क्या स्कूल अब उपयोगी नहीं रह गए : भाग १

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संवाद

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2 жыл бұрын

Are Schools No Longer Useful : Part 1
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डाॅ विनोदानंद झा, ( शिक्षाविद और प्रेरक )
Dr. Binodanand Jha, ( Educationist and Motivator)
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#शिक्षा #नैतिकता #उपलब्धि

Пікірлер: 64
@kumarsaroj8422
@kumarsaroj8422 2 жыл бұрын
आप जैसे शीर्षस्थ व्यक्ति को व्यस्था सुधार मे ं......
@samvad_since_july2020
@samvad_since_july2020 2 жыл бұрын
मेरा प्रयास तब तक सफल नहीं होगा जब तक हर व्यक्ति एक सही समाज और सच्ची शिक्षा का प्रण न ले
@bismritirani9519
@bismritirani9519 2 жыл бұрын
चिंता तो करनी ही चाहिए.सुधार हो चाहे नहीं हो.
@samvad_since_july2020
@samvad_since_july2020 2 жыл бұрын
सुधार भी होगा, चिंता का समाधान हमें खुद करना होगा 🙏🙏
@shashishekhar3396
@shashishekhar3396 2 жыл бұрын
Very nice sir, mind-blowing
@samvad_since_july2020
@samvad_since_july2020 2 жыл бұрын
धन्यवाद 🙏🙏
@nasimakhtar5442
@nasimakhtar5442 2 жыл бұрын
Great sir
@samvad_since_july2020
@samvad_since_july2020 2 жыл бұрын
धन्यवाद 🙏🙏
@manjuarya7674
@manjuarya7674 2 жыл бұрын
कही संस्कार नही है बस विधालय रह गया है।
@samvad_since_july2020
@samvad_since_july2020 2 жыл бұрын
सबकी मेहनत से पुनः विद्यालय अपने प्रयोजन पर जायेगा 🙏🙏
@gopalmishra838
@gopalmishra838 2 жыл бұрын
🙏🙏
@samvad_since_july2020
@samvad_since_july2020 2 жыл бұрын
🙏🙏
@manoharkumarjha6907
@manoharkumarjha6907 Жыл бұрын
Jha sahab I agree your analysis. Thanks
@samvad_since_july2020
@samvad_since_july2020 Жыл бұрын
🙏🙏
@manjuarya7674
@manjuarya7674 2 жыл бұрын
आशीर्वाद की अपेक्षा लिए साझर भारत मिशन प्रेरिका ।
@samvad_since_july2020
@samvad_since_july2020 2 жыл бұрын
शुभकामनाएं 🙏🙏
@mdnazimakhtar3564
@mdnazimakhtar3564 2 жыл бұрын
Thanks sir🙏🙏🙏🙏 अपने बहुत ही महत्वपूर्ण महत्वपूर्ण प्वाइंट समझाए । जो बहुत ही चिंता का विषय है👍👍👍👍
@samvad_since_july2020
@samvad_since_july2020 2 жыл бұрын
चिंतन से ही समाधान की ओर बढ़ना है और पुनः खोई हुई गरिमा को प्राप्त करना है 🙏🙏
@manjuarya7674
@manjuarya7674 2 жыл бұрын
पौराणिक शिक्षा पद्धति ही कल्याणकारी है ।
@samvad_since_july2020
@samvad_since_july2020 2 жыл бұрын
थोड़े नवाचार के साथ पुरानी पद्धति ज्यादा कारगर होगी 🙏🙏
@snext
@snext 2 жыл бұрын
अति सुन्दर सर
@samvad_since_july2020
@samvad_since_july2020 2 жыл бұрын
धन्यवाद 🙏🙏
@manjuarya7674
@manjuarya7674 2 жыл бұрын
मानविये मुल्य कही कही दिख ही जाता है सर दिआ जल रहा है बुझेगा नही ।
@samvad_since_july2020
@samvad_since_july2020 2 жыл бұрын
धन्यवाद 🙏🙏
@DeepakSingh-xi9kg
@DeepakSingh-xi9kg 2 жыл бұрын
In my opinion, the condition has deteriorated a lot but it is still a very strong launching pad for many. This is our government schools which are especially helping girl children. It is an irony, but it is how I take it.
@samvad_since_july2020
@samvad_since_july2020 2 жыл бұрын
निस्संदेह कई लोग आगे बढ़े हैं, कई सारे बाधाएं भी बढ़ गई हैं, आज भी १००% शिक्षित समाज का निर्माण एक स्वप्न ही है 🤔
@arunaman9229
@arunaman9229 2 жыл бұрын
ज्वलंत मुद्दा श्रीमान। बहुत देर हो रही है, यह मुद्दा हर जगह उठनी चाहिए। नहीं तो हमारी व्यवस्था अस्तव्यस्त हो जाएगी।
@samvad_since_july2020
@samvad_since_july2020 2 жыл бұрын
धन्यवाद, मुद्दा भी उठाना है और समाधान भी करना है 🙏🙏
@PritiKumari-tx8dp
@PritiKumari-tx8dp 2 жыл бұрын
PTEC Bishnupur Begusarai Priti kumari
@samvad_since_july2020
@samvad_since_july2020 2 жыл бұрын
🙏
@VidyapatiPublicSchoolPadumker
@VidyapatiPublicSchoolPadumker 2 жыл бұрын
Very nice talk Sir. Really, it's a matter of great concern.🙏🙏
@samvad_since_july2020
@samvad_since_july2020 2 жыл бұрын
मार्ग से भटके हैं कुछ लोग परंतु ज्यादेतर लोग अपनी परंपरा और अच्छाई पर जरूर लौटेंगे यही भारतीय मूल्य हैं 🙏🙏
@amrishmishra7827
@amrishmishra7827 2 жыл бұрын
First View .... Always Loved your beautiful words ...
@samvad_since_july2020
@samvad_since_july2020 2 жыл бұрын
धन्यवाद और शुभकामनाएं🙏🙏
@AnjaliKumari-th8lo
@AnjaliKumari-th8lo 2 жыл бұрын
Very good🙏 sir
@samvad_since_july2020
@samvad_since_july2020 Жыл бұрын
धन्यवाद 🙏
@kumariarchana7263
@kumariarchana7263 2 жыл бұрын
🙏🙏🙏🙏very nice questions sir, we are living in so called intellectual and humane society where this situation is like black spot and plaintive, your video Make our head, heart and soul commove ...need to think over this sensitively
@samvad_since_july2020
@samvad_since_july2020 2 жыл бұрын
बहुत देर होने से पहले इस समस्या का समाधान करना होगा🙏🙏
@amrishmishra7827
@amrishmishra7827 2 жыл бұрын
Bahut खूबसूरती se आपने jabardast baatein batyi ...... Thanks Sir For you Kind words and guidance.... PRANAM TRAINEE DIET DARBHANGA........
@binodanandjha456
@binodanandjha456 2 жыл бұрын
Thanks Amrishji 👍.
@samvad_since_july2020
@samvad_since_july2020 8 ай бұрын
आभार
@swamibhavatmanandamaharaj5455
@swamibhavatmanandamaharaj5455 2 жыл бұрын
Very interpretive and inspiration!
@samvad_since_july2020
@samvad_since_july2020 2 жыл бұрын
बहुत धन्यवाद 🙏🙏
@manjuarya7674
@manjuarya7674 2 жыл бұрын
मोर जिया लौटने को चाहे गुरुकुल वैदिक धर्म की ओर
@samvad_since_july2020
@samvad_since_july2020 2 жыл бұрын
🙏🙏
@187sujeetyadav3
@187sujeetyadav3 2 жыл бұрын
Ptec pokhraira muzaffarpur
@samvad_since_july2020
@samvad_since_july2020 2 жыл бұрын
🙏🙏
@shivamjhadarbhangamithila6159
@shivamjhadarbhangamithila6159 2 жыл бұрын
Sir, माफ कीजिए आज के समय में पढ़ाई ज्ञान अर्जन का नही , बल्कि कमाई का साधन बनता जा रहा है।
@samvad_since_july2020
@samvad_since_july2020 2 жыл бұрын
कथन सत्य है जीविकोपार्जन का साधन पढ़ाई से ज्यादा है लेकिन सदुपयोग हो तो अच्छा है, परंतु उसका दुरुपयोग हो रहा है चाहे साधारण नौकरी हो या शस्त्र या अंतरिक्ष ज्ञान, चिंतनीय है और हम सभी को प्राण लेना होगा इसे संभालने के लिए 🙏
@shivamjhadarbhangamithila6159
@shivamjhadarbhangamithila6159 2 жыл бұрын
@@samvad_since_july2020 sir, में ये साबित कर सकता हूं कि आज के समय में गुरु जैसे पद का मतलब ही नहीं रह गया है,
@souravanand8593
@souravanand8593 2 жыл бұрын
Teache ache recruitment Kiya jaye
@samvad_since_july2020
@samvad_since_july2020 2 жыл бұрын
धन्यवाद, बात तो सही है लेकिन जमीनी स्तर पर कहानी इससे ज्यादा जटिल है 🙏
@aveeshek559
@aveeshek559 2 жыл бұрын
यह आंकड़ा बिल्कुल सत्य है लेकिन चिंतनीय विषय है|
@binaybikram100
@binaybikram100 2 жыл бұрын
यह आंकड़ा बिल्कुल असत्य है. सरकारी विद्यालय के लिए सरकार ने नीति निर्धारित किया कि नियोजन से शिक्षक की बहाली के बाद जो वेतन मद में पैसे बचेंगे,वह विद्यालय के विकास में खर्च किया जाएगा। मान लीजिए एक स्कूल में 20 शिक्षक है जिसमें 15 नियोजित हैं। नियमित और नियोजित के बीच अगर 40000 रु का भी अंतर होता है तो 15 शिक्षकों में ₹600000 प्रति महीना विद्यालय को विकास के लिए मिलना चाहिए था। विद्यालय को कितना मिल पा रहा है! विद्यालय में कितनी सुविधाएं हैं ?आप पता कर लेंगे.
@samvad_since_july2020
@samvad_since_july2020 2 жыл бұрын
आपने सही कहा कि इस तरह सब होना चाहिए, लेकिन कई दशकों के बाद भी हम संपूर्ण शिक्षित समाज, अच्छी और सही शिक्षा के लिए संघर्षरत हैं 🙏🙏
@samvad_since_july2020
@samvad_since_july2020 2 жыл бұрын
चिंतनीय है परंतु समाधान भी हो सकता है बस सभी को अपने से यथाशक्ति प्रयास करना है🙏🙏
@binaybikram100
@binaybikram100 2 жыл бұрын
@@samvad_since_july2020 🙏 क्षमा करेंगे । मुझे विद्यालय में शिक्षण का 27 वर्ष का अनुभव है ।सरकारी विद्यालय की दुर्दशा के लिए केवल विद्यालय को दोषी ठहराया नहीं जा सकता ।मैं एक अच्छे विद्यालय के लिए हमेशा संघर्षरत रहा हूँ। 'संघर्ष' शब्द का प्रयोग करना पड़ा है । वर्ष 1994 नियुक्ति के समय संघर्ष का स्वरूप अलग था, 1.उस समय शिक्षक समय पर आते थे .2.गांव के लगभग सभी वर्ग(सामाजिक या आर्थिक) से बच्चे विद्यालय आते थे। लगभग 20% बच्चे मेधावी होते थे। peer group learning के कारण अधिकांश बच्चों सीख पाते थे।3. लगभग सभी घंटी में शिक्षक वर्ग में मौजूद रहते थे।4. सभी विद्यालय में प्रधानाध्यापक होने के कारण अनुशासनिक एवं प्रशासनिक व्यवस्था काफी हद तक ठीक/ अच्छा था।5. प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय के लिए निरीक्षण एवं नियंत्रित पदाधिकारी अलग अलग थे। जिससे पदाधिकारियों के पास काम करने का समय होता था। दलाल एवं बिचौलिए काफी कम थे । पदाधिकारियों का नैतिक, प्रशासनिक स्तर भी अभी के पदाधिकारियों की तुलना में उच्च था। जिसके कारण शिक्षा विभाग एक व्यवस्था थी। 6. लॉ एंड ऑर्डर की व्यवस्था उस समय अच्छी थी। शिक्षक निर्भीक होकर सुदूर विद्यालय पहुंचते थे और काम करते थे। लेकिन उस समय सबसे अधिक विद्यालयी व्यवस्था में कमी या कमजोरी जो मुझे प्रदर्शित हो रहा था वह था...1. शिक्षकों का दकियानूसी व्यवहार .. 2. घिसी पिटी पुराने तरीके से अधिगम योजना एवं वर्ग का संचालन करना। 3. नवाचार एवं वर्ग कक्ष से बाहर बच्चों को ले जाने से परहेज करना 4. नए एवं उत्साहित शिक्षकों को हतोत्साहित करना। 5. विद्यालय में आर्थिक संकट एवं भौतिक संसाधनों की कमी 6. विद्यालय का अलचीला प्रशासन। धीरे-धीरे व्यवस्था खराब होती गई, प्रधानाध्यापक सेवानिवृत्त होते गए एवं प्रभारी प्रधानाध्यापक जो मैट्रिक योग्यता धारी थे उन्होंने विद्यालय का प्रशासन अपने हाथ में लिया।प्रभारी शिक्षक की कम योग्यता, पद हेतु गिरती नैतिकता एवं कमजोर व्यवस्था होते देख अधिकारियों ने अपनी नैतिकता को त्याग दिया। धीरे-धीरे विद्यालय विवाद का केंद्र हो गया। शिक्षा अधिकारी अपना उल्लू सीधा करने लगे या दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि विद्यालय की चिंता छोड़ अपनी चिंता में दलाल के द्वारा पैसे की वसूली कर विद्यालय को बदहाल एवं विवाद का केंद्र बना दिया। इस बीच प्राइवेट शिक्षण संस्थान तेजी से उभरने लगे ।प्राइवेट शिक्षण संस्थान ने शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों का सम्मान समारोह ,जॉइनिंग समारोह ,विदाई समारोह आयोजित करने लगे । शिक्षा विभाग के पदाधिकारी उपहार ग्रहण करने लगे । विद्यालय में भौतिक संसाधन ,शिक्षक, प्रशिक्षण सभी कुछ होते हुए भी अनुशासनहीनता ,विवाद एवं विवाद को हवा देने वाले दलाल बिचौलियों के साथ प्रखंड से लेकर जिला में पदस्थापित शिक्षा पदाधिकारी ,जनप्रतिनिधि ,पत्रकार, स्थानीय अपराधी, शिकायत निवारण तंत्र की अकर्मण्यता के कारण विद्यालय काम करने वाले शिक्षक अभी भी मजबूर बेबस होकर विद्यालय में कार्य कर रहे हैं। महाशय ,विद्यालय में कौन शिक्षण कार्य करेंगे इसको सरकार तय करती है। विद्यालय प्रबंधन को कोई स्वायत्तता नहीं है। हद तो तब हो गई जब सारे कार्यक्रम सरकार द्वारा तय किए जा रहे है। लर्निंग प्लान, चेतना सत्र ,विद्यालय में पढ़ाए जाने वाले विषयों एवं पाठों का निर्धारण ,कैचप कोर्स fit India सुरक्षित शनिवार इत्यादि इत्यादि का प्रतिवेदन जमा किया जाता है। सरकार के हर एक फरमान का अनुपालन पदाधिकारी सुनिश्चित करवाते रहे हैं तो फिर भी कहा जाता है कि विद्यालय में अधिगम नहीं हो रहा। आखिर शिक्षक कर क्या रहे हैं? पदाधिकारी किस बात का प्रतिवेदन दे रहे हैं? उनके प्रतिवेदन से विद्यालय में सुधार क्यों नहीं दिख रहा है? महाशय, जब शिक्षक हर कार्य का प्रतिवेदन ससमय समर्पित करते हैं तो क्यों कहा जाता है कि विद्यालय में कार्य नहीं होते ,अधिगम नहीं होता है। शिक्षा की बात सभी कर रहे हैं लेकिन विद्यालय के हालात को नजदीक से देखने के लिए कोई नहीं आता। 27 वर्ष का मेरा अनुभव है कि विद्यालय की समस्या को नजदीक से जानने हेतु एक भी #गंभीर निरीक्षण, सर्वेक्षण, साक्षात्कार नहीं किया गया। लेकिन सरकार को सब कुछ मालूम रहता है . विद्यालय के सभी हालात कैसे पता चल जाता है ? वे समस्या को खुद समझते हैं खुद निवारण का प्रयास करते हैं लेकिन समस्या ज्यों का त्यों रहती है।🙏🙏
@binodanandjha456
@binodanandjha456 2 жыл бұрын
धन्यवाद विनय जी।आपका विचार एवं विश्लेषण सराहनीय है। हम मिलकर सत् प्रयास करेंगे। आगे भी इन मुद्दों पर हम बहस जारी रखेंगे।
@SubeshThakur
@SubeshThakur 2 жыл бұрын
🙏🙏
@samvad_since_july2020
@samvad_since_july2020 2 жыл бұрын
🙏🙏
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00:59
dednahype
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