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वृंदावन में निवास करना यानी भगवान के चरणों में शरण मिल जाना | वृंदावन का दूसरा नाम मोक्ष है | यहां पर बात करना राधा रानी की कृपा के बिना संभव नहीं है | जो भक्त राधारानी को रिझा लेता है वहीं आकर यहां भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की कृपा का पात्र बनता है | संतों का कहना है कि जन्मों-जन्मों की अच्छे आचरण और भगवान की सेवा के बाद ही वृंदावन में वास होता है |
जब बात राधा रानी की जाती है तो राधा वल्लभ संप्रदाय के महान संत श्री प्रेमानंद जी महाराज का मन में स्मरण होता है | मेरा स्वयं का मानना है कि इनके मुखारविंद से निकले हुए शब्द मुर्दे को भी जीवित कर दें | जो व्यक्ति के शब्दों को और कथा को जड़ से लगाकर सुनता है अवश्य ही राधारानी श्रीजी मिल जाते हैं |
Credit :- Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj