सर जी ऐसा लगा की आज अपने मुसलमानों की सच्चाई बताई है इनके कारनामे खोले हैं
@a.a.zzaidi88305 ай бұрын
कलाई खुली है उन ब्राह्मणों की जिन होने नालंदा को जलाया था,यह झूठा इतिहास पढ़ा रहा है इसे नालंदा के बारे में कुछ पता भी नहीं है,बस गलत सुनी सुनाई बाते डाल रहा है लेक्चर में,और रही बात मुसलमान की अगर अच्छे से अच्छे मुसलमान की बात भी आप लोगो(किसी समुदाय प्रति गलत भावनाओ से ग्रसित और पाखंडी समाजों के साथ पले बड़े लोग)के कान में गूस जाय तो कान के अंदर एक भूचाल पैदा होजाता है,एक लुटेरा, एक हत्यारा,एक बलात्कारी,एक चोर,एक नर भक्षी और पता नही क्या क्या दिमाग में पैदा होता,जबकि सारे वैदिक (जो आज के सनातनी,और हिंदू बने बैठे है) पता नही इन्होंने कितने बौद्धओ , जैनओ को मारा लूटा क्या क्या nhi किया वो तो पुराना अतीत पढ़ने पर ही मालूम होसकता है को यह आज के नकली पढ़ने वाले थोड़े ही पढ़ाएंगे।
@ankushdate54145 ай бұрын
क्या भारत में सब राजे लोग नपुंसक थै
@ShaitansinghDeora-m6r5 ай бұрын
@@ankushdate5414भारत के एक भी राजा नपुंसकनहीं थे बल्कि वह छोटे छोटे राज्य में बटे हुए थे उन्होंने पूरे राजपरिवार साथ अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया इसके उदाहरण इतिहास में मौजूद है जालौरके कानड देव वीरमदेव सिवानके शीतल देव चित्तौड़ के राणा रतन सिंह आदि इतिहास में उदाहरण मौजूद है नपुंसक तो तुम जैसे लोग थे जिनका राष्ट्रीय का कोई योगदान नहींथा
@shyammewada10825 ай бұрын
हम इन्दौर से है हमे आप के द्वारे जो भी इतिहास पर जानकारी का सभी देखते जो बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान प्रदान है
@ss-it9eo5 ай бұрын
नमस्कार सर..... आप बहुती अच्छा बोलते हो आप की बात पूरी तरह समझ आती है..और विषय भी
@Himanshuverma105 ай бұрын
भारतीय राजाओं ने कई सारी भूल की सबसे बड़ी भूल दुश्मनों में भी ईमानदारी ढूंढना 😡
@Vedik_19995 ай бұрын
👉🏼जब 1192 - 1200 A.D के बीच दिल्ली, पंजाब का चौहान राजवंश और उत्तर प्रदेश, बिहार के क्षेत्र मे गहडवाल राजवंश का अंत (तुर्क-अफगान) ने कर दिया तब उसी समय मे👇🏼👇🏼 उड़ीसा(कलिंग) मे गंगेय राजवंश, मालवा मे परमार, गुजरात मे चालुक्य, राजस्थान मे सोलंकी और गुहिल ये सभी मिलकर तुर्को को नष्ट कर सकते थे...मगर शायद अपने महलो मे निश्चिंत होकर आराम कर रहे होंगे, भारत और नालंदा, काशी, अयोध्या, प्रयाग, के बारे मे ना सोचकर निश्चिंत होंगे, इसलिए (तुर्को-अफगानो) को साफ करने की ना योजना बनाई ना एकजुट हुए फिर इनके कर्मो का फल मिला इनके राजवंशो का भी अंत 100 साल बाद अलाउद्दीन के समय मे हुआ.... Edit:- दक्षिण के महाराष्ट्र क्षेत्र मे यादव राजवंश भी था🫡
@a.a.zzaidi88305 ай бұрын
सही है तभी तो भारत के नागवंशी राजा वैदिक लोगो से धोखा खा गय और जिसकी सजा वो आज तक दलित sc,st,आदिवासी शुद्र ना जाने क्या क्या बनकर चुका रहे है
@umeshchouhan57915 ай бұрын
वास्तविक इतिहास का बहुत ही संजीदा वर्णन जो हमें बताया ही नहीं गया वोट बैंक के लालच में सत्य तो सत्य ही रहेगा 👍🙏🙏
@mukeshgarati82325 ай бұрын
बहुत ही बहुत अच्छा गुरूदेव भारद्वाज सर आप बहुत ही अच्छा कार्य कर रहे हैं आज की पीढ़ी को इन सब बातों की या इतिहास की कोई भी जानकारी है बस कुछ किताबों में इतना ही पढा है थोड़ा सा पढ़ाया गया है आप तो डिटेल से पढ़ा रहे हो बहुत अच्छा लग रहा है राम राम सा।
@KALAM-5103 ай бұрын
भाई नालंदा की सच्चाई जानना चाहते हे तो साइंस जर्नी you tube पर वीडियो देखे प्रूफ के साथ दिखाते हे
@surgyansingh2665 ай бұрын
मैं आपको को बहुत ही श्रेष्ठ इतिहास विदित मानता हूं आपस जैसे इतिहास विदित बहुत कम होते है आप सत्य दिखाते हैं मैं आपकी कई विडियो देखता हूं जिसमें सभी सत्य है आप बहुत मेहनत करते हो सुन्दर गुप्त वंश महेन्द्रयादित को ही नालन्दा विश्वविद्यालय की स्थापना बतलाई गई
@calmcurrent19985 ай бұрын
आपका वीडियो मुझे इतना व्याकुल करता है कि मेरी रूह काँप जाती है ये सोच कर कि क्या हाल किया होगा इन मलेच्छ दृंदों ने हमारे पूर्वजों का कितना वो तड़पे होंगे किंतु उससे भी ज़्यादा निराशा तब होती जब में ये देखता हूँ की आज के राजनेता भी उन द्रिदों से कम नहीं हैं,आज भी हम इन नेता कहलाने वाले दृंदों द्वारा लगभग वैसे ही लूटे जा रहे है जैसे तब लूट गये थे.
@AnilDehri-mp7mh5 ай бұрын
आप बहुत अच्छा काम कर रहे हैं।
@BKCharanhistorylecturer5 ай бұрын
पुनः हिंदुत्व ओर साँस्कृतिक उत्थान कि क्रांति आ रहीं है हमारा सनातन सर्वश्रेष्ठ
@a.a.zzaidi88305 ай бұрын
सनातन शब्द तो दुश्मनों(बोधों से ,जीने तुम्हारे पुरखे ब्राह्मणों ने दुश्मन घोषित कर रखा है)से उधार लिया फिर यह तथकतीथ हिन्दुओं का केसे हो गया है
@jitenchouhan40095 ай бұрын
@@a.a.zzaidi8830 हिन्दू शब्द किसने दिया ये भी बता देते तो अच्छा होता भाई😂😂😂
@bharatvarshstudycentre5 ай бұрын
अब हम सबको मिलाकर तुलना करते हैं तो इस निर्णय पर पहुंचते हैं कि इनका उद्देश्य केवल और एक ही था पुरे आर्यावर्त का इस्लामीकरण करना। शायद मैं सही हूं।
@RANJEETKUMAR-ro8ev5 ай бұрын
Mante hai ki aap ka bat sahi hai to jab mandir Tut rhe the to mandir ke Devi Devta kya kar rahe the..
@ShaitansinghDeora-m6r5 ай бұрын
देवी देवता परीक्षा ले रहे थे कि मातृभूमि पर मर मिटने वाले कितने हैं और ईश्वर हमेशा परीक्षा लेता है ईश्वर देखते हैं शुरवीर कितने हैं और तेरे जैसे हिजड़े कितने हैं
@ShaitansinghDeora-m6r5 ай бұрын
@@RANJEETKUMAR-ro8evईश्वर उस समय परीक्षा ले रहे थे कि शूरवीर कितने हैं मातृभूमि पर मर मिटने वाले कितने हैं और तेरे जैसे हिजड़े कितने हैं ऐसे आक्रमण के समय में ही शूरवीर और हिजड़ों की पहचान होती है अगर देवी देवता खुद रक्षा कर ले तो शूरवीर और हिजड़ों की पहचान नहीं हो पाए
@Buddha-sharnam5 ай бұрын
@@RANJEETKUMAR-ro8ev vo Devi Devta nahi humare purvaj the, lekin humne unhe Devi Devta bana diya.
@RAJKUMAR.POSWAL5 ай бұрын
गुरुजी की जय हो. इतिहास को मैप के द्वारा पढ़ाने से अच्छा समझ में आया है। Big fan from Bayana
@bharatvarshstudycentre5 ай бұрын
समझ और समझने के बीच के अन्तर को कितना आसान बना देते है आप गुरु जी आपको चरण स्पर्श करते हैं गुरु जी।👍🙏🙏🙏🫡
@Vedik_19995 ай бұрын
👉🏼जब 1192 - 1200 A.D के बीच दिल्ली, पंजाब का चौहान राजवंश और उत्तर प्रदेश, बिहार के क्षेत्र मे गहडवाल राजवंश का अंत (तुर्क-अफगान) ने कर दिया तब उसी समय मे👇🏼👇🏼 उड़ीसा(कलिंग) मे गंगेय राजवंश, मालवा मे परमार, गुजरात मे चालुक्य, राजस्थान मे सोलंकी और गुहिल ये सभी मिलकर तुर्को को नष्ट कर सकते थे...मगर शायद अपने महलो मे निश्चिंत होकर आराम कर रहे होंगे, भारत और नालंदा, काशी, अयोध्या, प्रयाग, के बारे मे ना सोचकर निश्चिंत होंगे, इसलिए (तुर्को-अफगानो) को साफ करने की ना योजना बनाई ना एकजुट हुए फिर इनके कर्मो का फल मिला इनके राजवंशो का भी अंत 100 साल बाद अलाउद्दीन के समय मे हुआ.... Edit:- दक्षिण के महाराष्ट्र क्षेत्र मे यादव राजवंश भी था🫡
@seemantvyas43895 ай бұрын
कारण था, शांति दूत ओर आसमानी किताब
@SUNFIRE_UNIVERSAL2 ай бұрын
Great Sir,charno mein shat shat naman
@gkmpl5 ай бұрын
बहुत अच्छा ज्ञान है सर❤
@AnilPatel-jm6zw5 ай бұрын
भीनमाल से महाकवि माघ जैसे कवि निकले है जिनकी रचना शिशुपाल वध है जो संस्कृत की उत्तम महाकाव्यो में मानी जाती है
@AnilKumar-e10083 ай бұрын
श्रीमान आप सोमनाथ मंदिर को केसे नष्ट-भ्रष्ट किया मेहमूद गजनवी ने पूरे विवरण के साथ विडिओ बनाए 🎉🎉🎉
@profrajeshmaurya50785 ай бұрын
Thank you and many appreciations
@SujalranaBjp5 ай бұрын
नमस्कार जय श्री राम भाई साहब एक बात महत्वपूर्ण और बहुत ही उलझीं हुआ है ।। सनातनी हिन्दू धर्म में गया बिष्णु पद मन्दिर जो मोक्ष का द्वार दरवाजा माना जाता है ।।। जब अयोध्या राम मंदिर, मथुरा कृष्ण जन्मभूमि नालन्दा विश्वविद्यालय कांशी विश्वनाथ मंदिर सोमनाथ मंदिर तोड़ा गया मुगलों से अछूता नहीं था ।। फिर गया बिष्णु पद मन्दिर कैसे छुट गया जो कि नालंदा विश्वविद्यालय के समीप ।। या तो इतिहास छिपाया गया है या फिर यहां के राजा बहुत शक्तिशाली बहादुर होंगे जिसमें मुगलों की हार हुई होगी और अपनी हार छिपाने के लिए इसका इतिहास नहीं लिखा गया ।। हमनें सुना है कि जब मुगलों ने गया बिष्णु पद मन्दिर पर आक्रमण हुआ था तब राणा लखा के नेतृत्व में राजस्थान के गोहील वंशीयो ने राजस्थान से गया बिष्णु पद मन्दिर की रक्षा हेतु आएं थे ।। राणा लखा के नेतृत्व में मुगलों को बहुत बड़ी हार हुई थी ।। जिसमें राणा लखा की बिजयी हुआ था ।।
@Pradeep-mq9mz5 ай бұрын
अब तब जो भी इतिहास पढाया गया है सब तथा कथित इतिहासकारों द्वारा लिखा गया था I इसके लिए कॉंग्रेस जिम्मेदार है जिसने सच्चाई को लोगों के सामने आने नही दिया
@arpanpatodi33565 ай бұрын
Sir.. aap khud ek kitaab likhiye aur usme sabhi sources ko compile kar dijiye taaki sab kuch ek baar me padne me aa jaaye....
@piyushmanglani65 ай бұрын
sir, mai chittorgarh ka nivasi hu, chittorgah ke fort mai bhot se mandiro ke avashesh jameeno par milenge akrantao nai bhot bura haal kiya tha.
@sonumali33355 ай бұрын
Sir चित्तौड़ के विषय मे एक प्रश्न है कि महाराणा कुम्भा द्वारा बनाए मंदिरो को तोड़ा गया था तो मेवाड़ के बाद के शासकों ने इन्हे दोबारा क्यों नहीं बनवाया
@drsantoshsinghrathore93085 ай бұрын
युद्ध। निर्माण कार्य शान्ति काल में ही सम्भव होता है। रायमल और राणा सांगा युद्धरत ही रहे। उदयसिंह के समय चित्तौड़ मुगलों के पास चला गया। राणा राजसिंह ने अवश्य ही दिवार मरम्मत का प्रयास किया था। मुगलों के साथ संधि की शर्त थी। चित्तौड़ में निर्माण कार्य नहीं होगा।
@bharatvarshstudycentre5 ай бұрын
👍
@Vedik_19995 ай бұрын
👉🏼जब 1192 - 1200 A.D के बीच दिल्ली, पंजाब का चौहान राजवंश और उत्तर प्रदेश, बिहार के क्षेत्र मे गहडवाल राजवंश का अंत (तुर्क-अफगान) ने कर दिया तब उसी समय मे👇🏼👇🏼 उड़ीसा(कलिंग) मे गंगेय राजवंश, मालवा मे परमार, गुजरात मे चालुक्य, राजस्थान मे सोलंकी और गुहिल ये सभी मिलकर तुर्को को नष्ट कर सकते थे...मगर शायद अपने महलो मे निश्चिंत होकर आराम कर रहे होंगे, भारत और नालंदा, काशी, अयोध्या, प्रयाग, के बारे मे ना सोचकर निश्चिंत होंगे, इसलिए (तुर्को-अफगानो) को साफ करने की ना योजना बनाई ना एकजुट हुए फिर इनके कर्मो का फल मिला इनके राजवंशो का भी अंत 100 साल बाद अलाउद्दीन के समय मे हुआ.... Edit:- दक्षिण के महाराष्ट्र क्षेत्र मे यादव राजवंश भी था🫡
@Vedik_19995 ай бұрын
👉🏼जब 1192 - 1200 A.D के बीच दिल्ली, पंजाब का चौहान राजवंश और उत्तर प्रदेश, बिहार के क्षेत्र मे गहडवाल राजवंश का अंत (तुर्क-अफगान) ने कर दिया तब उसी समय मे👇🏼👇🏼 उड़ीसा(कलिंग) मे गंगेय राजवंश, मालवा मे परमार, गुजरात मे चालुक्य, राजस्थान मे सोलंकी और गुहिल ये सभी मिलकर तुर्को को नष्ट कर सकते थे...मगर शायद अपने महलो मे निश्चिंत होकर आराम कर रहे होंगे, भारत और नालंदा, काशी, अयोध्या, प्रयाग, के बारे मे ना सोचकर निश्चिंत होंगे, इसलिए (तुर्को-अफगानो) को साफ करने की ना योजना बनाई ना एकजुट हुए फिर इनके कर्मो का फल मिला इनके राजवंशो का भी अंत 100 साल बाद अलाउद्दीन के समय मे हुआ.... Edit:- दक्षिण के महाराष्ट्र क्षेत्र मे यादव राजवंश भी था🫡
@umeshjawalikar49134 ай бұрын
Exactly...good point
@raghuveersinghrathore21775 ай бұрын
Sir hame viswas nahi hota ki aap itne acche sir hamare rajasthan ke ho❤
@dsrajpoot94405 ай бұрын
Great Analysis
@bhuwaneshwarprasad64245 ай бұрын
Excellent information, I absolutely agree with your opinion that temple and universities were demolished due religious angle.
@Vedik_19995 ай бұрын
👉🏼जब 1192 - 1200 A.D के बीच दिल्ली, पंजाब का चौहान राजवंश और उत्तर प्रदेश, बिहार के क्षेत्र मे गहडवाल राजवंश का अंत (तुर्क-अफगान) ने कर दिया तब उसी समय मे👇🏼👇🏼 उड़ीसा(कलिंग) मे गंगेय राजवंश, मालवा मे परमार, गुजरात मे चालुक्य, राजस्थान मे सोलंकी और गुहिल ये सभी मिलकर तुर्को को नष्ट कर सकते थे...मगर शायद अपने महलो मे निश्चिंत होकर आराम कर रहे होंगे, भारत और नालंदा, काशी, अयोध्या, प्रयाग, के बारे मे ना सोचकर निश्चिंत होंगे, इसलिए (तुर्को-अफगानो) को साफ करने की ना योजना बनाई ना एकजुट हुए फिर इनके कर्मो का फल मिला इनके राजवंशो का भी अंत 100 साल बाद अलाउद्दीन के समय मे हुआ.... Edit:- दक्षिण के महाराष्ट्र क्षेत्र मे यादव राजवंश भी था🫡
@surendrabahadurshahi36705 ай бұрын
प्रो.राम पुनियानी का कहना है कि बख्तियार खिलजी का नालन्दा विश्वविद्यालय विध्वंश में कुछ भी भुमिका नहीं है, और आपका कहना है कि बख्तियार खिलजी ने किया।वास्तविकता क्या है ? सत्य क्या है?
@mrugankwelekar945 ай бұрын
Leftist historian have created falt lines within India.tthey are intectuals with utmost dishonest.
@ShaitansinghDeora-m6r5 ай бұрын
राम पुनियानी जैसे लोग बख्तियार खिलजी की नाजायज औलादें है भारत में अभी भी मौजूद है जिन से हमें सावधान रहना पड़ेगा क्योंकि यह लोग हमें गुमराह करने का कार्य कर रही है जो की वास्तविक गुनहगारों को छुपाने में लगेहुए हैं
@Sudhasharma115 ай бұрын
Wo vampanti hai
@r.k32613 ай бұрын
@@Sudhasharma11 aur tu konsa panthi hai ponga panthi 😂
@ashokdass93045 ай бұрын
Sir very very thanks
@ghananandkabdwal35005 ай бұрын
Great one.....
@kumarranjeet17305 ай бұрын
TRUE (SATYA) HISTORY BOLNEY WALLE APP JAISE LOGO KA SAMAZ AUR DESH KO JARURAT.
@rajeshchoudharyrajeshjat37375 ай бұрын
Ram Ram Ji ❤
@binitachoudhary20605 ай бұрын
Param aadarniya bhardwaj sir me aapake Charan kamal me ak sau aath bar sarwa pratham pranam karte hu respected sir Bihar board awam teacher niyukti guide me Saraswati bidyalay ko turwakar dhai din kajhopra banaya gaya hai eska spast warnan hai dusra sirji hamara gaon nalanda ruins ke campus ke andar hai àtah nalanda ruins ke en chhetro ko yaha ke lokal gaon ke panch SAU sresthiyo ne Mahatma budh dan me dekar nalanda ruins ki sthapna kethe
@paramsingh9245 ай бұрын
इस्लाम नाम की गंदगी आज भी दुनियाँ को जलानेe लगी है
@KirtiVaishnav-p6y7 күн бұрын
आपका धन्यवाद्
@nikhilsablania2 ай бұрын
यदि मुसलमानों का मकसद जिहाद था तो हिन्दू और जैन कैसे बच गए या मुस्लिम नहीं बनाए गए और भारत से केवल बौद्ध धर्म ही क्यों खत्म हुआ? यह जिहाद क्या बौद्धों के विरूद्ध ही था? कृपया इस पर भी कुछ बाताएं।
@dks25995 ай бұрын
Jagah toh dubara bna lenge par gyan ko kaha se layenge bahut si gyan ki kitabe jal kar rakh ho gyi
@himanshuverma93945 ай бұрын
Uske liye time me.piche jaana padega 😅
@bimalshah1681Ай бұрын
Pranam Guruji 🙏🏻
@BHARDWAJCLASSESRAMANАй бұрын
प्रणाम बिमल शाह जी
@chandulalmane83315 ай бұрын
मस्त आहे
@AnilKumar-yk7ef5 ай бұрын
Sir Aapki Yogyta par Garv he, I Like your channel bahut bahut Dhanyawad
@ainjilapuniya90123 ай бұрын
Good
@mnsharif36345 ай бұрын
क्या ज्ञान किताबों में ही बंधा रहता है।क्या वहां के विद्यार्थी अपने साथ ज्ञान और पुस्तकें लेकर नहीं जाते थे।उस समय में और भी कई विश्वविद्यालय थे।क्या उनमें आपस में पुस्तकों और ज्ञान का आदान प्रदान नही होता था। विश्वविद्यालय के लाइब्रेरी में पढ़ने वालों के सुविधा के लिए पुस्तक होते हैं,और नये संचित ज्ञानों को संदर्भ के लिए रखे जाते हैं। इस लिए एक पुस्तकालय के समाप्त होने से ज्ञान समाप्त नहीं हो जाता। फिर नालंदा को जलाने का कोई कारण गढ लो, अन्य विश्वविद्यालयों को किन्होंने समाप्त किया, जबकि विदोशों में यह ज्ञान न सिर्फ सुरक्षित रहा बल्कि उसमें वृद्धि भी हुआ। ऐसा क्यों हुआ कि नालंदा के बाद की पीढ़ियों ने नालंदा और उसके पूर्व के इतिहास को क्यों गायब कर दिया , जबकि अनेक पुराण , साहित्य इन पीढ़ियों द्वारा लिखी गईं। अगर अंग्रेज़ अपने नये तकनीकों के उपयोग से भारत के सच्चे इतिहास को न उजागर करते तो असोक के साम्राज्य और विशाल बौद्ध परंपराओं, विहारों , विद्यालयों के अस्तित्व तो हमारे पूर्वजों ने तो ज़मीन में गाड ही दिया था। सबसे मज़ेदार बात यह कि नालंदा और उसके पहले का ज्ञान को विभिन्न संहिताओं, शास्त्रों के रूप मे संस्कृत मे लिख कर, भगवत आस्था का लेप लगा कर नये रूप मे ,अलग धर्म के रूप में मार्केटिंग किया गया। नालंदा बौद्ध परंपरा का संस्थान था ,और बौद्ध नास्तिक होते थे। भाई साहब इतिहास को इतिहास की तरह समझो ओर समझाओ ,उसे किसी एजेंडा के लिए तैडमोड करना ब़द करो।
@ABHINAVKUMAR-cd7dn5 ай бұрын
पूरा इस्लाम एक किताब में बंधा हुआ है भाई साहब। ये आपको किसने बता दिया कि वहां केवल बौद्ध धर्म से संबंधित पढ़ाई होती थी। वास्तव में सभी विषयों की पढ़ाई होती थी और ज्ञान विज्ञान तर्क वितर्क को भला एक ही किताब को मानने वाले कैसे बर्दास्त कर लेते। बर्बर मध्ययुगीन इस्लाम का शिकार केवल नालंदा ही थोड़े न हुआ है। इस से पहले पूरी पर्शिया संस्कृति को नस्ट कर दिया। काबुल में विश्व ज्ञान का केंद्र कहा जाता था, वहा भी खलीफा के कहने पर सभी पुस्तकालयों में आग लगा दिया गया था। इस्लाम की यह प्रवृति आज भी जारी है, ऐसे ही नही फ्रांस में इतिहास का शिक्षक का गला काट दिया जाता है। इसमें कही दो राय नहीं है कि इस्लामिक आक्रमण और इस्लामिक सम्राज्य के कारण प्राचीन भारत की ज्ञान विज्ञान की परंपरा और संस्कृति को नस्ट हो गया।
@DharmveerChaurasiya-hv6qb3 ай бұрын
Tum katuvo ki yahi samasya hai, khud to jahil ho dusro ko bhi jahil banane me lage rahte ho. Tum log duniya ke liye kalank ho katuvo kyunki kabhi galti to manoge nhi khud ki. Padhna aata ho to books padhna sab samjh aa jayega wo tum padhoge nhi.
@surajsaini59665 ай бұрын
Awesome
@_CNayak5 ай бұрын
सर, कृपया बंजारों के ईतिहास पर एक विडिओ बनायें।
@ComptetiveApproach5 ай бұрын
Rajpooto ke vansaj he bhai Rajya se bhaga jate the
@anantooraw85895 ай бұрын
jai shree ram jai hanuman
@harishchandramaurya58935 ай бұрын
बिना "साइंस जर्नी "" यू ट्यूब चैनल सुने सच्चाई नही समझ मे आयेगी झुठ मत बोलो दुनिया को सच्चाई पता है
@kkbhatt35085 ай бұрын
Isi budhhi ke kaaran tum logon ko padhne adhikar nhi diya gaya tha.
@shivdarshansinghtomar47145 ай бұрын
साइंस जर्नी चैनल केवल दोगले पाखंडियों का चैनल है जो बुद्धि से नितांत पैदल हैं और बुद्ध की दुहाई देकर अपनी दलित सोच को वैदिक सोच से ऊपर दिखाने की मूर्खतापूर्ण चेष्टा करते हैं । दयनीय हैं बेचारे "साइंस जर्नी" वाले । 😅😅
@rakeshtomar82395 ай бұрын
10:12 Ashoka Stambh(Topra Pillar) Delhi me hai Feroz Shah Kotla Fort me. Maine dekha hai
@BHARDWAJCLASSESRAMAN5 ай бұрын
हां बिल्कुल पहले हरियाणा के यमुनानगर में था। फिरोजशाह तुगलक ने उसे ले जाकर दिल्ली में स्थापित करवा दिया था।
@rakeshtomar82395 ай бұрын
@@BHARDWAJCLASSESRAMAN Sir, you are right.
@harichihla12345 ай бұрын
Mevad or Marvad Riyasat Jese Videeo me aapne bahot achha belance rakha fir aapka vo belance kahi kho gaya or aapki pratishthha bhi.......
@luckymeena76955 ай бұрын
Chandragupt maurya samrat ashok pr series banahiye sir
@s.bhakuni75345 ай бұрын
राम राम भारद्वाज जी❤
@gurujidiscussiongroup38265 ай бұрын
Sir आपके mike की आवाज़ बहौत कम है अगली बार loud करके डालें।
@yuvrajsinghjhala64885 ай бұрын
☪️ancer
@Mannu_circit5 ай бұрын
Ek Zahil com ne puri duniya ka nuksan kiya hai 😡😡😡
@jpnsingh33325 ай бұрын
जय हिंद एक सोशल मीडिया पर एक चैनल है सत्य वह उल्टा सीधा बोलता है यह लोग सनातनी है की आप लोग खुद सोचे।
@harishchandramaurya58935 ай бұрын
कृपया R1A1 डी एन ए पर बामसेफ के प्रोफेसर की किताब पर चर्चा कब करोगे
@ranveerbagoria3235 ай бұрын
Nice 👍
@gunjanchaturvedi7015 ай бұрын
Khilji was going to Bengal . He did not even go to Nalanda
@ShivSingh-gb8mu5 ай бұрын
राम राम खम्मा घणी गुजरात के कच्छ के रन के बारे में कुछबताइए कच्छ रानू कच्छ इसके बारे में कुछ पूरा इतिहास बताइए
@SHRESHTHBHARAT5 ай бұрын
27 मिनट की वीडियो में राजस्थान का इतिहास ही बताता गया है। नालंदा के वीडियो के बहाने से। इस बात पर प्रकाश नहीं डाला गया कि बख्तियार खिलजी से पहले भी नालंदा विश्वविद्यालय पर आक्रमण किया गया था और नष्ट भी किया गया था। हूण शासक और गौड शासको के द्वारा भी तो नालंदा को क्षति पहुंचाई गयी उसके पीछे क्या कारण रहे , कृपया बताने का कष्ट करें
@JitenderSingh-pb3hw5 ай бұрын
आसमानी किताब पढ़ो सबकुछ समझ आ जाएगा
@rampraveshrajputrampraveshrajp5 ай бұрын
Sir namaste
@WBSchoolOfMaths5 ай бұрын
Look at France, look at Sweden, Jalba hai hamare 😂😂😂😂
@ashokdass93045 ай бұрын
Sir nalanda biswabidyalay ke samay ke rajao ka itihas bataye
@bhuvneshmali31325 ай бұрын
अदभूद....
@kpdwivedi16725 ай бұрын
You are doing great job of bringing out tre history.
@rahul19ify5 ай бұрын
Nalanda brahmino ki mili bhagat se jalayi gayi thi, tibetan sources ke mili jankari se brahmin jimmedar the nalanda jalane mei. Humrah mat karo
@rochakhindi59195 ай бұрын
😂 konsa Granth me likha hai। kis time pe likha gaya hai bo sab likhna
@jatinpareek45635 ай бұрын
😂😂 sources de chimte
@rahul19ify5 ай бұрын
Taranatha's History of Buddhism in India Book by Debiprasad Chattopadhyaya
BHAI GOKULBHAI BHATT ke Baare me Detail Video Banao Detail mere paas hai Courier kar dungaa.
@avinashbhatt21605 ай бұрын
Asla barrod k sath hone k baad bi , 2.5 din lage the kanthabharad pathsaala ajmer ko todne m Isles uska naam adhaai din ka jhopda pada
@MarianusKhase5 ай бұрын
Dekha jave to Samrat Ashok ke samay hamare bharatvarsh bahut Vishal hua Karta tha
@rishikesh26675 ай бұрын
Are sirji Nalanda ke bare me to
@rohitkoshti73825 ай бұрын
Sir aap bahut acha samjhate hai 🙏
@AnilKumar-bv8uv5 ай бұрын
सनातन धर्म बोल नालंदा विश्वविद्यालय का अपमान मत कर यह बौद्ध धम्म का विश्वविद्यालय था। बौद्ध विश्वविद्यालय के कारण ही भारत विश्व गुरु था बौद्ध राजाओं के समय भारत मे करीब 70 विश्वविद्यालय था
@ramugoutam40675 ай бұрын
Dharm aur Desh per Aaj bhi musalmanon ka khatra hai
@devendramishra82085 ай бұрын
सवाल है,हमारा इतिहास कहते हैं कि हम बहुत बड़ी वीर थे, योद्धा थे, कई लड़ाइयां लड़ी, कहते हैं महाराणा सांगा बहुत बड़ा योद्धा थे। उन्होंने 80 लड़ाइयां लड़ी और कोई भी युद्ध नहींजीता युद्ध नहीं हारा! अतीत भी देखे तो राम कृष्ण विष्णु महाकाल परशुराम मध्यकालीन भारत से भी बहुत सारे योद्धा हुए! लेकिन आश्चर्यजनक रूप से यह बात समझ में नहीं आई जब हम इतने बड़े योद्धा थे तो आखिर हम मुट्ठी भर चंद आक्रांताओं से क्यों हारते रहे? क्या हमारा अतीत वाकई वीरता से भरा था या हम आपने मुंह अपनी बड़ाई कररहे थे? कृपया इस पर थोड़ी सी प्रकाश जरूर डालें!
@SBSingh-lj9ri5 ай бұрын
भारत वीरों की भूमि जरूर रही है लेकीन यहां एकता की हमेशा कमी रही है l साथ ही अपनी क्षमा और दया भाव के कारण खुद का नुकसान किया l सबसे बड़ी बात यह है कि यहां के लोग युद्ध में पुरानी तकनीक का ही इस्तेमाल करते रहे l तोप का मुक़ाबला तलवार या भाला कभी नहीं कर सकते थे l
@pukhrajbhatt32795 ай бұрын
एक अनुमान यह भी है कि बौद्ध काल में अहिंसा की अत्यधिक कूक से वीर भाव की धार कुंद हो गई हो। इतिहास साक्षी है कि सम्राट अशोक के पश्चात राष्ट्र की सीमाएं सुरक्षित नहीं रही।
@53randomchannel5 ай бұрын
शांतिदुतोंका कहना है...... " जब एक आसमानी हरी किताब है तो दुसरी किताबोंकी क्या जरुरत? इसिलीये नालंदा जलाया भाई.
@hem0515 ай бұрын
#पुरुष_विरोधी_आरक्षण_बापस_लो वरना आपकी सरकार का ये निर्णय आपको ले डूबे
@vikramvaishnav-qe1py5 ай бұрын
❤❤
@Gujarat8565 ай бұрын
❤🙏
@AzizurrahmanKhan-w7r5 ай бұрын
Bina saboot ke ye gapa pap bolta hai jiska tha usse poocho kaun jalaya science journey par jawo jawab do koi jawab nahin depawo ge bakwas ke siwa
@kesarsingh-tj2ju5 ай бұрын
Sir 1193 se 1206 tak to bakhtiar Khilji 13 saal ka hi hua to apne wale itne kmjor the jo bchhe ko nhi rok ske.koi gdbd h
@53randomchannel5 ай бұрын
13 साल की उम्र में ही इतना कमीना था?
@harsh.3215 ай бұрын
Bhai Kitni bhi Umra Ho us se hame kaya. Uski Umra Kitni bhi ho Sehna Agar badi hai. To Kuchh Bhi Ho Sakta Hai. Aur vo 13 Sal Ka nahin tha. Kyunki 13 sal ke bacche ko koi Sena Kyon dega. Mera to yah Manana hai bhai ki Ekta banaa ke rakho. Aapki Jankari ke liye Bata Dun ki in Logon Ne khali Hamare hi Mandir Nahi Tode balki aapke Golden temple ko bhi Ahmad Shah abdali Ne Tod Diya Tha. Bhartiya Logo me Yahi Kami hai. Jab dusro Ka Ghar toda jata Hai To baki log sirf Dekhte aur Hanste hai. Lekin unko ye Nahin dikhta. ki kal Ko Hamari bhi Bari Aane Wali Hai. Jay Shree Ram 😑🙏 Ham Logon Mein Ekta na Hona Hi 800 sal ki gulami ka Karan hai. tarain Ke dusre yuddh Mein Prithviraj Chauhan ki Har isiliye hui thi Kyunki unhone Apne Padosi Hindu rajaon se Dushmani Le Rakhi thi. Aur jab Unka Mohammed Gauri se yuddh hua to Ek bhi Hindu Raja ne Unka Sath nahin diya. Aur Unki Har Hui. Isi Ka parinaam yah Hua ki Nalanda Vishwavidyalay Toda Gaya hajaron hindu, jain, boudh ko jabardasti Muslim banaya Gaya, khanva ke yuddh mein bhi Yahi hua Maharana Sanga Ka Sath Rajasthan ke bahar ke kisi bhi Raja ne nahin diya. Iske bad Maharana Pratap aur Akhbar Mein ke bich Haldighati ka yuddh hua. Tab bhi Maharana Pratap ka sath Kuchh rajputon Ko chhodkar Kisi Rajput Raja ne nahin diya. Aur Iske bad Panipat ke teesre yuddh mein jab marathon ko Ham bhartiyon ki sabse Jyada jarurat thi tab na to Kisi Rajput ne aur na hi Kisi Jaat ne aur na hi Kisi Sikh ne Unki help ki. Jabki Samne abdali ke sath Mughal shasak aur Avadh ke navab Dharm ke naam per Ek Ho Gaye. Marathon ki Peeth per Khanjar Goph kar in Rajao ne hinduon Ka Suraj Hamesha ke liye AsT Kar Diya. Varna Maratha to vo log the jinhone pure 1000 Saal baad Multan per bhagava Jhanda fir fahraya tha. ISI Karan yah Kaha jata hai - जब हिंदुस्थान पर अब्दाली का खतरा बड़ा था, तब पानीपत के मैदान में भगवा गाढ़े अकेला मराठा खङा था. Iske bad Kya Hua Mere Bhai. Aapke Golden temple Ko Toda Gaya. Hamare hajaron Hindu aur Sikh Mata Aur bahanon Ka balatkar hua, unhen rakhel banaa liya Gaya, bech Diya Gaya. Hamare hajaron Mandir Tode. Logon Ko forcefully convert Kiya. Isiliye Jab Bhi Ham bhartiyon Ne Ekta Dikhai hai tab- tab Maurya Empire aur Gupt Empire jaise bade bade Samrajya Bane Hain Jo Afghanistan Se Lekar Myanmar or Indonesia Tak faile the. Aur jab jab Ham me Ekta Tuti hai tab Afghanistan, Pakistan aur Bangladesh Bane Hain. Isiliye bhai ek Raho Nek Raho ISI Mein Ham bhartiyon Ki bhalai Hai. Nahin to Vahi 800 sal ki gulami Wapas Aaegi. Jay Shree Ram 🙏
@rishikesh26675 ай бұрын
Ku6 batayae hi nhi..
@harishchandramaurya58935 ай бұрын
तिब्बत के बौद्ध भिक्षु की किताब भी खरीदकर पढ़ लेना, और प्रोफेसर DN JHA की किताब"" पवित्र गाय का मिथक ""किताब पढ़ लो
@popatraotakawale31995 ай бұрын
तिब्बत के बौद्ध भिक्षू की किताब फर्जी है.और डी.एन. झा की किताब ही वामपंथीय प्रभाव से लिखा है.समकालीन कौनसाही रेफ्रेंरन्स नहीं दिया है.हवा हवाई बाते लिखा है.इसलिऐ यह दोंनो किताबे फर्जी है.बामसेफ वाले यह दो किताब की हवाला देकर इधर उधर भौकता हैं. मेन कारण यह है की इस्लाम ईश्वर वादी है, और बौद्ध निरीश्वरवादी है.कुराण के हिसाब जो अल्ला को नहीं मानते उनको कत्तल करो.इसिलिऐ बौद्ध धर्म भारत में हद्दपार हुआ.
@harishchandramaurya58935 ай бұрын
चचनामा, किताब, जहांगीरनामा, अकबरनामा, बाबर नामा किताब अल्बरुनी का भारत, इतिसिंग, फहियांन, हुआंसग और मेगास्थनीज की इंडिका खरीदकर सम्यक् प्रकासन डेल्ही की खरीदकर पढ़ लेना
@harishchandramaurya58935 ай бұрын
बौद्ध धम्म की यूनिवर्सिटी नालंदा थी
@NarendraSingh-gw9eu5 ай бұрын
Bhaiya yah log Mandir hi kyon manate the school kyon nahin banvate the
@jatinpareek45635 ай бұрын
Kitne moorkh ho aap ,, jra ek baar research kijiye , mandir kyu banwaye jaate the ,, jyadatar mandir me hi gurukul hote the ,, mandir me hi vaidic anushthan,, ayurved chikitsa , jyotish , vyakran, ganit ,, sangeet ,, nritya , yog , debates aur administration ki siksha aadi di jaati thi ,,, mandir aadharit arth vyavastha hoti thi ,, poore gaav aur nagar ka dhan , sona , chandi , jewar ,etc mandir me rakha hota tha ,, mandir reserve bank ki trah aur university ki trah kaam karte the par muslim aakraman ke kaaran mandiro ki dhan sampada aur gyan parampara ko nasht kiya gya ,,,🪔
@jatinpareek45635 ай бұрын
Aapko kisne kaha school nahi banwate the raja ,,, yar aap thoda toh padhai karke bola karo ,, kon nalanda,, taksh shila jaisi university banwa raha tha fir ye sab raja ke dwara daan diye paise se hi banti thi ,,
@jpsemwal6265 ай бұрын
Is university me sastar vidiya bhi sikhai jati to is university ke sath yesa anart nahi hota .
@HfbfHfhf-r5u5 ай бұрын
Sahi jankari to bus tumhare hi pass milati hai
@nitinkumar-rb6yn5 ай бұрын
Moolo pichwara kyo jal raha hai😊
@DevalSani5 ай бұрын
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
@purusottamkanta695 ай бұрын
Science journey chanel pe debate karlena aukat hai to
@rumaraj53575 ай бұрын
Sanatan samiksha chanal
@raghuveersinghrathore21775 ай бұрын
Jai rajputana
@Vedik_19995 ай бұрын
👉🏼जब 1192 - 1200 A.D के बीच दिल्ली, पंजाब का चौहान राजवंश और उत्तर प्रदेश, बिहार के क्षेत्र मे गहडवाल राजवंश का अंत (तुर्क-अफगान) ने कर दिया तब उसी समय मे👇🏼👇🏼 उड़ीसा(कलिंग) मे गंगेय राजवंश, मालवा मे परमार, गुजरात मे चालुक्य, राजस्थान मे सोलंकी और गुहिल ये सभी मिलकर तुर्को को नष्ट कर सकते थे...मगर शायद अपने महलो मे निश्चिंत होकर आराम कर रहे होंगे, भारत और नालंदा, काशी, अयोध्या, प्रयाग, के बारे मे ना सोचकर निश्चिंत होंगे, इसलिए (तुर्को-अफगानो) को साफ करने की ना योजना बनाई ना एकजुट हुए फिर इनके कर्मो का फल मिला इनके राजवंशो का भी अंत 100 साल बाद अलाउद्दीन के समय मे हुआ.... Edit:- दक्षिण के महाराष्ट्र क्षेत्र मे यादव राजवंश भी था🫡
@DarshanSingh-nc6zq5 ай бұрын
vipakshi dal abb phir aisa kuchh dohrana chahte hain....
@KamtasharanGupta5 ай бұрын
Jay Ram Charan
@prankishorneog16955 ай бұрын
allauddin khilji nhi sir bakhtawar khilji je nalanda university jalwaya tha
@ShambhuDayal-dj7sk5 ай бұрын
Ye sab dharmik katterwad tha .sab kuch nst Bharat ker do aur sabko mazboot kerdo dharm bdalne ke liye
@balvirrai305 ай бұрын
Sir Video ke Start mei Aapne Allaudin khilji ka name bola hai
@PradeepKumar-zt4rx5 ай бұрын
Brahmani warchasw bana rahe, Isliye toda gaya,
@TenzinKusum5 ай бұрын
😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢
@agkrishna10005 ай бұрын
Esme dono hi the dharmik aur lutpat karana
@VISHNUDEVSINGHTOMAR-ts6qp5 ай бұрын
Apk uper nam ka prabhav hai,raman
@SatishAgnihotri-iy9uf2 ай бұрын
If we equate Baktiar Khilji burnt books just because of hatred of non islamic