जय श्री जम्भेशवर भगवान् सलिल साहू श्री विल्लेशवर सेवा संस्थान रामङावास नगर जैलातरा साचोर जालोर
@Karmafal5 жыл бұрын
प्रथम सबद का कविता अनुबाद जम्बेश ! ज्योति जगमगाती आपकी समराथले I पर बुझते जाते हैं प्रभु ! सन्देश के दीपक जले II सबद-वाणी दीप दो गुरु, ज्ञान-घृत डालकर I जन जन जगाऊँ जाति का कल्याण मय प्रकाश कर II II1II आनंद में प्रभु के न त्यागी मौनता जब जम्भ ने I लोहट सुबन को ले गए तब एक पुरोहित सामने II कर बद्द हो कहता पुरोहित देवी इसको ठीक कर I देने लगे उपदेश उसको जम्भ यों हुंकार कर II II2II छब-शास्त्र जिसके रूप की करते सदा स्थापना I बर बेद गाते गान जिसका मेघ करते गर्जना II संसार रूपी पात्र को जिसने रचा निज हाथ से I देख ले उसको पुरोहित पहले तू ज्ञानाक्ष से II II3II जिसकी कृपा से त्वरित खुल जातीं ह्रदय की ग्रंथियां I बिलुप्त होतीं सर्ब शंका , दुःख दायी बृत्तियाँ II उसको निरखने के लिए करते रहें आराधना I ' प्रकाश ' सतगुरु पूर्ण करिये साधको की साधना II II4II