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नामस्मरण ठीक उसी प्रकार है जिस प्रकार एक किसान अपने खेत को जोतता है या पानी की धार से पत्थर कट जाता है ।एक व्यक्तिगत अनुभव से मैंने जाना कि किसी भी विचार को निरन्तर सोचते या दोहराते रहने से उसका गहरा प्रभाव होता है ,और जब ये चिंतन भगवान के नाम व स्वरूप का किया जाए तो इसके परिणाम जादुई और चमत्कारी होते हैं । इसका एक उदाहरण भाई रवि मरिवल्ला का भी है । आइये इसे जानने का प्रयास करते हैं ।