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सुंधा माताजी का मन्दिर लगभग 900 वर्ष के करीब पुराना है जो ऊँची पहाड़ी पर बसा है इसमें "माँ सुंधा" की मूर्ति स्थापित है यह जालौर ज़िले के भीनमाल के पास सुंधा पर्वत पर स्थित है। राजस्थान का पहला रोपवे सुंधा माता में ही लगाया गया था। सुंधा माता जी का मदिर लगभग 850 मीटर उँचाई पर सुंधा पर्वत में स्थित हैं। यह मन्दिर सफेद रंग के संगमरमर पत्थर से बनाया गया है, यह आबु के दिलवाड़ा मंदिर जैसा दिखता है ,मन्दिर में माँ चामुण्डा देवी की मूर्ति है। सुंधा पर्वत पर कई धर्मशाला हैं जहा यात्री रात्रि विश्राम कर सकते है। सुंधा माता की दूरी भीनमाल से 25 km. और सांचोर से 70 km. है। माउंट आबू ओर अंबाजी सुंधा माता से करीब 100 km. की दूरी पर स्थित है।
सुंधा माता से 25 km. दूर भीनमाल स्थित है जहाँ पहाड़ी पर क्षेमकरी माता का 1100 साल पुराना मंदिर स्थित है। क्षेमकरी माता को खिमज माँ के नाम से भी जाना जाता है। बहुत से यात्री सुंधा माता के दर्शन के बाद भीनमाल में क्षेमकरी माता के दर्शन भी करने आते है।
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