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कन्हैया मुझे ऐसा बनाइयो मोर री ना नाचू किसी के आगे
ना नाचू किसी के आगे ना नाचू किसी के आगे
कन्हैया मुझे .......
जब जब मै वृंदावन जाऊ
नाच नाच मै तुझे दिखाऊ
कन्हैया तुम ऐसो रचाइयो खेल री ना नाचू किसी के आगे
कन्हैया मुझे.......
तेरी मेरी प्रीत पुरानी
जब से मै गोने मे आनी
कन्हैया तुम ऐसी निभाइयो प्रीत री ना रोऊ किसी के आगे
कन्हैया मुझे...........
मेरे नैना तुमसे लागे
ओर कही अब जी ना लागे
कन्हैया तुम ऐसा रचाइयो खेल री ना नैना किसी से लागे
कन्हैया मुझे..........
ऐसा मोर बनाइयो कान्हा
छूट जाए जग से आना जाना
कन्हैया तुम ऐसा निभाइयो साथ री दम निकले तुम्हारे आगे
कन्हैया मुझे.........