मूर्तिपूजा का विरोध करना चाहिए या नहीं? सत्यार्थ प्रकाश, ग्यारहवाँ समुल्लास। आचार्य अंकित प्रभाकर

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Prahari

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Күн бұрын

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Пікірлер: 106
@9506039980
@9506039980 10 ай бұрын
Om
@manojgoel3205
@manojgoel3205 11 ай бұрын
आचार्य जी सादर नमस्ते । मैं तो ये सोच रहा हूँ की जब आज के इन्टरनेट युग में इतना सारा ज्ञान उपलब्ध हैं तो आपको इतना विरोध झेलना पड़ रहा है । सोचिए ऋषि दयानन्द को उस समय कितना विरोध झेलना पड़ा होगा । महर्षि दयानन्द को बार बार प्रणाम । ५-६ वर्ष पहले मैं भी बहुत पाखंडी था लेकिन जब ऋषि को पढ़ा समझा और ये जाना कि वेद में असल में है क्या तब पता चला कि मैं कितने अन्धकार में था। जितने भी पौराणिक लोग आचार्य जी के विडियो देखते है उनसे निवेदन है कि एक बार स्वयं प्रयास करके ये पता लगाये कि वेद में असल में लिखा क्या है तो आपको सारी तस्वीर साफ़ साफ़ हो जायेगी।
@UrvashiMalik-mr5gy
@UrvashiMalik-mr5gy 11 ай бұрын
भाई जी अपने प्रयास को जारी रखें, क्यों कि लोगों को सही राह दिखाना आसान नहीं है मेरा भी मानना है कि लोगों को मूर्ति पूजा करने की अपेक्षा स्वयं को मूर्ति बनाकर लोगों के साथ व्यवहार करना चाहिए ओम शांति।
@suryana789
@suryana789 11 ай бұрын
सादर नमस्ते अचार्य जी बिलकुल सत्य कँहा आपने इस ज्ञान के लिये आपको बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏🙏
@bherushankarpurbia5128
@bherushankarpurbia5128 11 ай бұрын
नमस्कार, मेरे विचार में 15:35 आज के विज्ञान और तकनीक के जमाने में ये बातें नागरिकों के विवेक पर आधारित होनी चाहिये।जिसको ईश्वर वाद ठीक लगे वो माने, नहीं तो उसकी मर्जी।साकार रूप काल्पनिक ही हैं किंतु किसी को आनंद मिलता है तो उसका व्यक्तिगत मामला है।अन्य लोगों को अपनी मान्यताओं के लिए बाध्य नहीं करे। निराकार को मानने वाले अधिक सुधार वादी हैं, और वे ज्यादा मानवीय मूल्यों वाले भी हैं।निराकार से आगे बढ़ने पर व्यक्ति वास्तविक, या कहें तो स्वस्तिक, तार्किक, पाखंडविहीन, सच्चा, और समझदार बन जाता है।मेरी जीवन यात्रा ऐसी ही बनी है और बहुत आनंद में चल रही है।सत्यार्थ प्रकाश से इस दिशा में बहुत सहायता मिली।
@umeedsingharya4762
@umeedsingharya4762 11 ай бұрын
आचार्य जी सादर नमस्ते आपने सत्यार्थ प्रकाश के प्रति जो व्याख्या की है बड़ा अच्छा लगा मैं उमेद सिंह आर्य जिला पानीपत
@आर्योकाभारत
@आर्योकाभारत 11 ай бұрын
बहुत ही सुन्दर आचार्य जी🙏।
@shyamshakya2591
@shyamshakya2591 11 ай бұрын
Om
@rajendramishra7423
@rajendramishra7423 11 ай бұрын
स एव जातः स जनिष्यमाणः -----|मानते हैं?
@pritamroy1391
@pritamroy1391 10 ай бұрын
बहुत ही अच्छा
@9506039980
@9506039980 10 ай бұрын
🙏🙏🙏🙏
@kabitaguru4795
@kabitaguru4795 10 ай бұрын
Guruji ap supper se upper karya kar rehe he. Birodhi ki parba mat kijiye hum bahat sare log app ki sat hun hum murti puja karte the par abhi chood diye he. Bahat galat youtub chennal dekhne ke bat ab hum logoko sehi marg sehi disha mila. Dhanya ho prabhu ji app. App koti koti pranam. Jya arya samaj ki jya. Rushi Dayanand Saraswati ki jya. Bharat mata ki jya.
@parmanandkumar233
@parmanandkumar233 11 ай бұрын
बहुत अच्छा लगा
@rajendramishra7423
@rajendramishra7423 11 ай бұрын
आर्यसमाजी भी संध्या करते करते मर जाते हैं ब्रह्म नहीं मिलता|आर्यसमाजी भी वीडियो बनाकर भीख मांगते है| जड़ सबको जड़ ही समझता है|
@jaybhavani8416
@jaybhavani8416 11 ай бұрын
We expect Vedokta. - Sadhan Marg , Sadhan Padhati , experiences , consciousness , physical -mental-spiritual state of sadhak , mukti -moksha Guru Parampara For self realisation & Peaceful life .
@shashisingh2774
@shashisingh2774 11 ай бұрын
समाज परिवार एवं धर्म में जो प्रकृति के समान संतुलन बना सके
@rajendramishra7423
@rajendramishra7423 11 ай бұрын
मै तुमसे वेद पर विशेष चर्चा करता लेकिन वेद की यदि भूल से निन्दा हो गयी तो कष्ट मुझे भी होगा|
@rahulchaurasiya6105
@rahulchaurasiya6105 11 ай бұрын
@Baldauji-jc5xd
@Baldauji-jc5xd 11 ай бұрын
महोदय, आज की शिछा प्रणाली का जो केवल भौतिकता की शिछा देती है में घोर विरोध करता हूँ ।
@VimohSharma
@VimohSharma 11 ай бұрын
Bhai ijjat sab ki karte hai aur ek nahi hazaaro rishi huye jinhone apne aone hisaab se bataya hai...lekin iska matlab ye nahi kisi dusre ko galat kaha jaye. ....murti puja mere liye sahi hai kyuki bhagwan ke liye pratham bhaw hota hai bina bhaw aap ved tak nahi padh sakte wo sirf akshar honge apke liye khair chhoriye lamba tark hai...ha baki ek baat aapne baba bageshwar ko kaha dhoongi jaisa bhaw prakat kiya to bhai ek baar unse mil kar unka parda fhaas kar de koi duniya me....hame unpar nahi unke peeche jo hai hanuman ji unpar bharosa hai
@rajendramishra7423
@rajendramishra7423 11 ай бұрын
आप ऐसा कहते कि पुजारी को शिक्षित और अनुशासित करने की आवश्यकता है तो समझ आता | सुधार और विरोध में अन्तर आपको पता होना चाहिए|
@nishantsharma5786
@nishantsharma5786 11 ай бұрын
जिस कार्य को करने से समाज की या अपनी थोड़ी भी हानि हो वो कार्य छोड़ देंना चाहिए । जैसे मूर्ति पूजा । ईश्वर को प्राप्त होने का रास्ता क्या है । ये देखना चाहिए । और रास्ता सिर्फ एक ही है वो हैं । प्राणिधान अपनें हृदय के सिंहासन पर बिठाकर उस परमेश्वर का अपने प्राणों से ध्यान साधना करना जितना हो सकें प्रेम के साथ । धीरे-धीरे समाधिस्थ होने लगते है ।
@antaratmashabd1546
@antaratmashabd1546 11 ай бұрын
आपके कहने तरीका सही है,दुर्भावना से प्रेरित नहीं है उनकी क्या कहें जो मंदिर में, गंगा स्नान में ,वैष्णोदेवी यात्रा में जिनको व्यभिचार और सेक्स के अतिरिक्त कुछ और नहीं दिखाई देता हो ,इनका निराकार का ध्यान सबसे बड़ी पोपलीला है ,जो निराकार परमेश्वर से सत्य ,शिव ,और सुंदर बोलना तक नहीं सीख पाए , इनको हर मंदिर में पॉप लीला ही नजर आती है , मां वैष्णो देवी के मंदिर तक में व्यभिचार बता रहे हैं ,जिसकी इज्जत मुसलमान भी करते हैं वो भी वहां सेवा में लगे हैं ,एक ओंकार को मानने वाले हजारों सिख भी जहां जाते हैं , यह यह भी सरासर झूठ बोलने से बाज नहीं आ रहे कि हनुमान,शिव भक्तों,राम,कृष्ण के भक्तों में परस्पर दुश्मनी है ,उनके जो जी में आ रहा है बोल रहे हैं ,किसी बात को कहने का तरीका होता है ,अच्छी भावना होती है ,यह सच है मूर्तिपूजा में भी कुछ बुराइयां हैं मंदिर के चढ़ावे से समाज सेवा होनी चाहिए , अधिक पूजा पद्धति से गंदगी फैलती है ,अंधविश्वास भी होता है ,लेकिन इससे लोग मानसिक शांति ,आत्मविश्वास की शक्ति भी पाते है ईश्वर तो एक ही है चाहे उससे निराकार ध्यान पद्धति से जुड़े या साकार मूर्ति में उसको मान उसका ह्रदय में ध्यान करने से , बड़े बड़े मंदिरों में सब दर्शन करने जाते हैं न कि पूजा करने ,इसलिए पूजा से दर्शन श्रेष्ठ माना जा सकता है ,यह विचारणीय है ।
@nishantsharma5786
@nishantsharma5786 11 ай бұрын
​@@antaratmashabd1546जिस तरह हमारा आत्मा इस शरीर मे विद्यमान है। शरीर को चलाता है । और वह इस शरीर का स्वामी है । वह निराकार हैं । उसी प्रकार ईश्वर इस अनंत ब्रम्हाण्ड रूपी शरीर का स्वामी है । जो की सच्चिदानंद स्वरूप निराकार सत्ता है । जिसका कोई आकार नहीं है जो की एक शुद्ध चैतन्य अथाह शक्तिशाली ऊर्जा हैं । निराकार परमेश्वर की ध्यान साधना कोई पोपलीला नहीं ये नियम है अटल सत्य हैं । क्योंकि आत्मा भी निराकार सत्ता है। प्रकृति के साधनों से ईश्वर प्राप्ति नहीं हो सकती ये साधन तो जीविका चलाने के लिए है ।
@antaratmashabd1546
@antaratmashabd1546 11 ай бұрын
@@nishantsharma5786 आपका कहने का तरीका बहुत अच्छा है ,सत्य है ,सद्भावना से युक्त है बात उन तथाकथित आचार्यजी की है जो ठीक नहीं बोल रहे ,आपसे पूर्ण सहमति है !
@uddhavprasadparajuli4902
@uddhavprasadparajuli4902 11 ай бұрын
ओ३म् आचार्यजी सादर नमस्ते।
@rajendramishra7423
@rajendramishra7423 11 ай бұрын
आप मूर्ति पूजा को करना सीखें फिर मूर्ति पूजा में कमियां ढ़ूढें|
@nhvff
@nhvff 11 ай бұрын
सही कहा आपने।
@savitadesai2098
@savitadesai2098 5 ай бұрын
Acharya. .ji..apne..bahothi..achi..tarah. .samjaya..dhanyvad...dhanyvad..A p..100%..sahi..nahate..ho....se lut. .🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
@parmanandkumar233
@parmanandkumar233 11 ай бұрын
बिल्कुल सच है 😊😮ं
@savitadesai2098
@savitadesai2098 5 ай бұрын
Murti..puja..ki..me..virodhi..hu..me..Gujarat se savita..hu..apki..batome..sah mathu. .dhanyvad..🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
@balwansingh9948
@balwansingh9948 11 ай бұрын
बहुत ही अच्छा ज्ञान मिला
@ishwarsingh-mm4cn
@ishwarsingh-mm4cn 11 ай бұрын
Sabhee famous snto ne bolah, aatma hee Parmatma h, Manav swim hee Parm Bharm hi ,fir moorti Pooja kisliye Bhai sahev, bnd kro isse , Time waste, money waste , MAA BAAP Ki POOJA KAREH. Work is worship only
@shashisingh2774
@shashisingh2774 11 ай бұрын
देवदासी प्रथा देवता के नाम पर स्त्रियो (लड़कियो ) का ही शोषण होता था ।
@rajendramishra7423
@rajendramishra7423 11 ай бұрын
शत प्रतिशत मूर्खता पूर्ण| भीख मांगने का अच्छा तरीका|
@shashisingh2774
@shashisingh2774 11 ай бұрын
मै काफी दिनों से ये सोंचकर परेशान थी कि रामकृष्ण परमहस जी को माता काली के दर्शन हुये थे । परन्तु उन्हे अंतिम समय में बहुत कष्टदायक बीमारी से ग्रसित हो गये थे । बस यही सें मेरे प्रश्नो का उत्तर मिल गया था । कर्म फल से कोई नही बच सकता । किन्तु स्वाध्याय से कष्ट सहने की ताकत मिलती है ।
@shashisingh2774
@shashisingh2774 11 ай бұрын
पूजा करने के नाम से फूल पत्ते तो ऐसा तोड़ते है कि पूछो मत । पूजा करते वक्त एक फूल भी चढ़ा दिये बहुत है ।
@shashisingh2774
@shashisingh2774 11 ай бұрын
यहां मूर्ति पूजा का पूर्णतः विरोध नही किया गया है । ब्राम्हण वो होता है जो धार्मिक अनुष्ठान कराये । इसका मतलब है कोई भी ज्ञान प्राप्त करके ब्राम्हण बन सकता है ।
@shashisingh2774
@shashisingh2774 11 ай бұрын
पुजारी का शाब्दिक अर्थ पूजा करने वाला या वाली । यहां स्त्री या पुरुष कोई भी हो सकता है ' जैसे हनुमान चालिसा मे लिखा है 'जो सत बार पाठ करें कोई । यहां स्त्री पुरुब ऐसा कुछ लिखा ही नही है । ये मनगढत कहानी बना दिये कि हनुमान चालिसा का पाठ स्त्रियो को नही करना चाहिये । यहां ' स्त्री पुरुषो में भेद ही नही बताया गया है ।
@binodkrpandey9885
@binodkrpandey9885 11 ай бұрын
तर्क तो अपने अपने अनुसार होते हैं कभी ये हार गया कभी वो हार गया. हम इसी में उलझें रहे तो अन्य धर्म religion या मजहब के लोग हमें खत्म करने का रास्ता ढूंढ़ लेंगे. जिसे जो अच्छा लगे अनुसरण करें आपको मूर्ति पूजा करना हैं तो करें नहीं करना हैं तो मत करें. इन बातों से मांसाहारी को कोई फर्क नहीं पड़ता, चोर को कोई फर्क नहीं नेताओं को कोई फर्क नहीं आम नागरिक किसान को भी कोई फर्क नहीं हैं सब सनातनी ही न मन मुटाव न बढ़ाये. आज भी बहुत लोग न तो साकार ब्रम्ह को जानतेहै है न तो निराका🎉र को. न तो द्वैतवाद न तो अद्वैत वाद जिंदगी चल रही है.
@RambrikshKoiri
@RambrikshKoiri 11 ай бұрын
Acharya ji aap geranium banana chahateye Haye too aap sant rampalji Maharaj ji ko gayanko sune awor padhe too fhira geyani bane ji
@aaryanvarshney9565
@aaryanvarshney9565 11 ай бұрын
Never we did not listen such speech.
@nhvff
@nhvff 11 ай бұрын
Gurukul me padh kar kyu nhi ho sakta hai vegyanik agr us tarah ka padhai ho to. Kya us time me vigyan nhi the jo kahta hai vigyan pahle nhi the wo murkh se bhi murkh hai tab wo vigyan ko samjha hi nhi.
@nhvff
@nhvff 11 ай бұрын
हमे मूर्ति से बहुत प्रेम है । मूर्ति को देखने के बाद विचार सुद्ध हो जता है।
@Ram47988
@Ram47988 10 ай бұрын
करिए भई पर विचार कैसे शुद्ध होता है विचार तो ज्ञान ग्रहण करने से शुद्ध होता है अच्छे खानपान माहौल से शुद्ध होता है। मूर्ति को देखने से शरीर तो शुद्ध नही होता
@manojgaur5129
@manojgaur5129 10 ай бұрын
Bakvaas band kar
@EternalVoice11
@EternalVoice11 6 ай бұрын
ये कहो कि मन संतुष्ट होता है क्योंकि ये अवधारणा बना रखी है कि वही भगवान हैं।
@rajendramishra7423
@rajendramishra7423 11 ай бұрын
मूर्ख को सारा जहाँ मूर्ख दिखता है|
@richagera4170
@richagera4170 11 ай бұрын
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
@rajendramishra7423
@rajendramishra7423 11 ай бұрын
मूर्ति पूजा और पुजारी में सुधार पर चर्चा क्यों नहीं करते?
@rajendramishra7423
@rajendramishra7423 11 ай бұрын
आप और आपके दयानंद हमारी भावना को ठेस पहुँचा रहे हैं ,आप कठौती में गंगा का भावना झूंठा साबित कर रहे हैं| आप बिन्दु और रसखान को मिले दर्शन को झूठ कह रहे हैं|
@rajeshwarigangwar-d4l
@rajeshwarigangwar-d4l 7 ай бұрын
😊om guru ji namaste very nice
@RamashisyadavYadav-x6i
@RamashisyadavYadav-x6i 11 ай бұрын
Namaste nabar adana decide. Maibhi aarye Samaja me hai San 19 95 se
@deendayalvashishtha5351
@deendayalvashishtha5351 11 ай бұрын
Sakar bina nirakar ka. bodh nhi hota tum galat aur dayanand galat h.
@rajendramishra7423
@rajendramishra7423 11 ай бұрын
संध्या में अर्घ्य देते हो ?
@binodkrpandey9885
@binodkrpandey9885 11 ай бұрын
महर्षि दयानन्द एक सिद्ध पुरुष थे और मानना भी चाहिए. लेकिन मूर्ति पूजा गलत नहीं हैं. मूर्ति पूजा से ध्यान केंद्रित करने में एक उचित माध्यम हैं इसमें इतना तर्क वितर्क करना एक तरह से मन मुटाव की नीव रखने के बराबर हैं. इससे बचें. जय सनातन.
@Deepakaryamusician
@Deepakaryamusician 11 ай бұрын
Sirf murti me hi kyo ???
@9506039980
@9506039980 10 ай бұрын
Agreed
@subanshyoga1964
@subanshyoga1964 11 ай бұрын
Rishi Dayanand aaj swam ek murti hai.
@dalbirsinghchahal6932
@dalbirsinghchahal6932 Ай бұрын
नमस्ते आचार्य जी
@vimalbiloha5900
@vimalbiloha5900 10 ай бұрын
आचार्य जी आर्य समाज की कई तर्क को ये अन्य संप्रदाय के लोग उपयोग करते हैं
@AmanRajput-dl5wi
@AmanRajput-dl5wi 4 ай бұрын
Bhut achha samjhya apne
@vishnudeojeechaubey6764
@vishnudeojeechaubey6764 11 ай бұрын
Aacharya ji Jay Shri Ram Maine Jo cal ek vyakti ke comment ko like kiya tha usmein kahin bhi main Dayanand Saraswati Ji ko galat nahin thahar aaya hun aur main Rishi Dayanand Saraswati Ji ke charanon ki dhul ke barabar bhi Rahi baat Murti Puja se sambandhit ke bare mein Jo main cal Suna aaj se 15 20 varsh pahle Sahi mere man mein bhi hai vichar aata raha hai ki man Ko ekagra karne ke liye koi ek Bindu hona chahie baki vastav mein Murti Puja nursery aur primary middle school ki tarah hi hai Jockey isko bhi join Karna anivarya hai jab tak nursery primary aur middle ham school nahin padenge tab tak aage koi University mein nahin ja sakte hain isliye kshma kariyega Aisa Mera koi virodh nahin hai aana hi rahega Rishi Dayanand Ji ke charanon agar hamare Mathe per lag jaaye hamara jivan Dhanya ho jaega Jay Shri Ram
@vishnudeojeechaubey6764
@vishnudeojeechaubey6764 11 ай бұрын
Agar lekhan mein kahin galti hui ho to bhul chuk kshma Karen
@Jonga-cy5gh
@Jonga-cy5gh 11 ай бұрын
Purbaj se mas madira Kate Pete te to abhi mas mandira sewan karne Kiya hoga jo hamlog kah peh karke ji
@NavratanArya
@NavratanArya 3 күн бұрын
🕉🕉🚩🚩🇮🇳🇮🇳🙏🙏
@shyamshakya2591
@shyamshakya2591 11 ай бұрын
Om
@shatrughansinghmunda6968
@shatrughansinghmunda6968 11 ай бұрын
Murti puja band honi chahiye
@shyamshakya2591
@shyamshakya2591 11 ай бұрын
Om
@HARIOMSHARMA-bw7mq
@HARIOMSHARMA-bw7mq 11 ай бұрын
नमस्ते आचार्य जी मैं 6 महीने गुरु से प्राप्त हनुमान मंत्र का जाप किया तो ध्यान विद्या से मुझे बिंदु और एक ज्योति उस बिंदु से निकलती और उसी में में सम्मिलित होते हुए के दर्शन हुए यह क्या था कुछ इस आत्मा और परमात्मा के दर्शन जो कि छठे चक्कर में आज्ञा चक्र माथे में होता है उसकी दृश्य के बारे में बताते हैं क्या यह सत्य
@anukumari835
@anukumari835 6 ай бұрын
😂😂😂😂
@aruntrivedi50
@aruntrivedi50 11 ай бұрын
ईश्वर कण कण में है तो मूर्ति में भी है फिर आदमी की श्रद्धा की बात है वो किसे पूजे किसे ना पूजे
@akelamugic572
@akelamugic572 11 ай бұрын
मुझे भी शिकायत है आज आजकल देख रहे हैं यह आर्य समाज जो निकल रहा है हमें यह जानना है क्या रावण से भी बड़ा कोई वेदों का ज्ञान था किसी को राम से भी ज्यादा किसी को वेदों का ज्ञान था क्या आज के आर्य समाज को रावण और राम से भी ज्यादा वेदों का ज्ञान था रावण ने भी दुर्गा पूजा किया था क्या रावण गलत था राम ने भी रामेश्वर बनाया था शिवलिंग क्या राम गलत था क्या रामायण गलत है हमें यह जानना है अगर यह सब को गलत बता रहा है यह आर्य समाज तो हम आर्य समाज को गलत गलत बोलेंगे क्यों गलत बोलेंगे कारण है कि आज आर्य समाज जो बोल रहा है वेद वेद वेद को तो हम भी वेदों को हम भी मानते हैं पुराने को मानते हैं सभी मानते हैं जो भी हमारे संस्कृत में है हम सभी को मानते हैं लेकिन यह जो आर्य समाज का यह दोगला हिप्न है
@ishwarsingh-mm4cn
@ishwarsingh-mm4cn 11 ай бұрын
JB Bhagwan hi,hee nahee to moorti Pooja pakhand h, Yoga kare ,work is worship. Need to fit by health and wealth .
@rajendramishra7423
@rajendramishra7423 11 ай бұрын
जिसे तुम चाहते हो उसे हम भी चाहते हैं हम उसकी काल्पनिक चित्र से या मूर्ति से भी प्रेम करते हैं तो विरोध क्यों|
@anuraghshree5333
@anuraghshree5333 11 ай бұрын
प्रायः का मतलब लगभग मेरी समझ से गलत होगा प्रायः का मतलब अक्सर या अधिकतर होना चाहिए ......
@rajendramishra7423
@rajendramishra7423 11 ай бұрын
पहले चार जूता मार दो फिर हाथ जोड़ लो|हम किसी का अपमान नहीं करते|
@bagolcintamani5069
@bagolcintamani5069 11 ай бұрын
यह सत्यार्थ नहीं झूठ प्रसाद आंख के अंधे नाम नैनसुख नंगी औरत की तस्वीर देखने से गंदे विचार आते हैं भगवान की मूर्ति देखने अच्छे विचार आते हैं भगवान की मूर्ति का प्रभाव
@kavandesai8459
@kavandesai8459 11 ай бұрын
ओ३म्🚩 नमस्ते आचार्य जी🙏
@Upasnasinghaniyamzp
@Upasnasinghaniyamzp 11 ай бұрын
Jay sri ram. .
@surindersingh8331
@surindersingh8331 11 ай бұрын
Thanks
@ओमप्रकाशगोतम-ङ7ह
@ओमप्रकाशगोतम-ङ7ह 11 ай бұрын
जब सभी भगवान
@VishnuDasvrindavan
@VishnuDasvrindavan 11 ай бұрын
Satyarth
@namitaarya9095
@namitaarya9095 11 ай бұрын
यथार्थ
@rajendramishra7423
@rajendramishra7423 11 ай бұрын
क्या आप पुराण और अवतार मानते हैं?
@rajendramishra7423
@rajendramishra7423 11 ай бұрын
दयानंद भी जड़ ही रहा होगा|
@rajendramishra7423
@rajendramishra7423 11 ай бұрын
ऋषि दयानंद की मूर्ति पर भावना अच्छा कृष्ण की मूर्ति पर भावना से फूल रखना पाप वाह रे भैया|
@Ram47988
@Ram47988 11 ай бұрын
कमेन्ट भी सोच समझ कर लिखिए आदरणीय।
@samirmondal312
@samirmondal312 10 ай бұрын
ज्यादा से ज्यादा ज्ञानलाभ करो, अर कम ज्ञानि बननेकि कोशिश करो। बेदमे मांस खानेकी बात लिखा है, चश्मा ठिक करो। कालीपूजा करना ठिक नेही है तो, यज्ञ करनाभि ठिक नेही। हबन करनेको क्या भाषण दोगे । पानि पीतेहो, दम भरते हो, कितने प्राणिहत्या करते हो?
@shivshankarlaldas1732
@shivshankarlaldas1732 11 ай бұрын
(१) भगवान आप किसको कहते हैं ? प्रायः ( लगभग ) ---- लिखना ही कुत्सित धारणा से जन्मी बुद्धि है । यह मुर्खतापूर्ण प्रश्न नहीं है , आप अपने पिता के तस्वीर पर थूककर दिखाइए दिखाई दिखाई
@shivshankarlaldas1732
@shivshankarlaldas1732 11 ай бұрын
दयानंद सरस्वती का अपमान करना और हमारे माता-पिता या गुरु को किस नजरिया से देख रहे हैं । राम कृष्ण परमहंस हां मांसाहारी थे लेकिन उनके आध्यात्मिक स्तर दयानंद सरस्वती से काफी ऊंचा था । आप अपने हृदय से पुछिए। आंखें बंद कर जबाव सुन लीजिए । तर्क - तर्क़ - तर्क । तर्क़ सत्य नहीं होता। तर्क़ सत्य तक पहुंच ही नहीं सकता । सत्य शब्दातीत है, वाणी से परे है ।
@ओमप्रकाशगोतम-ङ7ह
@ओमप्रकाशगोतम-ङ7ह 11 ай бұрын
कंक में भगवान हे तो आपका मूर्ति पूजा को विरोध ज
@sunilaverma7543
@sunilaverma7543 11 ай бұрын
Mahashyji apaki bati sunkar thes lagi
@rajendrabahadursingh7565
@rajendrabahadursingh7565 11 ай бұрын
मूर्ति एक प्रतीक होती हमारी आस्था और विश्वास का। अपने को केन्द्रित करने के लिए किसी भी प्रतीक का होना ध्यान को सहज बनाता है और ध्यान करना मन को स्थिर करने के लिए आवश्यक होता है क्योंकि मन बहुत चलायमान होता है इसे एक जगह और एक विश्वास पर केन्द्रित करना जरूरी है
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