Рет қаралды 906,290
#भादरियाराय
#navratri new song
#भादरिया राय का मंदिर का इतिहास
🛑🛑🛑🛑🛑🛑🛑🛑🛑🛑🛑🛑🛑🛑🛑🛑
भाटी वंश की कुलदेवी श्री (#स्वांगिया जी)भादरिया राय माताजी
यह मंदिर जोधपुर- जैसलमेर मार्ग पर धोलिया गांव से 9 किमी उत्तर में स्थित है।
आवड़जी आदि कन्याएँ विचरण करती हुई भादरिया का गांव के टीले पर पहुंची।
वहां राव तणु भाटी ने पहुंचकर उनके दर्शन किए और लकड़ी के बने हुए आसन (संहगे)पर आवड़जी को विराजमान को। तीन बहनों को दाईं ओर तथा तीन को बाईं तरफ खड़ा किया और अपने हाथ से चंवर ढुलाए।
तब आवड़जी ने आशीर्वाद देते हुए कहा कि मांड प्रदेश में तुम्हारे वंशजों की स्थाई राजधानी स्थापित होगी और वहां पर तुम्हारा राज्य असल रहेगा।
संहगे पर बैठने के कारण आवड़ जी स्वांगिया कहलाई।
ऐसा प्रसिद्ध है कि पार्टी बहादरिया के अनुरोध पर स्वांगिया देवी अपनी बहनों सहित इस टीले पर आई थी।
इसलिए बहादरिया के नाम से इस स्थान का नाम भादरिया पड़ा।
इस यह स्थान जैसलमेर के शासकों और यहां की जनता के लिए एक श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है । संवत 1885 में बीकानेर ओर जैसलमेर की सेनाओं के बीच वासनपी मे लड़ाई हुई ।
उसमें स्वांगिया जी के अदृश्य चक्रो से बीकानेर के अनेक सैनिक मारे गए और शेष सैनिकों को भागना पड़ा । तत्कालीन महारावल गजसिंह भादरिया में मंदिर का निर्माण कराया और अपनी रानी राणावत (महाराणा भीम सिंह की पुत्री )के साथ के जाकर वि. सं. 1888 अश्विन शुक्ला पूर्णिमा को मंदिर की प्रतिष्ठा करवाई ।
वि.सं. 2003 में महारावल जवाहर सिंह इसका जीर्णोद्धार कराया।
संवत् 1969 माघ शुक्ला 14 को महारावल सालीवाहन ने स्वांगिया देवी को चांदी का भव्य सिंहासन अपहृत अर्पित किया ।
इस मंदिर के से कुछ दूरी पर बकरे और भैंसे की बलि दी जाती है परंतु कटा हुआ मस्तक नहीं लाया जाता है और ना ही मदिरा चढाई जाती है
लगभग 35 वर्ष पूर्व हरवंशसिंहजी निर्मल (भादरिया महाराज) पंजाब से यहाँ आये और अपनी साधना से लोगों का मन जीत लिया
उन्होंने नौ वर्ष तक गुफा मे रह कर कठोर साधना की।
फिर देवी स्वांगिया के आदेश से गुफा के बाहर निकलें।
उन्होंने ना केवल इस मंदिर को आधुनिक सुविधाओं से युक्त किया
बल्कि ज्ञान का प्रकाश फैलाने के लिए करीब 5 लाख रुपये की पुस्तकें जोधपुर, जैसलमेर ,बीकानेर संभाग के गांवों में जाकर बांटी
अब भादरिया में एक और अद्भुत भव्य पुस्तकालय का निर्माण किया गया है।
जिसमें 5 करोड़ रुपए की पुस्तक संकलन की जाने की योजना है यहां पर शोधार्थियों और यात्रियों के लिए विशाल धर्मशाला का निर्माण भी किया जा चुका है ।
शक्ति और सरस्वती का ऐसा अनूठा संगम अन्यत्र दुर्लभ है।
#Bhadariya_Mata #Bhati #Vansh Ki #Kuldevi Bhadariya Rai Mataji