दुनिया खड़ी हो रस्ते में फिर हम को इस से क्या, जब वो नहीं दरीचे में फिर हम को इस से क्या,, जो दुख में काम आए ना सुख में शरीक हो, लगता हो कुछ भी रिश्ते में फिर हम को इस से क्या,, जब आप हक के साथ खड़े ही नहीं हुए, हुजरे मे थे या मुजरे में फिर हम को इस से क्या,,
@gufrankhanoficial704710 ай бұрын
Bahut acchi shayri hai Nawaz sir ki
@maazahmad3210 ай бұрын
Nawaz Bhai aap kahi haq hai
@kulbhushan-e4n10 күн бұрын
killer words
@lankeshiwar431410 ай бұрын
Pata nahi kinu kuch logoun ko yanha youtube per islam namaaz allah mohd yaad aate hain..😂😂