लोक वेद मत मंजुल कूला।से प्रवाहित राम कीर्ति रुपी सरयू सरिता।श्री कृष्ण गोपाल जी द्बारा बहुत सुंदर ढंग से निरुपित की गई है।। डाक्टर वल्देवप्रसाद मिश्र जी के निराकार सुराकार नराकार राम में से नराकार राम का आदर्श डाक्टर मिश्र जी ने बहुत सार गर्भित रुप में रखा।इस हेतु वे बधाई के पात्र हैं। मैं उन्हें प्रणाम करता हूं।।*प्रभुदयाल रामायणी होशंगाबाद।।