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नाम जप और मंत्र जप के 36 अंतर । 36 Differences between Naam Jap and Mantra Jap । Chanting । Mantra
#नामजप और #मन्त्रजप: आध्यात्मिक साधना का दो अलग रूप।
#भक्तिमार्ग: नाम जप का अनुभव भक्ति और प्रेम में, मन्त्र जप में शक्तियों के संबंध में।
#आत्मसाक्षात्कार: नाम जप में आत्मा का संबंध, मन्त्र जप में देवी-देवताओं के संबंध।
#आंतरिकशांति: नाम जप में चित्त की शांति, मन्त्र जप में शक्तियों की शांति।
#आध्यात्मिकउन्नति: नाम जप में आत्मसाक्षात्कार की प्राप्ति, मन्त्र जप में सिद्धियों का अनुभव।
#प्रेमभक्ति: नाम जप में नाम के प्रेम की महिमा, मन्त्र जप में देवी-देवताओं के प्रेम की उत्कृष्टता।
#ध्यानयोग: नाम जप में नाम का ध्यान, मन्त्र जप में मंत्र का ध्यान।
#ज्ञानयोग: नाम जप में आत्मज्ञान की प्राप्ति, मन्त्र जप में दिव्य ज्ञान का अध्ययन।
#शक्तियोंकाअनुभव: नाम जप में भक्ति और आत्मसाक्षात्कार, मन्त्र जप में शक्तियों का अनुभव।
#सत्यकीर्तन: नाम जप में भगवान की महिमा का गान, मन्त्र जप में देवताओं का स्तुति-स्मरण।
#ध्यानानंद: नाम जप में नाम का ध्यान, मन्त्र जप में देवी-देवताओं के ध्यान का आनंद।
#ब्रह्मज्ञान: नाम जप में अद्वैत अनुभव, मन्त्र जप में सिद्धि-साधना का ज्ञान।
#परमानंद: नाम जप में परमानंद का अनुभव, मन्त्र जप में देवी-देवताओं के पास सेवा का सुख।
#आध्यात्मिकसंवाद: नाम जप में आत्मसंवाद, मन्त्र जप में देवताओं के संवाद का अनुभव।
#अनंतसुख: नाम जप में अनंत सुख का अनुभव, मन्त्र जप में सिद्धियों के आनंद का अनुभव।
#सत्यमार्ग: नाम जप में सत्य का अनुभव, मन्त्र जप में धर्म के मार्ग का अनुसरण।
#पूर्णतासाधना: नाम जप में आत्मा का पूर्णता की अनुभूति, मन्त्र जप में सिद्धियों की पूर्णता।
#साधनामूल्य: नाम जप में साधना का मूल्य, मन्त्र जप में सिद्धि की मूल्यांकना।
#आध्यात्मिकपरिपक्वता: नाम जप में आत्मा की परिपक्वता, मन्त्र जप में साधक की आध्यात्मिक परिपक्वता।
#दिव्यसाधना: नाम जप में नाम की दिव्यता, मन्त्र जप में सिद्धि की दिव्यता।