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मिलिए गुंडा IAS से; हमें बताया आधा पागल! सेना के कर्नल से senior IAS रहे कमल टावरी हुए भाई कमलानंद।
1968 बैच के आईएएस अफसर डॉक्टर कमल टावरी अब भाई कमलानंद हो गए हैं।
कमल टावरी जी की शुरुआत सर्वप्रथम सेना के अफसर के रूप में हुई उन्होंने कर्नल और मेजर के पद पर काम करते हुए बांग्लादेश की लड़ाई में भी प्रतिभाग किया।
लगभग 46 वर्ष पूर्व हुए हमारे गृह जनपद गाजीपुर के जिलाधिकारी थे।
फैजाबाद में कमिश्नर रहते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह से उनका पंगा हुआ।
उन्होंने महत्वहीन जगह पर जाना खुशी-खुशी स्वीकार किया वनस्पति क्षमा मांगने खेद प्रकाश करने के। उन्होंने बहुत तू ही जगह को ही अपने उत्कृष्ट कार्यों से महत्वपूर्ण बनाया।
प्लैनिंग कमिशन, पीएमओ आदि में उन्होंने अपनी महत्वपूर्ण सेवाएं देते हुए भारत सरकार के सेक्रेटरी पद से सेवानिवृत्त हुए।
डॉ कमल टावरी जी मुख्य रूप से वर्धा महाराष्ट्र के रहने वाले हैं।
देश ही नहीं पूरे विश्व में घूम कर मानवता, पर्यावरण संरक्षण, बेरोजगारी उन्मूलन सहित अन्य लोकहित के बिंदुओं पर अलख जगाते हैं। डॉक्टर कमल टावरी का कहना है कि देश के सभी लोग शुभ लाभ की तरफ ध्यान दें।
कोई बेरोजगार ना रहे वे रामराज्य की परिकल्पना को साकार करना चाहते हैं।
अपवादियों को सम्मानित करने तथा आधा पागल लोगों की संख्या बढ़ाए जाने पर वे इस वीडियो के माध्यम से जोर दे रहे हैं।
वे अपनी बात कहीं भी किसी से भी बेबाक ढंग से करते हैं बिना किसी हिचकिचाहट के; तभी तो एक मंत्री ने उन्हें गुंडा आईएस की उपाधि दे डाली।
डॉक्टर कमल टावरी जी ने कहा कि अब आधा पागलों की बड़ी जमात होनी चाहिए।
सुधार का सूत्रपात तो अब पागलों से ही होगा।
हमने प्रश्न किया कि हम आधा पागल ही क्यों पूरा पागल क्यों ना हो जाए तो उन्होंने कहा प्रमोशन धीरे-धीरे होगा। हमने अभी पूछा कि पागल का सर्टिफिकेट कौन देगा तो उनका जवाब सुनिए! आपको लगेगा।
देखें पूरा वीडियो।
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