheshsharma8588 3 ай бұрын
पात्र बनो । कहना आसान है किन्तु पात्रता कैसे हो? यम,नियम,साधना,पवित्रता,ध्यान ,समाधी से?? शुद्ध उचाचारण? संस्कृत व्याकरण का ज्ञान ? मंत्रोच्चारण के लिए पात्रता ? ईश्वर को प्राप्त करने के लिए मानव बनना जरूरी है। मानवोचित कर्म करते हुए इस शरीर साधन से ही ईश्वरदर्शन,ध्यान साधना संभव है।
@krishnabarot7701
@krishnabarot7701 6 ай бұрын
हवा जब चलती हे तो उसे महसूस कर सकते है लेकिन देख नही सकते किसी आकर में या दूसरे किसी भी तरह तो इस का मतलब ये थोड़ी हुआ की हवा का अस्तित्व नहीं है, अगर कोई कहता है हवा का अस्तित्व नहीं है तो फिर वह महसूस क्यों होती है। बस इसी तरह भगवान का असित्व है जो दिखता नहीं है लेकिन उसे हम हर जगह महसूस कर सकते है शक्ति स्त्रोत से ।
@divyanshmaharaj2403
@divyanshmaharaj2403 3 ай бұрын
अरे भाई हवा को सिलेंडरो मे भरा गया और देखा भी गया कि कैसी होती है । कोई ईश्वर नही होता है
@vrampathak2234
@vrampathak2234 28 күн бұрын
गुरू जी यहाँ बैठे हुए हैं सिर्फ़ जीतने के लिए चर्चा के लिए नहीं ऐसा प्रतीत हो रहा है
@Brahmachari-df7lk
@Brahmachari-df7lk 6 ай бұрын
दर्शनशास्त्र का वचन है ज्ञानेंमुक्ति: यानी ज्ञान ही मुक्ति का मार्ग है | यानी जब हम वेद और दर्शन शास्त्र पढके ज्ञान प्राप्त करते हैं तब हमें परमात्मा का सही स्वरूप पता चलता है हमें परमात्मा के गुण कर्म स्वभाव के बारे में पता चलता है| बिना ईश्वर को जाने ध्यान साधना व्यर्थ है क्योंकि व्यक्ति ध्यान ही उसी चीज का करता है जिसे वह जानता है बिना ईश्वर को जाने अगर व्यक्ति ध्यान करता है तो वह ध्यान नहीं वह उस व्यक्ति की कल्पना मात्र है| इसलिए मैं आदरणीय गुरुजी के बाद से सहमत हूं हमें ईश्वर को वेदों एवं दर्शन शास्त्र के माध्यम से जानना चाहिए और उसके बाद ध्यान करना चाहिए|
@lalmani358
@lalmani358 Ай бұрын
धन्यवाद जी
@ankursaxena1284
@ankursaxena1284 7 ай бұрын
आपने बिल्कुल सही कहाँ है गुरु जी ने 🙏🕉️
@sirajamani9895
@sirajamani9895 4 ай бұрын
मैं एक मुसलमान हूं और निराकार एकेश्वर का मानने वाला हूं । विशाल साहब मैं और मुझमें मैं के साथ साथ विषय को भटकाने और सरल को कठिन करने के इलावा एक भी सार्थक उत्तर नहीं दे पा रहे । तार्किक और सरलता से समझने लायक अगली श्रंखला में प्रतीक्षा करूंगा ।
@shivdasverma1447
@shivdasverma1447 4 ай бұрын
मुस्लिम हो?? कुरान की खूनी आयते पढ़े हो??
@DevaEkoNaaraayanah
@DevaEkoNaaraayanah 4 ай бұрын
@@sirajamani9895 निराकार एकेश्वर ?🤣 कौनसी क़ुर'आन पढते हो भाई ? तुम्हारा ईश्वर कोई निराकार नही है बस उसे किसी ने देखा नही है ऐसा दावा है पर उसके हाथ पांव मुह सब है और ये क़ुरान ओ हदीस से साबित है ! तुम्हें अपने मज़हब की ही knowledge नही है और दूस्रों पे सवाल उठा rahe ।
@naushadsheik9127
@naushadsheik9127 4 ай бұрын
Tumhe kya malum hai apne dharm ka aapke guruko to gharm ka nam hi nahi malum, aur ex Muslim channel se galat Islam padhrahe ho
@mohdahmaddhaunratanda9001
@mohdahmaddhaunratanda9001 4 ай бұрын
​@@shivdasverma1447Bechara bhakt what's app university Ka gyan pel raho andhkar ki jindagi
@comehere2914
@comehere2914 3 ай бұрын
आएं!! निराकार एकेश्वर इस्लाम में कब से हो गया? पहली बात कुरान में ईश्वर नहीं है अल्लाह और शैतान की जोड़ी है दोनों एक दूसरे के अपोजिट है। दूसरी बात कुरान का अल्लाह निराकार नहीं है क्योंकि वह 7वें अर्श नामक आसमान पर एक तखत पर बैठा है। बैठा वही होगा जिसका कोई आकार होता है। निराकार तत्व एक स्थान पर न तो बैठता है न लेटता है। कुरान ही कहती है अल्लाह ने आदम को अपने हाथों से बनाया है।तो अल्लाह के हाथ भी हैं निराकार कैसे हुआ?
@True-knowledge-HAR-HAR-MAHADEV
@True-knowledge-HAR-HAR-MAHADEV 3 ай бұрын
मेरी दृष्टी से योगी जी भक्त और ज्ञानी हैं और अग्रवाल जी ज्ञानी और भक्त हैं
@ramkrishandhakad1033
@ramkrishandhakad1033 7 ай бұрын
अच्छा मंच है होना ही चाहिए,,सत्य स्पष्ट होकर ही रहता है।वेदो अखिलो धर्ममूलम्।
@rahulhindu2687
@rahulhindu2687 6 ай бұрын
सत्य वचन
@Amrendra612
@Amrendra612 6 ай бұрын
Satya vachan❤
@SajanChaudhary-xg1fw
@SajanChaudhary-xg1fw 2 ай бұрын
बहुत अच्छी बात गुरुजी ने बताई
@SajanChaudhary-xg1fw
@SajanChaudhary-xg1fw 2 ай бұрын
जितने भी अवतार हुए यह धर्म के अनुसार लिए गए हैं आंखें यह सब गलत है इन अवतारों ने मानवता को तार तार किया
@SajanChaudhary-xg1fw
@SajanChaudhary-xg1fw 2 ай бұрын
प्रकृति ही भगवान है
@rajkumarjha7098
@rajkumarjha7098 4 ай бұрын
केवल पढ़ने से पुस्तक ज्ञान होता गुरु से ज्ञान की समझ और सिद्धि प्राप्त होती है
@manbahadurnepali7086
@manbahadurnepali7086 4 ай бұрын
Lगुरुका मतलब है सिन्डिगेट
@Adesh-f5u
@Adesh-f5u 4 ай бұрын
बहन जी आप ऐसी चर्चा निरंतर करती रहे जिससे समाज की आंखें खोल सके आज आज ऐसे लोगों ने समाज में भ्रांति फैला रखी है आज आए दिन मौतें हो रही है
@TanuSonwani-e7x
@TanuSonwani-e7x 4 ай бұрын
गुरूजी पढ़े लिखे गधे हैं ई
@yagyapalsingh3508
@yagyapalsingh3508 22 күн бұрын
धर्म का नाम जानने के लिए एक है। धर्म का ज्ञान बहुत विस्तृत है। सम्पूर्ण वेद में धर्म ही है। इतना विस्तार है धर्म का। परन्तु नाम के रूप में जानने के लिए एक ही नाम है।
@devendrashastri9221
@devendrashastri9221 6 ай бұрын
वेद नित्य, सत्य और शाश्वत ग्रन्थ हैं ! योगी जी को यह पता होना चाहिए कि नित्य सत्य ज्ञान को कभी अपडेट किया ही नहीं जा सकता! जैसे गन्ना मीठा होता है, यह सत्य है , तो क्या भविष्य में कभी गन्ने में उसके मिठास - गुण को अपडेट करने की अपेक्षा होगी, कदापि नहीं!
@anuradhanandanrkyaduvanshi9489
@anuradhanandanrkyaduvanshi9489 6 ай бұрын
Genetic modification ke bare me kya khyal hai?
@devendrashastri9221
@devendrashastri9221 6 ай бұрын
@@anuradhanandanrkyaduvanshi9489 जैनेटिक मोडिफिकेशन के सम्बन्ध में स्पष्ट करें कि क्या जानना चाहते हैं
@devendrashastri9221
@devendrashastri9221 6 ай бұрын
@@anuradhanandanrkyaduvanshi9489 जैनेटिक मोडिफिकेशन के सम्बन्ध में स्पष्ट करें जी, कि क्या कहना चाहते हैं
@tutuhistorian6256
@tutuhistorian6256 6 ай бұрын
गुरु जी का एक बात बहुत अच्छा लगा , लड़ाई आस्तिको के कारण होता है और ये बात सत्य है आज तक जितना भी लड़ाई हुआ है सब धर्म के कारन हुआ है |
@Vaidikdhara
@Vaidikdhara 6 ай бұрын
महर्षि दयानंद सरस्वती जी महाराज की जय कृणवन्तोविश्मार्यम् 🙏🚩
@bhuwanthulangrai
@bhuwanthulangrai 4 ай бұрын
Three of you are humbly requested to not waste this precious time with futile gossips for confusing relegions. The relegion, God and Goddess are True only that are witnessed alongwith the creation by Sun, Moon and the Planets. Apart from above, this earth, plants and animals are also giving witnesses for the Allohim God foretold in the Bible. To clearly know about the Real Divine Parents, you should concern with the teachers into the Zion nearby your hometown. The Zion is Church of God only where the Passover Festivals are often celebrated, but not the other churches. Re-incarnation and Ressuraction both are possible if God desires. For those who are said to be gods themselves in India or any where they are frauds. Because for the re-incarnation, or messenger for the God to come in this world are already predicted in the Bible 2100 to 3500 BC.
@SintuKumar-q8o3d
@SintuKumar-q8o3d 2 ай бұрын
Akmaeakvijdinakvijdinakmaeho
@kushalpalsingh5013
@kushalpalsingh5013 Ай бұрын
वेद सब सत्य विद्याओं का पुस्तक है वेद का पढना पढाना व सुनना सुनाना सब आर्यो का परम धर्म है।
@ooboytrends
@ooboytrends 6 ай бұрын
शास्त्री जी को नमन। वेद ही जीवन है। हम सभी को वेद पढ़ना और पढ़ना परम कर्तव्य है। 🚩🙏🏻
@Radheshyamthakur56941
@Radheshyamthakur56941 3 ай бұрын
वेदों मे मूर्खतापूर्ण बातें लिखी गयी है।मूर्ख बनना चाहते हो तो आपको बधाई
@jasbirsingh-yh4rt
@jasbirsingh-yh4rt 2 ай бұрын
Sahi Baat Kahi ​@@Radheshyamthakur56941
@vloggingplanet6464
@vloggingplanet6464 2 ай бұрын
#sciencejourney par jao aur ved khokar dikhate h kitna gahtiya book hai..
@Radheshyamthakur56941
@Radheshyamthakur56941 2 ай бұрын
@@ooboytrends वेद जैसी घटिया बुक कोई हो ही नही सकता । शायद आपने पढ़ा नही है । स्वध्ययन करो भाई तब पता चलेगा क्या क्या गंदगी भरी पड़ी है।
@user-tg8sb6dv1e
@user-tg8sb6dv1e 5 ай бұрын
मैं भी देखा परम शक्ति को , आवाज भी सुनी , अनुभव तो हर कभी होते रहते हैं । ईश्वर है उसका अस्तित्व भी है और यह सब पारलौकिक चीज हर व्यक्ति को दिखाई नहीं देती और अनुभव नहीं होता‌ ।
@rabindibya1706
@rabindibya1706 3 ай бұрын
Ha mai vi dekhta hu roj o aate hai mera pair dawate hai or kavi laxmi ke rup me to kavi parwati ke rup me mujhe sex karne deti hai or chali jati hai
@romyaromya1229
@romyaromya1229 7 ай бұрын
सही कहा गुरु जी वेद में ही केवल मंत्र है
@DETHEPRAKASH
@DETHEPRAKASH 6 ай бұрын
Mantra sirf Vedo me nahi hai,agar Maa kisi bete se kah rahi waha mat jao gir jayega,to ye usake liye mantra hi hai.....
@bikashraut645
@bikashraut645 6 ай бұрын
Mana kisne kiya ? Par Pramaan keval ved hi hai yeh kehna galat hai ..warna toot jaoge aap
@amitattafe
@amitattafe 6 ай бұрын
Mantra ke mayne hai jisme mann ka tran ho yani jisse mann stambhit ho prasann ho
@VedicYaduvanshi
@VedicYaduvanshi 6 ай бұрын
Upanishad me bhi hai
@rajendrakumartrivedi7256
@rajendrakumartrivedi7256 2 ай бұрын
Yes pls see in Google there are also mantras​@@VedicYaduvanshi
@yagyapalsingh3508
@yagyapalsingh3508 22 күн бұрын
धर्म का नाम, सत्य सनातन वैदिक धर्म। सहमत।
@tathagatjanklyansamiti001
@tathagatjanklyansamiti001 4 ай бұрын
विश्व का ऐसा कौन सा देश है जहां भगवान अवतार लेता है और ज्यादा तर अंध-भक्त मौजूद हैं। भगवान कहीं पर हों कि न हों उसके पचड़े में पड़ते हैं क्यों करके आपस में बाद विवाद वृथा। कल्पित के पीछे पडनते क्यों इन कल्पित देवी देवों की मानव को आज जरूरत क्या जो आप न अपना ताप हरे हर सकती कोई मूरत क्या। जैसी करनी जो करता है वैसी भरनी भर पाएगा। कोई भी देवी देव उसे फिर माफ न ही कर पाएगा। गर सुद्ध आचरण हो जाए अभिशाप स्वयं बरदान बने गर पंचशील धारणा करले इंसान स्वयं भगवान बने।
@HaridevSharma-rc1jv
@HaridevSharma-rc1jv 7 ай бұрын
जैसे राष्ट्र पति की कोई पार्टी नहीं होती ठीक वैसे ही सृष्टि कर्ता ईश्वर का कोई मत महजब पथ सम्प्रदाय आदि अलग से नहीं होता है।। सत्य सनातन धर्म एक है और असत्य झूठ पाखंड मन घडंत पथ अनेक है। जय वेद भगवान्। ओउम्।
@manbahadurnepali7086
@manbahadurnepali7086 4 ай бұрын
ईसिलिए कस्मिर सेभागना पडा पंडिताे काे अाप बेद करते रहे अाैर अाे लाेग गिराेह बनाके अापका जायदाद हडिना चाहाते है
@mahenderpalverma5548
@mahenderpalverma5548 7 ай бұрын
हमारा धर्म सत्य सनातन वैदिक धर्म है।
@shashiprabha9887
@shashiprabha9887 6 ай бұрын
सनातन कोई धर्म नहीं है बल्कि हम खुद सनातनी हैं
@Ram-q4u7x
@Ram-q4u7x 6 ай бұрын
​@@shashiprabha9887bhai pehle dharm shabd ka arth Jano aur sanatan shabd ka arth pehele Sandi viched Karo phir tumhe apne aap pata chal jayega ❤
@SanataniArya83
@SanataniArya83 6 ай бұрын
​@@shashiprabha9887सनातन का अर्थ होता है ,सदा रहने वाला क्या आप का शरीर सदा रहेगा ? अगर आप का उत्तर" नही " है तो फिर सनातन क्या है ?
@shatrugunmajhi5737
@shatrugunmajhi5737 6 ай бұрын
​@@SanataniArya83bhai tera bat sahi hai sada rahne wala sada khane wala Lekin india me 90% mit machhli khata hai ? mit machhli khane wala aadmi hindu hai ki nhi
@shatrugunmajhi5737
@shatrugunmajhi5737 6 ай бұрын
​@@SanataniArya83gussa mat hona tera se jana chahte hai ye log hindu hai ki nhi
@DayaramSuryvanshi
@DayaramSuryvanshi Ай бұрын
श्री यौगी विशाल जी और नेहा, राजपूत और गुरु जी आप 3को बहुत बहुत धन्यवाद जी बहुत अच्छा विश्लेषण किया है
@omkarnathmishra9665
@omkarnathmishra9665 4 ай бұрын
अकथ कहानी है । नेति नेति ।धन्यवाद बहुत बहुत धन्यवाद साधुवाद
@Boot-p5u
@Boot-p5u 7 ай бұрын
Om hi satya h🎉
@princestudiomds
@princestudiomds 4 ай бұрын
जब भी किसी दो लोगों से धर्म संवाद करे तो दोनों का सवाल जवाब का समय निर्धारित करे ताकि अपने समय में रहकर अपने विचार रख सके यहाँ योगी जी को ज़्यादा समय दिया गया गुरुजी को कम समय मिला तय समय नहीं होने का कारण गुरु जी बात को योगी जी बीच में काटते रहे ये सही नहीं है ये न्याय भी नहीं है समय निर्धारित कर संवाद करे
@parbhakarprasad153
@parbhakarprasad153 3 ай бұрын
​@@princestudiomdsअग्रवाल साहेब को हरियाण मे विराजमान साकार हरि बाबा के चरण मे शरण ले के तोडा ज्ञान अर्जन करना चाहिए क्योङ्कि उन सेशबढकर कोई नही है। श्रुत है कि * न हरेश्च परम् न हरेश्च परम्*
@RakeshSharma-cx3jt
@RakeshSharma-cx3jt 7 ай бұрын
योगी जी मैं आपसे सहमत हूं।❤❤❤ भगवान तो सिर्फ अनुभव का भगवान है।
@freefireroorkee
@freefireroorkee 7 ай бұрын
Gud me neem ka anubhav ho sakte hai kya bhai
@mdalirahi67
@mdalirahi67 7 ай бұрын
Tum To yogi Ji Se sahmat Ho Gaye na Kyunki dukaan Tumhara chal raha hai na jitne bhi Brahman Samaj yogi Ji ke Baton Se Sab sahmat hai
@vikramraj1856
@vikramraj1856 7 ай бұрын
Nahi Abe unki baat dheyan se sun pahle thik hai wah bhagwan ko janne ki baat kar rahe hai manne ki nahi tum bhi Jano bhagwan kaun hai kaisa roop hai kya hai kya nahi​@@mdalirahi67
@dalveerrana4906
@dalveerrana4906 6 ай бұрын
Bhagwaan ka anubhav kis sources se hoga.... bta bhai
@SatyendraYadav-v6j
@SatyendraYadav-v6j 3 ай бұрын
gobar ko haluya samgh ke khale
@rahulkalkhanda8148
@rahulkalkhanda8148 23 күн бұрын
लाजपत राय जी को मैं नमन करता हूं के ईश्वर द्वारा रचित वेदों में बताएं सत्य के साथ खड़े हुए हैं
@mayurpalle3481
@mayurpalle3481 4 ай бұрын
संत सतगुरु भगवान आपके चरणों में साष्टांग दंडवत प्रणाम आपका सवाल बहुत अच्छा है योगी जी का उत्तर नहीं दे पाए लेकिन मैं अपने सदगुरु और परमात्मा की कृपा से जो जाना है वह सुनाता हूं जो भगवान का ना हुआ अवतार है वह अपने गुरुजी से एक प्रश्न करते हैं वह प्रश्न में आप से भी कर रहा हूं मेने श्रुति स्मृति शस्त्र पुराणादि है पड़े यथा विधान कर्मों को उनके करके लखा तो भी मेरे मन की चंचलता मिटती नहीं अब बात अवतार भगवान और परमात्मा की करते हैं तो परमात्मा निराकार भी है सरकार भी है और परमात्मा कहते है मैं सर्व आकार में हूं यानी कण कण बस दिखाने वाला चाहिए परमात्मा और भगवान अलग है अलग होते हुए भी एक हैं भगवान हर इंसान है अवतारों को भगवान इसलिए कहा गया है क्योंकि वह परमात्मा के विशेष अंश है वह विश्व के अंश भाव से कह सकते हैं कि मैं ही परमात्मा हूं विशेष अंश यानी ज्ञानियों में श्रेष्ठ वैसे तो हम भी परमात्मा के अंश हैं और हम अज्ञानी है परमात्मा की माया में लुप्त है वैसे भगवान पांच तत्वों को कहा गया है इन्हीं पांच तत्वों से हर जीव का शरीर बना और इन्हीं पांच तत्वों में लय होना है यह परमात्मा का एक खेल है जिसे मानव सत्य मान बैठा है यह नवम बुद्ध अवतार का का ज्ञान है जो भगवान कृष्ण का गीता का ज्ञान है जो अर्जुन को विराट रूप दिखाया था वह कैसा विराट रूप इसमें लोग चमत्कार और कल्पना में फस गए जैसा टीवी में दिखाया जाता है वैसा मान लिया है उसी ज्ञान को बुद्ध भगवान ने सहज रूप से अपने भक्तों के लिए निचोड़ किया इसीलिए मैंने कहा भगवान और परमात्मा अलग है परमात्मा उसकी स्वयंभू लीला को कहा परमात्मा ना कहीं आता है ना कहीं जाता है ना बनता है ना बिगड़ा है अंदर बाहर एक समान वह अंशी है हम अंश है इसीलिए मेरे ज्ञानी भाइयों वेद बहुत बड़े होते हैं नहीं पढ़ पाते हैं इसीलिए प्रतिदिन गीता पढ़िए अपने घर पर जिसमें सभी मानवो का कल्याण छुपा हुआ अधिक जानकारी के लिए पहले अध्यात्म ज्ञान से जुड़े सतयुग में इस ज्ञान को आत्मज्ञान कहते त्रेता में इस ज्ञान को ब्रह्म ज्ञान द्वापर में इस ज्ञान को दिव्य चक्षु और कलयुग में इसे आध्यात्मिक ज्ञान कहते हैं यह जान वही है सतयुग वाला और यह उसे ही मिलेगा जिसका पुण्य उदय हुआ है साधारण आदमी तो अपने कान तक भी नहीं जाने देगा । ओम तत सत विश्वरूप परमात्मा जय हो सदगुरुदेव भगवान की
@jhankranandchaitny75
@jhankranandchaitny75 3 ай бұрын
'वेद'नाम जानने का है ।जानना, देखे 7:57 हुए
@jhankranandchaitny75
@jhankranandchaitny75 3 ай бұрын
'वेद'नाम जानने का है जानना, देखे हुए को दिखाना, वेद है। दिखाया नहीं, सुनाया है शुर्ति है वेद स्वयंभू है जो अपौरुषेय है जो आर्य समाजियों को जानकारी है शुर्ति पौरुषेय है।वेद दर्शाने वाली ऋचायें नारायण, ब्रह्मदेव महिर्षि प्रणीत हैं ब्रह्म विद्या में ऋचाऐं, की सिध्दी(साक्ष)करने को वेद प्रमाण माना जाता है वाकी सब शुर्ति है वेद स्वयंभू अपरोक्ष ज्ञान है अन्य परोक्षज्ञान है।।
@birsingh4625
@birsingh4625 2 ай бұрын
bhai,ved,ki,to,esi,tesi,in,panditp,ne,kardi,sab,jagah,apña,naam,fit,kar,rakha,he,padho,phir,bolna satsahib
@KhagenKhagen-x3r
@KhagenKhagen-x3r 2 ай бұрын
😢😢😢😢
@KhagenKhagen-x3r
@KhagenKhagen-x3r 2 ай бұрын
Bahut dukh ki bat he manushya bahut gyani ho gaye he
@Smile_kukaa
@Smile_kukaa 3 ай бұрын
इन्सान से ऊपर कोई नहीं ! यह आप पर निर्भर करता है कि आप इंसान हों या जानवर ........................? 1 भाषा का अविष्कार -इंसान द्वारा 2.लिखने वाला -इंसान 3. कागज का निर्माण -इंसान 4. वेद पुराण धर्मग्रंथों को लिखने वाला -इंसान 5.स्याही का अविष्कार -इंसान 6.पूरी दुनिया में एकमात्र बुद्धिमान जीव - इंसान 7.भगवान,अल्हा,परमात्मा ,रब, खुदा,गॉड शब्दों कि रचना करने वाला, उच्चारण करने वाला,बताने वाला, प्रमाण देनें वाला भी - इंसान 8. धर्मों कि रचना,निर्माण करने वाला - इंसान जब तक जिवित हों बस बुद्धीमान बनो, इंसानियत रखो ,इंसान होकर मुर्ख नहीं,क्योंकि आपसे से बड़ा इस प्रकृति मैं और कोई नहीं ! ईश्वर कि खोज नहीं, मानव द्वारा अविष्कार हुआ है, और ये मानव सभ्यता का आज तक सबसे विनाशकारी अविष्कार हैं.....? भाई इंसान होकर मूर्खता, भ्रांतियां, अंधविश्वास नहीं, विज्ञान अपनाओ.! जय ज्ञान - जय विज्ञान 🙏🙏🙏
@Singhtechnical90819
@Singhtechnical90819 3 ай бұрын
You are right
@TheHiddenThings
@TheHiddenThings 3 ай бұрын
वेद का अर्थ शायद आपने नही सुना।। वेद का अर्थ है श्रुति । मतलब की सुनना वेद सुनकर लिखा है।
@Smile_kukaa
@Smile_kukaa 3 ай бұрын
@@TheHiddenThings बोलने वाला मनुष्य ही होगा, तभी सुना !!
@TheHiddenThings
@TheHiddenThings 3 ай бұрын
@@Smile_kukaa ईश्वर ने वेद का ज्ञान चार ऋषियों को दिया । और ऋषि मुनि को मौखिकता की अवश्यकता नही होती।।
@d.s.dwivedi8246
@d.s.dwivedi8246 3 ай бұрын
माना की इंसान ही सही है लेकिन इंसान को बनाया किसने, ये सोच और समझ दी किसने? वह कौन है जो इंसान के पहले था और बाद में भी रहेगा ?
@drjyotishankartiwari908
@drjyotishankartiwari908 6 ай бұрын
दुख का कारण क्या है आत्मा शरीर को धारण करता है शरीर के दुख सुख का अनुभव करता है परमात्मा शरीर को धारण नहीं करता इसलिए दुख सुख से पड़े हैं इसलिए परमानंद के आसन पर प्रतिष्ठित है आत्मा और परमात्मा में इतना ही अंतर है परमात्मा सर्वव्यापी है मगर आत्मा सर्वव्यापी नहीं है दोनों दो पदार्थ हैं अतः जीव और परमात्मा का संबंध एक प्रजापत पुत्र के समान है अतः अलख निरंजन है
@Undertaker-qi1lc
@Undertaker-qi1lc 6 ай бұрын
दुःख का कारण सुख है क्योंकि दुःख और सुख पृथक नहीं है जब सुख होता है तभी तो दुःख होता है
@ushanair2266
@ushanair2266 3 ай бұрын
जी बिलकुल सही है जब कोई है ही नही तो प्रसन्न आया कहां से? जी इसका अर्थ है परेमेश्वर निष्कल और सकल दोनो है सिद्ध भी रूप बदल सकते है तो भगवान तो बहत कुछ कर सकते है। दूध में घी जैसे छुपा होता हवैसे भक्ति करने पर देव दर्शन होते हैं 🕉️🪔🔱🕉️
@GAVS104
@GAVS104 4 ай бұрын
कृण्वन्तो विश्वमार्यम्...💐💐💐
@kamtaprasad6140
@kamtaprasad6140 4 ай бұрын
श्री मानव अगर ईश्वर है तो एक वर्ग पर पर क्यों दर्शन देता है यह एक विचाणिय प्रशन है
@ManishEntertainmentmusicCG
@ManishEntertainmentmusicCG 6 ай бұрын
भगवान ने स्वय कहा है मुझे ज्ञान बुद्धि से नही जान सकते ❤❤❤
@laltaprasadprasad1317
@laltaprasadprasad1317 2 ай бұрын
आपने भगवान के मुख से सुना ?
@shubhampatil3223
@shubhampatil3223 2 ай бұрын
Bhgwan swaroop santo k shree mukh se suna h
@studentssupport4687
@studentssupport4687 6 ай бұрын
ईश्वर निराकार है, सर्वशक्तिमान है,अगर वह इच्छा अनुसार साकार रूप धारण करते हैं तो इसमें आश्चर्य की गुंजाइश नहीं। रिषि मुनि निराकार की अराधना करते हैं। लेकिन सर्व साधारण खासकर वह जो पढ़े लिखे नहीं है उनके लिए साकार की अराधना उपयुक्त है। कर्मकांड
@RameshbhaiJadav-db5cx
@RameshbhaiJadav-db5cx 5 ай бұрын
भाई जी भगवान शिव निराकार राजस्थान में आया है इस भषटाचारी दुनिया को खत्म कर नयी श्रेष्ठाचारी दुनिया बनाने 1936 से धरती पर आया है उसका नाम परमपिता परमात्मा शिव निराकार सत्यम शिवम् सुंदरम है ज्योति बिन्दु स्वरूप है अब वह प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा भारत को स्वर्ग बनाने आया है
@manojkumarshaw4196
@manojkumarshaw4196 4 ай бұрын
Sri Gitaji me likha hai dharm ki sthapana ke liye aate hai,
@jasbirsingh-yh4rt
@jasbirsingh-yh4rt 2 ай бұрын
Pahle tha vahan ab vahan Nahin Hai
@manjushachahal4046
@manjushachahal4046 2 ай бұрын
भगवान अगर अवतार लेते, मतलब होते, तो भारत देश, कभी भी गुलाम नही होता।
@shona2262
@shona2262 6 ай бұрын
सतय कभी भी बदलता नही केवल झूठ ही अपडेट होता है. सभी मनुष्य कृत वस्तुएं संशोधन मांगती हैं. ईश्वरकृत कोई वस्तु संशोधित नहीं होती. आप उनको बिगाड अवश्य सकते हैं 🙏🕉️
@sakshisaini9162
@sakshisaini9162 7 ай бұрын
भगवान के सब रूप है निराकार भी आकर भी ज्योति स्वरुप भी, कड़ कड़ मे भी वो है सबके अंदर भी वो है सब वो ही है उसके सिबा कुछ भी नहीं है जिसकी जैसी श्रद्धा है वैसा भगवान को मान लो उसी से बेडा पार हो जायेगा.. जय श्री राम
@freefireroorkee
@freefireroorkee 7 ай бұрын
Sambhav sambhav hota hai asambhav sambhav nahi hota.
@freefireroorkee
@freefireroorkee 7 ай бұрын
Samjhe kuch
@freefireroorkee
@freefireroorkee 7 ай бұрын
Jiska akaar nahi ho sakta use hi to nirakaar kehte hai bhai
@freefireroorkee
@freefireroorkee 7 ай бұрын
Uska aakar ho gya to nirakar nahi ho sakta
@MrGauravdev
@MrGauravdev 6 ай бұрын
Nirakar ka definition...
@AnuragSharma-fy7fj
@AnuragSharma-fy7fj 6 ай бұрын
🙏 हरि ॐ 🙏 यदि वह दयालु है तो वह निराकार कैसे दया तो भाव ही साकार का है , स ईक्षत कथं न्विदं मद्दते स्यादिति स ईक्षत कतरेण प्रपद्या इति । स ईक्षत यदि वाचाऽभिव्याहृतं यदि प्राणेनाभिप्राणितं यदि चक्षुषा दृष्टं यदि श्रोत्रेण श्रुतं यदि त्वचा स्पृष्टं यदि मनसा ध्यातं यद्यपानेनाभ्यपानितं यदि शिश् न विसृष्टमथ कोऽहमिति ॥ इस वचन से स्पष्ट है की परमात्मा ने विचार किया , एवं विचार मन का विषय है और मन सदा निराकार रहते हुए भी साकार में स्थित है , क्योंकि बिना किसी (बुद्धि , चेतना , शक्ति , इंद्री आदि ) साधन के उसका विचार किसी कार्य का नहीं , ठीक उसी प्रकार यदि किसी जड़ पदार्थ में गुण आदि चेतनता नहीं तो वह व्यर्थ है , एवं उस परमात्मा की रचाई श्रृष्टि में जहां भी जड़ता है वहां किसी न किसी रूप में चैतन्य है , जैसे औषधि जड़ प्रतीत होती है किंतु उसमे गुण की चेतनता है , उसी प्रकार बीज जड़ है किंतु उसमे वृक्ष के ज्ञान की चेतनता है और वह ज्ञान ही निराकार से वृक्ष रूप में आकर लेता है , तो हमारा मत यही है की (निराकार एवं साकार इस विषय पर तो शास्त्रार्थ निरर्थक है) क्योंकि जब वही "ईशा वाश्यम इदम् सर्वम्" है तो वही सभी आकर रूप में व्याप्त है और यदि उसका आकार है एवं उसमे चैतन्य है तो वही निराकार रूप में ही है । "ना साकार हूं ना निराकार हूं मैं भक्त के भाव से तदाकार हूं मैं" जहां जैसी दृष्टि हो वैसी ही सृष्टि है(संरचना) है । एवं जहां बात है भारत भूमि पर अवतरित होने की , भारत भूमि के सपूतों में वह प्रबल चेतना शक्ति है जो परमात्मा को पहचान लेती है । वही कहीं खंबे में देखती है , कहीं सिलबट्टे में तो कहीं मिट्टी में कहीं पक्षी में तो कहीं पशु में , जर्रे जर्रे में है झांकी भगवान की किसी सूझ वाली आंख ने पहचान की , अर्थात् भारत भूमि में वह सूझ वाली दृष्टि विकसित है जो परमात्म तत्व को पहचान ही लेटी है ।अब जैसे तिल में तेल है तो उसका प्रयोग तभी होगा जब वह अपने अदृश्य रूप का त्याग कर दृश्य रूप में बाहर आए , उसी प्रकार परमात्मा को भी अपने अदृश्य रूप का त्याग कर अपने दृश्य रूप में आना ही पड़ता है , एवं ऋषि मुनि उन्हे अवतरित करवाने वाला उपकरण सिद्ध होते हैं ।🙏 हरि ॐ 🙏
@AnnantDhyan
@AnnantDhyan 6 ай бұрын
Hari om tatsat 🕉
@SarkarswarupShrivastava
@SarkarswarupShrivastava 3 ай бұрын
Very healthy discussion to find truth . Channel deserves our grateful thanks !
@AbhishekTiwari1111
@AbhishekTiwari1111 7 ай бұрын
महऋषि दयानंद सरस्वती जी की जय।
@realisticcoments283
@realisticcoments283 6 ай бұрын
What is His parampara?
@suryana789
@suryana789 6 ай бұрын
🙏🙏🙏❤️❤️
@suryana789
@suryana789 6 ай бұрын
​@realistiवेद की मन्ये और किसी का नहीं ccoments283
@sanjeevarya8236
@sanjeevarya8236 4 ай бұрын
नेहा जी को ऐसे धर्म संवाद कराने के लिए धन्यवाद।
@NandiniSharma-j9i
@NandiniSharma-j9i Ай бұрын
kzbin.info/www/bejne/hXyvnIKMlM9lipIsi=PLYyCfPCsz0gg9f6
@NandiniSharma-j9i
@NandiniSharma-j9i Ай бұрын
kzbin.info/www/bejne/hXyvnIKMlM9lipIsi=PLYyCfPCsz0gg9f6
@romyaromya1229
@romyaromya1229 7 ай бұрын
वेद सत्य विद्याओं का पुस्तक है। इसमें सब विद्या की जननी है
@bikashraut645
@bikashraut645 6 ай бұрын
Sanskaar dikhao ved me ...yagyapabit or nama Karan sanskaar dikhao ved me ..agar nehin hai toh karte kyun ho ?
@DuBadu-ye3kf
@DuBadu-ye3kf 6 ай бұрын
Chal be
@MadhusudanMadhusudan-e2i
@MadhusudanMadhusudan-e2i 6 ай бұрын
Satya koi praman nhi de sakta,ye anubhuti ka vishay, Bhagwan, Bed , aur ye sab lekar
@MadhusudanMadhusudan-e2i
@MadhusudanMadhusudan-e2i 6 ай бұрын
Satya ka koi praman nhi hota, praman khali anubhuti, debate ek murkhta, jo avi ho raha hai, aur Guru ji jisko khe rahe ho, unka attitude koi gayni insaan ka lakshan nhi hai,isko ( Guru ji) kaha se le aaye.
@rajvashisth4567
@rajvashisth4567 6 ай бұрын
​@@bikashraut645 ये पता है वेद में कितने प्रकार के मुख्य विषय है ???
@RamwatiDevi-y6z
@RamwatiDevi-y6z 21 күн бұрын
योगी जी का ज्ञान अपार है और गुरुजी ज्ञान इनके सामने अल्प है और गुरुजी को अपने ज्ञान का अहंकार भी है
@bklnews7
@bklnews7 6 ай бұрын
वेद ईश्वरीय ज्ञान है
@poonamchandsurana362
@poonamchandsurana362 4 ай бұрын
पुरी चर्चा में शुरुआत से लेकर के अंत तक तर्क से आरंभ होकर के अंत तक दोनों की बातें समानंतर उसी बातों को आपस में पुष्टि कर रहे है लेकिन आर्यसमाजी गुरूजी अपने कल्ट की तरह से संवाद करने के आदी है और लगातार उसीको पुष्टि कर रहे है और विवाद भी स्थापित कर रहे है.. लेकिन चर्चा का अंत तक मज़ा आया.. और ज्ञानवर्धन भी हुआ 😍
@TheHiddenThings
@TheHiddenThings 3 ай бұрын
आर्य समाज किसी व्यक्ति को उलझाता नही तर्क सहित प्रमाणित बाते करता है। या तो या तो नही हे बस बात खत्म।।
@baburam-qy3hf
@baburam-qy3hf 6 ай бұрын
ईश्वर की वाणी वेदों को अपडेट करने की सामर्थ्य ईश्वर के सिवाय किसी में नहीं है।
@opkhutgfhjk
@opkhutgfhjk Ай бұрын
सारी श्लोक मंत्र का का पूरक और प्रार्थना का उतर सिर्फ और सिर्फ *प्रभु यीशु मसीह* मे ही पुरी हो सकती है, प्रभु यीशु पापो हर लेता है| सनातन परमेश्वर् जीवित परमेश्वर् मोक्ष देने वाला परमेश्वर् प्रार्थना का उतर देने वाला परमेश्वर्|
@RishuRaj-ud8lg
@RishuRaj-ud8lg 5 ай бұрын
Yogi ji sach me gyani vyakti h...👌👌👌
@dhananjaysingh8096
@dhananjaysingh8096 7 ай бұрын
सनातन धर्म की जय
@rameshtiwari6457
@rameshtiwari6457 7 ай бұрын
Sanatan Vedic Dharma ! Bolo.
@RakeshSingh-pz3nl
@RakeshSingh-pz3nl 6 ай бұрын
Satya Sanatan Vadikdharm
@arya.bharat5409
@arya.bharat5409 7 ай бұрын
अग्रवाल जी सत्यबोल रहे हैं
@omdutttyagi6553
@omdutttyagi6553 20 күн бұрын
गुरूजी को वेद का ज्ञान शून्य है
@ankushsaini2787
@ankushsaini2787 7 ай бұрын
Are wa arya ji kmal ker diya 🙌🙌🙌🙌
@vinodkumarkhatana2988
@vinodkumarkhatana2988 6 ай бұрын
अति सुन्दर संवाद सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय
@meditation.awekingbyyoga9373
@meditation.awekingbyyoga9373 3 ай бұрын
Pura naam me batata hu.. satya santan vaidik brahmin dharma....
@jaipal7259
@jaipal7259 6 ай бұрын
किसी भी किताब को पढ़ने के लिए आपका पढ़ा लिखा होना काफी है । उस किताब को समझने के लिए उसके जैसा जीवन जीना होता है। जय श्री कृष्णा
@kailashchaturvedi7184
@kailashchaturvedi7184 6 ай бұрын
भारत भगवान का हृदय भगवान हृदय में ही रहते हैं अंग में नहीं
@Brahmachari-df7lk
@Brahmachari-df7lk 6 ай бұрын
भाई आज से ढाई 3000 साल पहले एक ही आर्यावर्त देश था उसमें चक्रवर्ती राजा शासन करते थे| जैस श्री रामचंद्र जी अपने समय में पूरे आर्यावर्त देश के चक्रवर्ती राजा थे| पहले तो देश ही एक था| आपके अनुसार देश मतलब हृदय पहले तो देश ही एक था तो पूरा संसार ही भगवान का हृदय होना चाहिए मतलब आपके अनुसार तब ईश्वर तो कहीं भी अवतार ले सकता था तो भारत में ही क्यों| मैं वेदों को मानने वाला हूं | मेरे लिए वेद ही परम प्रमाण है| वेद में लिखा है न तस्य प्रतिमा अस्ति यानी उसे परमात्मा की कोई प्रतिमा नहीं है यानी उसे परमात्मा के समान कोई भी वस्तु या पदार्थ पूरे संसार में नहीं है| इस मंत्र से जो साफ स्पष्ट हो जाता है कि वह ईश्वर अवतार नहीं लेता बिना शरीर के वह सारी सृष्टि बन सकता है चला सकता है प्रलय कर सकते हैं अथवा अनेक अनेक काम कर सकता है तो उसे अवतार लेने की आवश्यकता नहीं है इसलिए वह अवतार नहीं लेता|
@श्रीहरि-ङ4फ
@श्रीहरि-ङ4फ 6 ай бұрын
@@Brahmachari-df7lk नाम ब्रह्मचारी है... और परमात्मा को रे ते कहकर संबोधित कर रहे हो... ये क्या तरीका है ! ------------------------------------------------- कह रहे हो.. की मै वेद को मानने वाला हूँ / तो क्या.... ये संस्कार वेदों से सीखे हो ! जरा बताना मुझे.. मैं जानने का इच्छुक हूँ ?? ऊँ.
@Brahmachari-df7lk
@Brahmachari-df7lk 6 ай бұрын
@@श्रीहरि-ङ4फ प्रिय भ्राता श्री, टाइपिंग में कोई भी प्रकार से गलती हो उसके लिए माफी चाहूंगा। कृपया करके बोल की खाल मत निकालो।
@श्रीहरि-ङ4फ
@श्रीहरि-ङ4फ 6 ай бұрын
@@Brahmachari-df7lk मिस्टेक एक बार होता है.. बार बार नहीं / खैर --- मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता... मैने ये तुम्हारे लिए कहा.. की अपवाधबोध से बचो ! ----------------------------------------------------------- अब मैं.. चलना चाहूंगा --- हमसे कुछ पूछने की इच्छा है तो पूछ लो ?? ऊँ.
@romyaromya1229
@romyaromya1229 7 ай бұрын
श्री लाजपत राय अग्रवाल जी देश के प्रतिष्ठित अमर प्रकाशन के संस्थापक है। ये अमर स्वामी के शिष्य है। गुरुकुल कांगड़ी के स्नातक है। हजारों पुस्तको के संपादक है। बहुत योग्य पुरुष है।इसीलिए वे टू द प्वाइंट उत्तर दे रहे है। योगी जी आपके सारे प्रश्न का उत्तर बहुत आसानी से मिल सकता है।प्रश्न का उत्तर नही दे रहे योगी जी
@alpanamittal8270
@alpanamittal8270 6 ай бұрын
लाजपत राय जी के वर्णन किसी विद्वान के अनुसार तो नहीं लग रहे हैं....
@logical_joker
@logical_joker 5 ай бұрын
Kyunki wo shabdon ki jalebi nhi bana rhe to maza nhi aa rha hoga​@@alpanamittal8270
@TheHiddenThings
@TheHiddenThings 3 ай бұрын
विद्वान कहते हैं। जो वेद का ज्ञाता हो। और गुरु जी केवल वेद के अनुसार ही अपनी बात कह रहे हैं। उससे अलग नही। ​@@alpanamittal8270
@Nobody-hj6hh
@Nobody-hj6hh 2 ай бұрын
Ekdm sahi kaha apne, uttar santushi vale ni the​@@alpanamittal8270
@Nobody-hj6hh
@Nobody-hj6hh 2 ай бұрын
​@@alpanamittal8270mujhe apse bt krna h kuch
@Undertaker-qi1lc
@Undertaker-qi1lc 6 ай бұрын
ईश्वर कभी आवतरित नहीं होता जब इंसानी समताये और उसके आयाम ऊपर जाने लगते है तो व्यक्ति उसे भगवान मानने लगता है
@shivdhanush3676
@shivdhanush3676 6 ай бұрын
Avatar concept bhakti movement me aya i.e 4th century AD... Hero worship pehle se chalti aa rahi thi especially from mauryan Empire
@KrishnaMourya-ht2hc
@KrishnaMourya-ht2hc 4 ай бұрын
Gadhon ko samajh mein nahin aaega yogi Ji ki baten Sadhu Sadhu sang karna padega yogi Ji ki baten
@sanatandharmgyangangasanat5707
@sanatandharmgyangangasanat5707 4 ай бұрын
परमात्मा प्रेम के वशीभूत होकर अवतार भी लेते है श्री मद भगवद गीता में श्री भगवान यह सत्य बताते हे ईश्वर को पुस्तक से नही निस्वार्थ प्रेम वाली भक्ति से ही जाना जा सकता है मित्र
@Undertaker-qi1lc
@Undertaker-qi1lc 4 ай бұрын
@@sanatandharmgyangangasanat5707 इस दुनिया में ऐसा क़ोई नहीं jiska स्वार्थ ना रहा हो भक्ति के पीछे क़ोई मोक्ष के लिये क़ोई सक्तियों के लिये क़ोई किसी लिये भक्ति करता है. और ये अवतार क्या होता है q🤣🤣🤣avtar🤣matlab अवतरित होना है योनि से नहीं आना aur🤣आपने किसको देखा अवतरित होते हुवै 🤣qq
@DharitriKochari
@DharitriKochari 4 ай бұрын
Jab jab dharti par pap aur anyai badega tab tab avatar ayega uch pap ko mitane .
@laxmiuniyal3115
@laxmiuniyal3115 Ай бұрын
योगी जी वास्तविक रूप से विद्वान, और आत्म ज्ञानी हैं. सनातनी का पूर्ण ज्ञानी, अनुभवी वार्ता के आधार पर प्रतीत होते हैं.अग्रवाल जी मात्र आर्य समाज से समन्धित निरंकार रूप मे प्रभु को विश्वास से सम्बंधित ज्ञानी हैं. जो कि सनातन धर्म का एक पार्ट है. सनातनी दोनों हैं. एक पूर्ण हैं और एक अपने पार्ट के विद्वान हैं. विद्वान सहज और सरल और सौम्य होता है. दोनों ही सनातनियों के प्रधान मंत्री तथा मुख्य मंत्री के रूप मे देश एवं प्रदेश की सेवा कर रहे हैं.
@raghav2k5
@raghav2k5 5 ай бұрын
गुरूजी की बातों में तर्क है l
@princestudiomds
@princestudiomds 4 ай бұрын
जब भी किसी दो लोगों से धर्म संवाद करे तो दोनों का सवाल जवाब का समय निर्धारित करे ताकि अपने समय में रहकर अपने विचार रख सके यहाँ योगी जी को ज़्यादा समय दिया गया गुरुजी को कम समय मिला तय समय नहीं होने का कारण गुरु जी बात को योगी जी बीच में काटते रहे ये सही नहीं है ये न्याय भी नहीं है समय निर्धारित कर संवाद करे
@NickName-o9z
@NickName-o9z 4 ай бұрын
Kutark he
@omprakashgupta8849
@omprakashgupta8849 6 ай бұрын
बिखरे हुए समाज को जो एक सूत्र में बंद है वही धर्म सबसे उत्तम धर्म है
@सत्यसनातनवैदिकधर्मकिजय
@सत्यसनातनवैदिकधर्मकिजय 6 ай бұрын
मेरे को तो इतना खुशी है कि हमारे सनातन धर्म में इतना महान व्यक्ति हैं जो भटके हुए लोगों को राहपे लाने के लिए अपनी पूरी जीवन वैद और ग्रंथ को समझने में और जनता तक पहुंचने में अपने सारा जीवन बिता देते है इस चैनल को मैं सब्सक्राइब किया हूं यही हमारे धर्म के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए जय सियाराम सत्य सनातन वैदिक धर्म कि जय
@kailashchandra9521
@kailashchandra9521 6 ай бұрын
गुरु जी और योगी जी दोनो वीद्वान है परन्तु यदि अंहकार को छोड़ कर सहजता स्वीकार्यता सम्मान का सहारा लिया जाय,ओर सतर्कता से बात कही जाय, प्रमाण तब तक न मांगा जाय जब तक मंथन न करलिया जाय तो संवाद सार्थक होगा!
@kailashchandra9521
@kailashchandra9521 6 ай бұрын
कृपया बताएं कि धर्म क्या है,यह प्रश्न योगी जी से व गुरुजी दोनों से है?
@manjushachahal4046
@manjushachahal4046 2 ай бұрын
एक अच्छा इंसान बन जाओ, ये बहुत बडी बात है, जो किसी को दुःख न दे, बल्कि इंसान के दुःख को कम करने का प्रयास करे,, वो ही देवता है, जो सिर्फ देता है,,,,,
@radheshsharma8588
@radheshsharma8588 3 ай бұрын
भारत विश्व का हृदय है जहां ईश्वर का स्थान है, निवास है। भा में रत प्रकाश में लीन,ज्ञान के प्रकाश में रत रहने से यह स्थान भारत है। एक ब्रह्मनिष्ठ संत सद्गुरु की कृपा से ही आत्मा के स्तर पहुंचकर ही ईश्वर दर्शन संभव है ।
@drjyotishankartiwari908
@drjyotishankartiwari908 6 ай бұрын
परमात्मा सर्वव्यापी है औरनिराकार भी है जीव और परमात्मा में अंतर इतना ही है कि जीव शरीर को धारण करता है परमात्मा शरीर को धारण नहीं करता क्योंकि इसका विशिष्ट गुण निराकार है परंतु प्रत्येक पदार्थ को यह प्रभावित करता है इसलिए यह सर्वशक्तिमान है इसलिए इस अवतार लेने की आवश्यकता नहीं होती विशिष्ट कार्य के लिए आत्मा को प्रेरित करता है इस तरह प्रत्येक पदार्थ इनके अधीन है इसलिए परमात्मा सर्वशक्तिमान है आत्मा का अवतार होता है परमात्माका नहीं इसलिए वेद कहता है परमात्मा के विषय में नत्स्य प्रतिमा अस्ति इसलिए परमात्मा शक्ति के स्रोत हैं
@गुलशनआर्य
@गुलशनआर्य 6 ай бұрын
✌️😎👌
@rakeshvishwakarma2563
@rakeshvishwakarma2563 6 ай бұрын
जब शाश्वत परमात्मा पंचभूतों के द्वारा नश्वर अवतार धारण करता है, तब उसे भगवान कहा जाता है, और भगवान की ही प्रतिमा होती है, परमात्मा के विराट विश्वरूप की प्रतिमा संभव ही नहीं है । आत्मा, परमात्मा का ही स्वरूप है । 🚩जय श्री सीताराम 🙏
@rajendraprasad2321
@rajendraprasad2321 6 ай бұрын
नास्तिको वेद निन्दक:।
@Manoharsingh-et2cq
@Manoharsingh-et2cq 5 ай бұрын
Parampita paramatma nirakar Jyoti Bindu arthat Prakash swaroop hai, sarvashatiman hai, gyan,Pavitrata, Shanti, Shakti, sukh,Prem wa Anand ke sagar arthat sort hain.........parantu sabmain pyapt nahin hai 🙏
@Ghghh-v5l
@Ghghh-v5l 2 ай бұрын
Atma hi Parmatma hai
@dharmyodha4083
@dharmyodha4083 7 ай бұрын
वेद में अवतार: रूपंरूपं प्रतिरूपो बभूव तदस्य रूपं प्रतिचक्षणाय । (ऋग्वेद 6/47/18) ईश्वर विभिन्न शक्तियों द्वारा अनेक रूप बनाकर यजमान के पास प्रकट होते हैं।
@romyaromya1229
@romyaromya1229 7 ай бұрын
आप ने मंत्र ठीक लिखा है।पर उसका अर्थ ठीक नहीं।आप किसी आर्ष विद्वान की व्याख्या में इसको देख सकते है। इसमें जीवात्मा केसा होता है उसका कथन हैं
@sudeshsharma8077
@sudeshsharma8077 6 ай бұрын
अर्थ तो ढंग से कर लेता वेद की ऋचा का।
@chanramachhi6620
@chanramachhi6620 2 ай бұрын
यदा यदा ही धम्रस्य ग्लानिर भवः भारत। भगवत गीता
@sisit1406
@sisit1406 7 ай бұрын
A good song.. जिस अंधे ने परभू देखे नही,वो रूप बताना कया जाने.... हर हरररररर महादेव जी ❤️
@dineshbhusariya8189
@dineshbhusariya8189 3 ай бұрын
मेरे प्रिय दादाजी ने बहुत सुंदर बात कही है
@Brahmachari-df7lk
@Brahmachari-df7lk 6 ай бұрын
मैं वेदों को मानने वाला हूं | मेरे लिए वेद ही परम प्रमाण है| वेद में लिखा है न तस्य प्रतिमा अस्ति यानी उसे परमात्मा की कोई प्रतिमा नहीं है यानी उसे परमात्मा के समान कोई भी वस्तु या पदार्थ पूरे संसार में नहीं है| इस मंत्र से जो साफ स्पष्ट हो जाता है कि वह ईश्वर अवतार नहीं लेता बिना शरीर के वह सारी सृष्टि बन सकता है चला सकता है प्रलय कर सकते हैं अथवा अनेक अनेक काम कर सकता है तो उसे अवतार लेने की आवश्यकता नहीं है इसलिए वह अवतार नहीं लेता|
@sachasachasauda8896
@sachasachasauda8896 3 ай бұрын
स्वयंभू परमात्मा है, सर्व को वचन से प्रकट करने वाला है। ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 18 के अनुसार परमात्मा तीसरे मुक्ति धाम अर्थात् सत्यलोक की स्थापना करके तेजोमय मानव सदृश शरीर में आकार में गुम्बद में सिंहासन पर विराजमान है
@arya.bharat5409
@arya.bharat5409 7 ай бұрын
अग्रवाल जी से हम सहमत हैं
@navneetsharma7521
@navneetsharma7521 6 ай бұрын
जिस परमात्मा ने विशाल ब्रम्हांड को बनाया जिसमे अनगिनत आकाश गंगाए ,तारे,ग्रह बनाये है जिसने विविध प्रकार के जीव जंतु पक्षी ,विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे बनाये और अरबों की जनसंख्या में हर व्यक्ति की पहचान और चेहरा अलग है इतनी विविधता जिस परमात्मा ने बनायीं है उसके लिए अवतरित होना कोनसी बड़ी बात है जो निराकार होकर साकर सृष्टि की रचना करता है वो खुद भी साकर रूप में प्रकट हो सकता है उस सर्वशक्तिमान ईश्वर के लिए कुछ भी असंभव नही है।
@ManishEntertainmentmusicCG
@ManishEntertainmentmusicCG 6 ай бұрын
सत्य ❤❤
@SajidKhan-g5e7s
@SajidKhan-g5e7s 6 ай бұрын
Wo kar sakata hai par karega nahi ye uski attributes ke kilaf ab tum aise bol sakte iswar sabkuch kar sakta to use bhuk bhi lag sakti bachhe bhi paida kar sakta hai aorat se ye sab kar sakata par karega nahi ye uske attributes ke kilaf hai
@shashankkgupta
@shashankkgupta 5 ай бұрын
​@@SajidKhan-g5e7s mat samjha bhai inhe ye us layak nhi hai jo samjh saken 😂 Jab Maine kaha ishvar sarv vidyaman hai to bhai avtak kyun hi lega jab pahle se hi har jagah hai 😂😂
@paleshsardar3838
@paleshsardar3838 5 ай бұрын
Har jaga hai prakat ki khud is nirakar bhada ideilogy ko hamesh ghumate raho
@Manoharsingh-et2cq
@Manoharsingh-et2cq 5 ай бұрын
Bahut sahi Bhaiji
@SanjeevKumar-lf3jp
@SanjeevKumar-lf3jp 6 ай бұрын
YOGI JI NE BAHUT SARAL SAMJHAYA HAI, JABKI GUR JI KE ANDAR AHANKAR PRATAIT HO RAHA HAI
@afzalpatel643
@afzalpatel643 2 ай бұрын
मुझे लगता है कि योगी जी भ्रमित कर रहे हैं इस वजह से गुरु जी को पीड़ा हो रही है जो उनकी बातों से साफ झलक रही है।
@ghanshyamshakya6866
@ghanshyamshakya6866 7 ай бұрын
ईश्वर अवतार ले सकता है उसमें इतनी शक्ति है
@sewaramsahu7234
@sewaramsahu7234 7 ай бұрын
भगवान ने पृथ्वी पर अवतार ले लिया है।
@Ashokkumar-rn3ce
@Ashokkumar-rn3ce 4 ай бұрын
वेद में अवतार का न कोई जिक्र है और न ही आज के कहानी इतिहास से सिद्ध होता है , ईश्वर का अवतार होता है लेकिन इसका विश्लेषण अलग है , ईश्वर का गुण, बल एवं ज्ञान का अवतरीत होता है और अवतरीत हमेशा सच्चे वैदिक अनुयायी मनुष्य के अंदर होती है और जैसा मनुष्य का योग्यता वैसा और उतना हीं ईश्वर का अवतरण उसके कर्म से व्यवहार में आता है, उदाहरण भगवान राम-कृष्ण एवं अनगिनत ऋषि गण , अपने गुण, कर्म, व्यवहार से ही मनुष्य ईश्वर के तुल्य सा दिखने लगता है
@Mechanicalengineer-f5i
@Mechanicalengineer-f5i 4 ай бұрын
Kitni shakti h ishwar m
@stclaresinnovationgroup
@stclaresinnovationgroup 3 ай бұрын
Moorkh. Agyani ishver kabhi majboor nahi ho sakta vo bina pet se paida huve , bina neeche ae bhi sab kuch ker sakta hai😅
@neerajdixit2013
@neerajdixit2013 3 ай бұрын
भारत ही एक ऐसा देश है जिसको माता के रूप में संबोधित किया जाता है जहां माता होती है भगवान वहां ही अवतार लेते हैं
@tel02mayurmunde47
@tel02mayurmunde47 3 ай бұрын
तो ऐसे तो धरती को भी माता कहते हैं ! धरती पर सब देश आते हैं फिर !! मतलब बिना सोचे समझते कुछ भी बोलने का 🤣 क्या logic है भाई तुम्हारा !! अरे इसका reason अलग है ! ये नहीं है कि भारत को माता कहते हैं 😂 इसका असली reason ये है कि भारत भूमि पूरी धरती का एक भौगोलिक केंद्र है और किसी Center से ही अगल बगल वाली भूमि पर असर पड़ता है !! चाहे वो अच्छा हो या बुरा असर !! जब भारत भूमि के लोग पापी हो जाते हैं तो बाकि देश में भी पाप फैलेगा और वहां का वातावरण भी दूषित होगा ! अगर अच्छे पुण्यवान लोग होंगे तो बाकि देश में भी पुण्य फैल जाएगा !! इसलिए भगवान हमेशा भारत में ही अवतार लेते हैं !!
@vandnagupta338
@vandnagupta338 7 ай бұрын
गुरुजी आज की जनरेशन जो अंग्रेजी माध्यम में पढ़ रही है उन्हें हमारे वेद और पुराणों का ज्ञान किस तरह समझाया जाए उस पर योगी जी काम कर रहे हैं ज्ञान आप दोनों का ही असीम है बस शिक्षक आप दोनों अलग तरह के है ।
@freefireroorkee
@freefireroorkee 7 ай бұрын
Aapko agarwaal ji ka nahi pata Sahitya jagat me inka naam hi kafi hai
@freefireroorkee
@freefireroorkee 7 ай бұрын
Kuraan ,baibel,bodho ke granth sabki khaal utari hai agarwaal ji ne. Aapk kya jano inke bare me
@ajitahlawat
@ajitahlawat 6 ай бұрын
योगी जी बहुत बोले चुप नहीं हुए पर उत्तर कुछ भी नही दिया हां कविताएं अच्छी सुनाई 😂😂😂
@ashishniraula235
@ashishniraula235 6 ай бұрын
आँप बताओ कि क्या सत्य हे
@pankajindian...6294
@pankajindian...6294 5 ай бұрын
Yogi ji sawaal ka jawab nhi diya
@YogiAmitanand
@YogiAmitanand 5 ай бұрын
योगी विशाल जी जिस अनुभव की बात कर रहे हैं वह हमारे पूर्व स्मृति होती है, यह प्रयोग हमारे आश्रम में हमने साधको पर किए हैं, पांच साधक को बताया गया कि हमने गधे कि मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा कर दी है यह ईश्वर की स्वरूप हो गई है मूर्ति, जबकि पाँच साधकों को बताया गया कि कृष्ण की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा कर दी गई है अब यह ईश्वर रूप हो गई है मूर्ति, और पांच साधकों को बिना मूर्ति के साधन में बैठाया गया। परिणाम उत्तम थे गधे वाले को गधा ही परमात्मा रूप में बात कर रहा था अनुभव दिला रहा था कृष्ण वालों को कृष्ण रूप में बाते और अनुभव करा रहा था जबकि बिना मूर्ति वालों को वह आनंद का अनुभव कर रहा था और ज्ञान विज्ञान का अनुभव कराया जो बात उनको नहीं बताई गई कभी उन्होंने सुनी भी नहीं थी उस पर तर्क वितर्क कर रहें थे। इसे ही ईस्वर कि कृपा कहते हैं. और योगी होने के नाते हमारे तो अनुभव सभी प्रकार के हैं। अगर किसी को ईश्वर के दर्शन करने हैं जिस रूप में भी करना है वह संपर्क कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे वह ईस्वर नहीं आपकी स्मृति आधारित ईस्वर होगा। ईश्वर के अनुभव को शब्दों में बयां नहीं कर सकते। हमने बहुत प्रयास किया कि उन्हें शब्दों में लिखा जा सके परंतु नहीं लिख सकते जिस प्रकार जब स्त्री पुरुष में संबंध बनाए जाते हैं तो जो आनंद के अनुभूति होती है उन्हें शब्दों में नहीं लिखा जा सकता उसी प्रकार ईश्वर के अनुभव को शब्दों में नहीं लिखा जा सकता। गुरूजी को नमस्कार और योगी जी को अभी और साधना कि आवश्यकता हैं। बहुत-बहुत धन्यवाद जय श्री राम
@KrishnaMourya-ht2hc
@KrishnaMourya-ht2hc 4 ай бұрын
Sadhu santon ka sang karna padega guruji ki baat samajhne ke liye murkhon ko baat samajh mein nahin aaegi
@arvindbhagat3463
@arvindbhagat3463 3 ай бұрын
Correct.
@sureshsuman9710
@sureshsuman9710 3 ай бұрын
हम योगी जी की बात से पूर्णतः सहमत है उन्होंने जो जिस प्रकार सनातन धर्म और सत्य का परिचय दिया है वही सत्य है बाकी सब असत्य है मात्र मूर्खता का परिचय कट्टर पंथ है धर्म तो सिर्फ सनातन है सत्य ही ईश्वरहै
@user-SanatanRaj
@user-SanatanRaj 3 ай бұрын
अन्धभक्त और अंधविश्वासी जो ठहरे।😂😂😂
@YogiAmitanand
@YogiAmitanand 5 ай бұрын
योगी विशाल जी जिस अनुभव की बात कर रहे हैं वह हमारे पूर्व स्मृति होती है, यह प्रयोग हमारे आश्रम में हमने साधको पर किए हैं, पांच साधक को बताया गया कि हमने गधे कि मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा कर दी है यह ईश्वर की स्वरूप हो गई है मूर्ति, जबकि पाँच साधकों को बताया गया कि कृष्ण की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा कर दी गई है अब यह ईश्वर रूप हो गई है मूर्ति, और पांच साधकों को बिना मूर्ति के साधन में बैठाया गया। परिणाम उत्तम थे गधे वाले को गधा ही परमात्मा रूप में बात कर रहा था अनुभव दिला रहा था कृष्ण वालों को कृष्ण रूप में बाते और अनुभव करा रहा था जबकि बिना मूर्ति वालों को वह आनंद का अनुभव कर रहा था और ज्ञान विज्ञान का अनुभव कराया जो बात उनको नहीं बताई गई कभी उन्होंने सुनी भी नहीं थी उस पर तर्क वितर्क कर रहें थे। इसे ही ईस्वर कि कृपा कहते हैं. और योगी होने के नाते हमारे तो अनुभव सभी प्रकार के हैं। अगर किसी को ईश्वर के दर्शन करने हैं जिस रूप में भी करना है वह संपर्क कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे वह ईस्वर नहीं आपकी स्मृति आधारित ईस्वर होगा। ईश्वर के अनुभव को शब्दों में बयां नहीं कर सकते। हमने बहुत प्रयास किया कि उन्हें शब्दों में लिखा जा सके परंतु नहीं लिख सकते जिस प्रकार जब स्त्री पुरुष में संबंध बनाए जाते हैं तो जो आनंद के अनुभूति होती है उन्हें शब्दों में नहीं लिखा जा सकता उसी प्रकार ईश्वर के अनुभव को शब्दों में नहीं लिखा जा सकता। गुरूजी को नमस्कार और योगी जी को अभी और साधना कि आवश्यकता हैं। बहुत-बहुत धन्यवाद जय श्री राम
@viral.indian
@viral.indian 5 ай бұрын
🙏🙏🙏🙏🙏 उत्तम जानकारी
@viral.indian
@viral.indian 5 ай бұрын
जय श्री राम
@viral.indian
@viral.indian 5 ай бұрын
जय श्री कृष्णा
@rajendraprasaddhariya8345
@rajendraprasaddhariya8345 5 ай бұрын
आप की चर्चा महत्वपूर्ण है लेकिन विशाल जो बात कर रहे है वह लावेद बता रहे है चर्चा महत्वपूर्ण हुई क्या शब्द का प्रकट हुआ है वह सत्ता कही पर है जहा विराजमान है लेकिन लाखों लोगों के प्रश्न सभी के उत्तर एक ही शब्द में मिल जाये।
@BabuLal-kq3dl
@BabuLal-kq3dl 4 ай бұрын
शास्त्र कभी अपडेट नहीं होते ,फिर तो हर कोई अपने मन मर्जी से अपग्रेड करेगा, बात रही मंत्रो की गीता में गायत्री मंत्र को अपना स्वरूप बताएं बताया अपना स्वरूप बताया है , वेदों के अंदर निराकार को अवताऱवद नही माना विभूति योग में जिस वस्तु में विशेषता, उसको अपना स्वरूप बताया है साकार रूप में जारे जारे में व्यापक है बात रही,अवतार की जो ईश्वर ने अपने पास रखी है तभी परमेश्वर कहलाता है
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好人小丑
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