ये बदलाव आईएएस में ही नहीं पूरी सरकारी कर्मचारियों के सिस्टम में होना चाहिए... कार्पोरेट सैक्टर में भी योग्य अभ्यर्थी हैं।। सरकारी परीक्षा जैसे स्टेट पीएससी या अन्य में अनुभव को भी वरीयता दी जानी चाहिए इससे युवाओं को काम करने की आदत पढ़ेगी न कि केवल किताबें रटकर एक्जाम पास करने की.. रही आईएएस या किसी अन्य सरकारी अधिकारी इन्हें सबसे पहले ह्यूमन बिहेवियर एवं पीपल मैनेजमेंट का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए... अमूमन ये अधीनस्थों से बदतमीजी, आम जनता से बदतमीजी करके अपने पावर का रौब झाड़ते हैं...हर किसी बात को नजरंदाज करके केवल अपनी ही चलाना इनकी आदत बन चुकी है। इनको ओपन माइंडेड बनाना होगा क्योंकि आज की डेट में युवा पढ़े लिखे हैं भले ही वह आईएएस, पीसीएस न बन पाये हों।