बापूजी को हमारा प्रणाम परंतु उस देश मैं पहुंचने का रास्ता क्या है कबीर जी ने सबका खण्डंन क्या है एक बाणी मे कहा ना मे जप मे ना मे तप ना मे वृत उपवास में ना मे मंत्र योग किर्या कल्पना में ढूंढे तो मिल जाओ एक पल की तलाश में मैं तो तेरे पास जो पास में है उसको कैसे पहचाने कृपया कृपया बताएं जी धन्यवाद जी