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#OnionCultivation #Maharashtra #PyajkiKheti
साल 2019 के आखिर में प्याज की कीमतों ने आसमान को छुआ है। फुटकर बाजार में प्याज 200 रुपए किलो तक बिक गया। प्याज की खेती कच्ची खेती (रिस्क वाली) मानी जाती है, मौसम के साथ देने और पैदावार ठीक होने पर मुनाफा अच्छा हो जाता है।
इस साल प्याज की महंगाई को देखते हुए कई राज्यों में किसान प्याज की खेती कर रहे हैं। प्याज की खेती साल में दो बार की जाती है। गांव कनेक्शन महाराष्ट्र में नाशिक जिले के प्रगतिशील किसान जितेंद्र देवरे से बात की और उनसे जाना कि कैसे किसान प्याज की रोपाई करें ताकि उन्हें मुनाफा मिल सके।
महाराष्ट्र में नाशिक जिले को प्याज का गढ़ कहा जाता है। यहां की मंडियों से ही देश में प्याज के रेट तय होते हैं। इसलिए नाशिक में बड़े पैमाने पर प्याज की खेती की जाती है। जितेंद्र देवरे, इसी नाशिक जिले में सटाणा तालुका के करनझाड़ गांव रहने वाले हैं। वो पिछले 10-12 सालों से प्याज की खेती कर रहे हैं। पहले वो सीधे खेत में बुवाई कर खुले में सिंचाई करते थे लेकिन अब वो बेड़ (मेड़) बनाकर खेती करते हैं और उसमें ड्रिप से सिंचाई करते हैं।
15 दिसंबर,2019 को गांव कनेक्शन की टीम जब उनके खेत पर पहुंची तो उनके खेत में बड़े पैमाने पर रोपाई चल रही थी। गांव कनेक्शन ने उनसे प्याज की खेती, बाजार, किस्म और उनके द्वारा अपनाए गए तरीकों के बारे में बात की।
दिसंबर से जनवरी तक में लगाए जाने वाले प्याज की नर्सरी सितंबर-अक्टूबर में तैयार करनी चाहिए। नर्सरी छोटी-छोटी क्यारियों में हो जिनमें पानी का भराव न हो। पहली बार नर्सरी कर रहे किसानों को मिट्टी की जांच जरूर करवा लेनी चाहिए, और उसी के मुताबिक उर्वरक डालनी चाहिए
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