चंद्रभुषण जी माता अनुसुइया जी की कथा सुना मैं धन्य हो गया । मैं माता अनुसुइया जी को हर जन्म के बदले । इसी जन्म मे नमन कर रहा हुं ।क्यों की न जाने फिर नमन करने का अवसर मिले और भाई री चूक हो जाये । ।।हे राम सीता राम।।
@KanhaiyaCassette4 жыл бұрын
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