आदरणीय जी अपनी विशेष टिप्पणी देने के लिए आपका धन्यवाद
@manojkumargupta32663 жыл бұрын
Bahut sundar gaye aap ne aap ka gaya huaa sab samz raha hy
@KanhaiyaCassette3 жыл бұрын
Shrimaan ji humare geet ko pasand karne ke liye aapka dhanyavad
@nks223 жыл бұрын
शीलू सिंह राजपूत जी आप आल्हा स्वर सम्राट हो आपकी यह कहानी सुनकर मुझे मेरा बचपन याद आ हमारा बचपन इन्हीं गानों को देख और सुन कर गुजरा है आज हम भले ही मॉडल हो जाए लेकिन हम इन यादों को कभी नहीं भूल सकते आपकी यह कहानी देखकर यह हमको कुछ सीख मिलती है अगर किसी चीज का जुनून रख लो तू पूरा अवश्य होगा शीलू जी, आपको सादर,प्रणाम🙏
@KanhaiyaCassette3 жыл бұрын
श्रीमान जी हमारे ऐतिहासिक आल्हा प्रस्तुति को पसंद करने के लिए आपका धन्यवाद
@simarawat52922 жыл бұрын
@yadav Prashant can
@Parth_Abhimanyu2 жыл бұрын
राजपूत कुल में जन्मी आदरणीय🍃🌸 मीरा बाई जी ने स्वयं कहा है 👉_ ""मीरा के प्रभु गिरधर नागर आखिर जात अहिर रे।"" 8.))))👉🙏😊 दूसरे रसखान जी ""ताहि भर छाछ पर नाच नचावे अहिरन की छोहरिया "" हालांकि आपको मालूम होना चाहिए गोपियां ही भगवान कृष्ण के साथ रास और उनके संग नाचती थी जिन्हे रसखान जी और मीरा जी ने कलयुग में अहिर कह ही डाला यानी गोप/ ग्वाल लोग ही अहिर है इसका मतलब भगवान कृष्ण खुद अहिर गोप ग्वाल हुवे वैसे भी कृष्ण भगवान ने हरिवंश पुराण में साफ कहा है की आगे चलकर मैं गोपो/ ग्वालों के घर जन्म लूंगा 🙏जय श्री कृष्ण🙏 यदु ने कभी भी ययाति के श्राप के कारण राज्य स्वीकार नहीं किया । वे गोप थे और हमेशा गायों से घिरे रहते थे । हालांकि इनके वंश मे जाकर बहुत सारे महप्रतापी राजा हुए. 9.))ऋग्वेद के दशम मण्डल के 62 वें सूक्त की दशवीं ऋचा में देखें-- " उत् दासा परिविषे स्मत्दृष्टी गोपर् ईणसा यदुस्तुर्वशुश्च मामहे ।।ऋ०10/62/10 । 10.))और यदुवंश के सूर्य भगवान श्रीकृष्ण 'ने स्वयं कहा कि मेंने जन्म गोपों में लिया ताकि इस संसार में कुमार्ग पर स्थित हुए दुरात्माओं का दमन कर सकूँ 👇 ________________________ 11.))हरिवंशपुराण विष्णुपर्व हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 11 श्लोक 56-60 _______ एतदर्थं च वासोऽयं व्रजेऽस्मिन् गोपजन्म च। अमीषामुत्पथस्थानां निग्रहार्थं दुरात्मनाम्।।58।। __________________________ इसलिए व्रज में मेरा यह निवास हुआ है और मैंने गोपों में जन्म लिया ताकि इस संसार में कुमार्ग पर स्थित हुए इन दुरात्माओं का दमन कर सकूँ ।।58।। _______________________ इस प्रकार श्रीमहाभारत के खिलभाग हरिवंश के अन्तर्गत विष्णु पर्व में बाललीला के प्रसंग में यमुना वर्णन नामक ग्यारहवां अध्याय पूरा हुआ । 12.)))एक और बड़ा प्रमाण कि माँ गायत्री जी अभीर (अहीर)राजा की पुत्री थी जिन्हें साफ़ साफ़ कई पुराण, और हमारे वेदों मे भी गोप कहा गया हैं . 🍃🌹🌸👇👉👇🍃 12.a---पद्म पुराण के सृष्टि खण्ड के अध्याय १६(26) में गायत्री को नरेन्द्र सेन आभीर (अहीर)की कन्या के रूप में वर्णित किया गया है । _________________________ " स्त्रियो दृष्टास्तु यास्त्व , सर्वास्ता: सपरिग्रहा : | आभीरः कन्या रूपाद्या शुभास्यां चारू लोचना ।७। न देवी न च गन्धर्वीं , नासुरी न च पन्नगी । वन चास्ति तादृशी कन्या , यादृशी सा वराँगना ।८। ________________________ अर्थात् जब इन्द्र ने पृथ्वी पर जाकर देखा तो वे पृथ्वी पर कोई सुन्दर और शुद्ध कन्या न पा सके परन्तु एक नरेन्द्र सेन आभीर की कन्या गायत्री को सर्वांग सुन्दर और शुद्ध देखकर आश्चर्य चकित रह गये ।७। उसके समान सुन्दर कोई देवी न कोई गन्धर्वी न सुर और न असुर की स्त्री ही थी और नाहीं कोई पन्नगी (नाग कन्या ) ही थी। इन्द्र ने तब उस कन्या गायत्री से पूछा कि तुम कौन हो ? और कहाँ से आयी हो ? और किस की पुत्री हो ८। __________________________________________👉🍂🌸👉__ 12.))b ---गोप कन्यां च तां दृष्टवा , गौरवर्ण महाद्युति:। एवं चिन्ता पराधीन ,यावत् सा गोप कन्यका ।।९ ।। पद्म पुराण सृष्टि खण्ड अध्याय १६ १८२ श्लोक में इन्द्र ने कहा कि तुम बड़ी रूप वती हो , गौरवर्ण वाली महाद्युति से युक्त हो इस प्रकार की गौर वर्ण महातेजस्वी कन्या को देखकर इन्द्र भी चकित रह गया कि यह गोप कन्या इतनी सुन्दर है ! 🎇🎆 Note-__🚫💌 यहाँ विचारणीय तथ्य यह भी है कि पहले आभीर-कन्या शब्द गायत्री के लिए आया है फिर गोप कन्या शब्द । अत: अहीर और गोप शब्द परस्पर पर्याय हैं । जो कि यदुवंश का वृत्ति ( व्यवहार मूलक ) विशेषण है । क्योंकि यादव प्रारम्भिक काल से ही गोपालन वृत्ति ( कार्य) से सम्बद्ध रहे है । 👇🍂🍃👇 12.))cआगे के अध्याय १७ के ४८३ में इन्द्र ने कहा कि यह _________________________ गोप कन्या पराधीन चिन्तासे व्याकुल है ।९। देवी चैव महाभागा , गायत्री नामत: प्रभु । गान्धर्वेण विवाहेन ,विकल्प मा कथाश्चिरम्।१०। १८४ श्लोक में विष्णु ने ब्रह्मा जी से कहा कि हे प्रभो इस कन्या का नाम गायत्री है ll 🥀🌹🌸🍂🍃 12.) d----अब यहाँ भी देखें--- भागवत पुराण :--१०/१/२२ में भी स्पष्टत: गायत्री आभीर अथवा गोपों की कन्या है । और गोपों (अहीरों) को देवीभागवतपुराण तथा महाभारत , हरिवंश पुराण आदि मे देवताओं का अवतार बताया गया है l 🌸🌹🌸🍂_________________________
@pavanyadav18846 жыл бұрын
आपका प्रोग्राम मैं देख चुका हू बहुत अच्छा आल्हा गाती हो। महोबा मैं अये थे आप कजली मेला मेला मैं आप
@KanhaiyaCassette6 жыл бұрын
आदरणीय महोदय जी राम राम आपको कन्हैया कैसेट का प्रोग्राम पसंद आया हम आपके ह्रदय से आभारी है !
@shwetpande29166 жыл бұрын
very good very good
@KanhaiyaCassette6 жыл бұрын
थैंक यू सर
@akhilyadav82952 жыл бұрын
@@KanhaiyaCassette p. B
@shivampal35234 жыл бұрын
Very very nice
@KanhaiyaCassette4 жыл бұрын
Thanks a lot
@shikshamuhim81946 жыл бұрын
nice very nice
@KanhaiyaCassette5 жыл бұрын
बहुत बहुत शुक्रिया टीम कन्हैया जुकबॉक्स
@ashokshukla32926 жыл бұрын
very nice good luck
@KanhaiyaCassette5 жыл бұрын
वीडियो सराहने के लिए धन्यवाद्. आपको वीडियो में क्या पसंद आया?
@RajuYadav-lw7ib4 жыл бұрын
बहुत ही सराहनीय बहन
@KanhaiyaCassette4 жыл бұрын
जी आपका धन्यवाद
@ajayChauhan-by1dp6 жыл бұрын
bahut accha
@KanhaiyaCassette6 жыл бұрын
माढो की लड़ाई का विडियो पसंद करने के लिये धन्यवाद |
@BheemSingh-ku2lz4 жыл бұрын
Very bad
@Ryadav-u8g6 жыл бұрын
Nice silu sister
@KanhaiyaCassette6 жыл бұрын
आपको हमारा प्रोग्राम पसंद आया ! धन्यवाद
@jairampal86753 жыл бұрын
Very good👍
@KanhaiyaCassette3 жыл бұрын
Thank you very much
@zoomtheworld98645 жыл бұрын
अति सुंदर एवं प्रसंशनीय प्रस्तुति।सुरेश लाल श्रीवास्तव, प्रधानाचार्य, राजकीय इंटर कालेज, अकबरपुर अम्बेडकर नगर उत्तर प्रदेश
@KanhaiyaCassette4 жыл бұрын
आदरणीय जी आपको हमारे कार्यक्रम अच्छे लगते है उसके लिए हम आपके ह्रदय से आभारी है