बार बार सुने जाने योग्य साक्षात्कार! समग्रता में पूछे गये प्र्श्न रोचकता और जानकारी की एक खूबसूरत कड़ी निर्मित करते हैं जो दर्शक को अन्त तक बाँधे रखती है। मधुरेश नामक आलोचना के encyclopediya को पन्ने दर पन्ने खोलने की सफल कोशिश की बधाई पांचाले जी ...लवलेश जी ...और मधुरेशजी जैसे मौन तपस्वी को नमन ...🙏
@dr.pankajsharma30054 жыл бұрын
साहित्य प्रेमियों के लिए बहुत प्रेरणादायक और उपयोगी साक्षात्कार। रणजीत जी ने इस प्रतुतिकरण को बहुत सहज और रुचिकर बना दिया है। हार्दिक बधाई🌷
@adityarai66744 жыл бұрын
डॉ. लवलेश दत्त जी का हार्दिक धन्यवाद। आशा है हमें आगे भी इस तरह के साक्षात्कार देखने को मिलते रहेंगे।