बहुत ही सुंदर प्रवचन पंडित आगम जी द्वारा, आप जैसे विद्वान ही पंचम काल में धर्म की ध्वजा को लहरा रहे हैं आपके मोह की महिमा विषय पर मार्मिक प्रवचन सुन के मुझे वैराग्य का अनुभव होने लगा था आंखें नम हो गई थी संसार का सच्चा स्वरूप मेरे सामने झलकने लगा था कसाए रूप प्रवृत्ति हटने लगी थी शुद्ध उपयोग होने लगा था। जय जिनेंद्र 🙏🙏