👏महोदय आपने बातायी हुई पहली कथा, ऊसमे जैसे नंदिता की स्थिती है वेसे कई नंदिता मिल जायेगी. मिस्टर मिसेस शर्मा जी के तरह लोग भी अभि भी है, समाज मोहल्ला, क्या कहेगा इस्की ही परवाह करते है. भले ही रीती रीवाज पुराने हो लेकीन वह आज भी लेके आहे जा रहे है, आकाश भले ही उच्च जाति से हो, लेकीन शर्मा जी की बेटी नंदिता को सोप सकते थे. झुट मूठ की परंपरा, को लेके आगे जाने वाले ऐसे बहुत पिता माता, शर्मा जी है. साथ ही साथ आकाश काबिल पती हो सकते है जिम्मेदारी ले तो वह सफल हो सकते थे. अंत में नंदिता जी मृत्यू प्राप्त हूई 😢