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"ल्हासा की ओर" (Lhasa Ki Aur) एक उत्कृष्ट कृति है जिसे क्षितिज (Kshitijj) ने रचा है। यह कविता भारतीय संस्कृति, भूलों का इतिहास और पर्यटन के महत्व के बारे में है। "ल्हासा की ओर" में ल्हासा, तिब्बत की राजधानी, के रहस्यमय और प्रेरणादायक स्वरूप का वर्णन किया गया है। इस कविता में प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक महत्व और धार्मिक अर्थ को बखूबी उभारा गया है। ल्हासा की ओर यात्रा का अनुभव कविता के माध्यम से पाठकों को गहराई और प्रेरणा प्रदान करता है।