।। यथा राजा तथा प्रजा ।। मनुस्मृति में बताये गएँ राजा के गुणों और कार्यो को बहुत ही सटीक रूप में आपने प्रस्तुत किया। मनुस्मृति में लिखी यह बात आज भी उतनी ही अनुसंधान योग्य मालूम पड़ती है, जितनी यह पहले थी। राजधर्म निभानेवाले सभी सज्जन यदि मनुस्मृति को पढ़ले तो फिर से रामराज्य की कल्पना की जा सकती है। ऐसे ही वेद, पुराण को जिवंत बनाये रखियेगा🙏