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@SundarGopalDas || Jagannath Ji Birthday || भगवान जगन्नाथ को स्नान कराने की परंपरा मंदिर के स्थापना समय से चली आ रही है। इस दिन प्राचीन प्रतिमाओं को गर्भगृह से बाहर रखा जाता है। पुजारी व भक्तजन भगवान की प्रतिमाओं को मंदिर की बावली के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कराते हैं। इसके बाद प्रतिमा को फिर से गर्भगृह ले जाकर स्थापित कर दिया जाता है। ऐसी मान्यता है कि स्नान करने से भगवान बीमार हो जाते हैं, तब भगवान 15 दिन तक आराम करते हैं और मंदिर के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं। भगवान को ठीक करने के लिए काढे़ का भोग लगाया जाता है। मंदिर के पट बंद होने के बाद श्रद्धालु मंदिर तो आते हैं, लेकिन बाहर से ही मत्था टेककर लौट जाते जाते हैं।
देव स्नान पूर्णिमा को जब जगन्नाथ जी हो जाते हैं बीमार ,तब पुरी में कैसे कराया जाता है स्नान !!!
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Jagannath Snan Yatra 2024 : रथ यात्रा का आरंभ भगवान जगन्नाथ के अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के स्नान यात्रा से माना जाता है, इसे देव स्नान पूर्णिमा भी कहते हैं। The Snana Yatra (Odia: ସ୍ନାନ ଯାତ୍ରା) is a bathing festival celebrated on the Purnima (full moon day) of the Hindu month of Jyeshtha. It is an important festival of the Jagannath devotees. It is the birth day of lord Jagannath