कोटी कोटी प्रणाम भगवान की चरनोमे नर्मदे हर महाराज जी के साथ हम रहे है बहुत सरल महाराज जी है
@kanad253 ай бұрын
Namami devi Narmade..!!❤
@pradnynaik62232 жыл бұрын
ये सचमुच के महाराजजी है बिलकुल सरल स्वभाव सहज स्वभाव गरीब स्वभाव ऐसेही सर्व बाबाजी होने चाहीये निर्मल सरल और पापभिरू महान है महाराज जी आपको ऐसें महाराज mile तो आपका भी भाग्य महान है 🙏🙏🙏
@rajninarrey86512 жыл бұрын
🙏🌼🌺🙏🌼🌺
@somnathgordeanna78702 жыл бұрын
नर्मदे हर जय माँ नर्मदा जी 🙏🏻
@VishalKumar-dx9ww2 жыл бұрын
नर्मदे हर 🙏🙏🙏🙏
@santoshlodhi92524 ай бұрын
Har har narmade
@VishalKumar-dx9ww2 жыл бұрын
प्रणाम महाराज जी आपके चरणों में कोटि कोटि प्रणाम करते हैं 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@sumangalbpl2 жыл бұрын
महाराज जी की सरलता को नमन🙏. ऐसे निश्छल संतों की वजह से ही हिन्दू धर्म पुनः अधिक प्रभावी और प्रखर होगा ये विश्वास बना रहता है. इस आयु में ऐसी कठिन तपस्या का प्रण लेना अपने आप मे हिम्मत की बात है. नर्मदाजी हम युवाओं को भी ऐसे मार्गों पर बढ़ने में सहायक हो यहीं मैय्याजी से प्रार्थना है. आपके प्रयत्नों के लिए आपको भी साधुवाद, क्योंकि आपकी वजह से हम मैय्याजी से दूर रहकर भी प्रतिदिन आपके विभिन्न वीडियो के माध्यम से उनका चिंतन कर पाते है, नर्मदाजी आपका भी कल्याण करें. !! नर्मदे हर !! 🙏🌸🙏
@manmodjatavg73122 жыл бұрын
नर्मदे हर भाई साहब
@manmodjatavg73122 жыл бұрын
जो भाई यह मेरा कमेंट पढ़ रहे हैं मां नर्मदा जी उनके माता-पिता को खुश रखे दोस्ती
@sumangalbpl2 жыл бұрын
🙏 प्रभु जी, !! नर्मदे हर !! 🙏🌸🙏
@maheshbhaigajera7720 Жыл бұрын
Narmade har
@priyanaik05102 жыл бұрын
जिलहरी परिक्रमा की संकल्पना शिवलिंग के जिलहरी से ही आती है। इसमें दुगना समय लगता है। बहुत कम लोग यह परिक्रमा करते हैं। सबके बस की बात नहीं यह परिक्रमा। मध्य प्रदेश के इंदौर के नजदीक, तराना गांव के बड़े संत गुरु नाना महाराज तरानेकरजी ने भी जिलहरी परिक्रमा की थी। विडियो के महाराज जी को दंडवत प्रणाम, कठिन परिक्रमा कर रहे हैं। बढ़िया विडियो आनंद सोनी सर, नर्मदे हर 💐🙏🙏🙏
@manmodjatavg73122 жыл бұрын
नर्मदे हर
@yogeshrathod58922 жыл бұрын
Mera man h agar maa ne bulaya to devuthni gyaras ko jaunga onkareswar se suru karunga aap saat chlo to batana
@shubhinfotain442 жыл бұрын
Naramde har 🙏🏻💐
@manmodjatavg73122 жыл бұрын
नर्मदे हर
@Ram137912 жыл бұрын
परिक्रमा क्या होती है ❓कैसे होती है❓कब और कहां कौन कर सकता है कृपया सरल हिंदी में समझाए पंजाब से हूं कुछ भी पता नहीं ,पर मन में परिक्रमा के बारे में जानने की जिज्ञासा हो रही है 🙏 कुछ सहायता करने की कृपया करें जी, धन्यवाद सहित 🙏
@sumangalbpl2 жыл бұрын
नमस्कार जी, नर्मदा जी के किसी भी तट से किसी भी स्थान से आप परिक्रमा प्रारम्भ कर सकते है, बस शर्त इतनी है कि नर्मदा जी को दाहिने हाथ की ओर रखकर आपने आगे चलते जाना है, जैसे हम मंदिर में भगवान की मूर्ति की परिक्रमा करते है ठीक उसी तरह. यहां भगवान की मूर्ति के स्थान पर नर्मदा जी है. जब आप सारी परिक्रमा पूरी करके वापस उसी स्थान पर आ जाएंगे जहां से आपने परिक्रमा शुरू की थी (उठाई थी), तो आपकी परिक्रमा पूर्ण मानी जायेगी. परिक्रमा शुरू करते समय एक छोटी शीशी में नर्मदाजी का जल आपको अपने साथ रखना होता है तथा उसका नियमित (साक्षात नर्मदाजी है, ये भाव रखकर) पूजन करना होता है. जब आप गुजरात में विम्लेश्वर नामक स्थान पर पहुंचते है, जो धरती का आखरी बिंदु है, वहाँ से आपको नाव द्वारा नर्मदाजी को पार करना होता है, क्योंकि यही थोड़े पास में नर्मदाजी और समुद्र का संगम है. तो जब नाव से जाते है तो उस संगम स्थान पर उस शीशी में से आधा जल वहा इस भाव से अर्पित किया जाता है कि हम नर्मदाजी के चरणों पर जल चढ़ा रहे है. तथा पुनः उस संगम का जल लेकर शीशी पुनः भर ली जाती है. इसके बाद चलते हुए आप अमरकंटक में आते है, वहाँ 'माई की बगियाँ' नामक स्थान है, वहां एक कुंड में नर्मदाजी का प्राकट्य है तो उस जगह पर भी अपनी शीशी का आधा जल वहां चढ़ाया जाता है, इस भाव से की आप नर्मदाजी के सिर पर जल से अभिषेक कर रहे है. बाद में वहां से भी पुनः उस कुंड के जल से शीशी भरकर उस स्थान तक आना होता है जहां से आपने परिक्रमा शुरू की थी. उस स्थान पर पहुँचने से आपकी परिक्रमा पूर्ण होगी, वहां पूजन आदि के बाद फिर आपको श्री ओम्कारेश्वर जी (ज्योतिर्लिंग) जाकर उस शीशी का आधा-आधा जल ओम्कारेश्वर जी और ममलेश्वर जी पर चढाना होता है, इस काम के बाद आपकी परिक्रमा पूरी हुई. परिक्रमा शुरू करने के लिए संकल्प लेना होता है, जो वहां के स्थानीय पंडित जी है, वो यह सब पूजा करवाते है. इस तरह की पूजा परिक्रमा पूरी होने पर भी की जाती है. पूरी परिक्रमा के दौरान जितनी बार संभव हो छोटी बालिकाओं को नर्मदाजी का रूप मान उनका 'कन्यापूजन' करने का भी विधान है. परिक्रमा कोई भी कर सकता है, इसमें कोई बंधन नही है जो सामान्यतः पूजा-पाठ व धार्मिक अनुष्ठानों में हम नियम पालन करते है वैसे ही नियम इस पूरे 2800 किमी के प्रवास के दौरान हमें पालन करने होते है. हम केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही मार्गक्रमण कर सकते है, बाकी रुकने और भोजनप्रसाद/सदाव्रत की व्यवस्था आश्रमों और ग्रामवासियों के द्वारा भक्तिभाव से निःशुल्क की जाती है, इसलिए उस बारे में चिंता का कोई कारण नही. आप घर मे जितने सुख में रहते होंगे उससे अधिक सुख में आप परिक्रमा में रहते है. एक और महत्वपूर्ण बात, चातुर्मास में परिक्रमा रुकी रहती है तो हम अगर उस कालखंड में परिक्रमा में है तो हमें उसी स्थान पर 4 माह तक रुकना पड़ता है, फिर देव उठनी ग्यारस के बाद हम आगे चलना प्रारम्भ कर सकते है. आपको परिक्रमा हेतु हार्दिक शुभकामनाएं..🙏👍💐😊👌. (आशा है आप को परिक्रमा की जानकारी मोटे तौर पर समझ गयी होगी.) !! नर्मदे हर !! 🙏🌸🙏
@manmodjatavg73122 жыл бұрын
मां नर्मदा जी की परिक्रमा देवउठनी एकादशी से चालू होती है और आप किसी भी तटपर किसी भी नर्मदा जी के घाट से चालू कर सकते हैं और वहीं पर आकर आपकी नर्मदा परिक्रमा पूर्ण होती है भाई साहब और आप की परिक्रमा पूर्ण होने के बाद आपको ओमकारेश्वर जाना पड़ता है जल चढ़ाने को और फिर उसके बाद कन्या भोज करा कर आपकी नर्मदा परिक्रमा पूर्ण हो जाती है और आप एक बार मां नर्मदा जी के पद पर तो चलिए किनारे पर चली आपको पूरा समझ में आ जाएगा कि मां की कैसी परिक्रमा होती है कौन कर सकता है कैसे कर सकते हैं सब आपको मां नर्मदा जी के किनारे पर जानकारी मिल जाएगी
@Ram137912 жыл бұрын
@@sumangalbpl जी आप का तह दिल से धन्यवाद 🙏 आप ने कितनी सरलता और भाव से हमें बताया मां नर्मदा कृपया आप पर हमेशा बनी रहे 🙏🙏🙏 नर्मदे हर नर्मदे हर नर्मदे हर