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New Nauha - Asaan Na Tha
Poet - Ali Raza Surani Mumbai
Anjuman Sipahe Husaini Bhanauli Sadat 2021
azadari bhanauli
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lyrics
अकबर की उठाना कोई आसान न था
लेके फिर में जाना कोई आसान न था
1
अब न देखोगी कभी अपने पिसर का सेहरा
उम्मे लैला से बताना कोई आसान न था
2
लाशये औनो मोहम्मद के करीं थीं ज़ैनब
फिर भी आँसू न बहाना कोई आसान न था
3
घाट को छीन के था मश्क को भरना आसान
प्यास अपनी न बुझाना कोई आसान न था
4
आखरी वक़्त में अब्बासे दिलावर के लिये
भाई को भाई बुलाना कोई आसान न था
5
अब न आयेंगे चचा लौट के दरिया से कभी
ये सकीना को बताना कोई आसान न था
6
शाहे वाला के लिये जलती हुई रेती पर
नन्हें असग़र को लिटाना कोई आसान न था
7
बे ज़बाँ लाल की तुरबत को बनाने के बाद
फिर निशाँ उसका मिटाना कोई आसान न था
8
बाप के सीने पे आदत थी जिसे सोने की
ख़ाक पर उसको सुलाना कोई आसान न था
9
अये रज़ा क़ातिले शब्बीर के घर मे जाकर
फर्श मजलिस का बिछाना कोई आसान न था
तमाम