@@channadhaliwal9982 जैसे कभी कभी हम ट्रेन की आवाज़ को सुन कर ये समझते है की ट्रेन ये बोल रही है, या कभी कभी किसी और साउंड को अपने हिसाब से सोच लैते है की ये ये बोल रहा है, जब हम अपने अंदर किसी बात का ध्यान रखते है तो वो चीज का भ्रम हमे बाहर दिखायी या सुनाई देता हैं, वैसे ही ये ओम का साउंड की बात है, ओम कोई शब्द नहीं हैं, ओम जोत को कहते है, जो हमारे कहने सुनने देखने सूंघने से बाहर है
@Mewar-q4q4 жыл бұрын
Ik ko onkar se door kyu hai..
@badfella40794 жыл бұрын
Meri comment delete ho gayi, jaa kar ditti..!!!???
@IncMediaAssociates4 жыл бұрын
Dont know..plz comment again...
@baljeetuppal20803 жыл бұрын
Asy sainto sy Gurudawara value katha nahi Sunaty such k pata n chal jai wo bani manty nahi svarthi hy