यह गीत हामरे पूर्वजों का पारंपरिक गीत हैं जो आए दिन हमारे झारखंडी संस्कृति से लुप्त होते जा रहा है | इस गीत के माध्यम से माटी लेखक जयलाल महतो और माटी गायिका सावित्री कर्मकार द्वारा इस गीत को संगीत के माध्यम से पुनर्जीवित करने का प्रयास किया गया है और हमारे द्वारा ऐसे सभी सांस्कृतिक गीतों का संरक्षण का निरंतर प्रयास किया जा रहा है बस आपलोगों का प्यार दुलार ऐसे गीतों पर बना रहे सोहराय जोहार 🙏🏻
@KUDMALISANDESH2 ай бұрын
❣️❣️❣️❣️
@Surjsaroj-bf1lb2 ай бұрын
Ek number ❤❤❤❤ ji chotelall ji and angle anjali ji bhout badai
@KUDMALISANDESH2 ай бұрын
Dhanyawad 🙏🏻
@kalasanskriti2 ай бұрын
Bahut sundar dada jharkhandi kala sankriti dada🎉❤
@KUDMALISANDESH2 ай бұрын
Dhanyawad 🙏🏻
@HiraLal-il1ug2 ай бұрын
बहुत ही सुन्दर ❤💝❣️🤗
@KUDMALISANDESH2 ай бұрын
Dhanyawad 🙏🏻
@SANJAYKUMAR-rq2zo2 ай бұрын
Jharkhandi dhun sun ke man aanad ho jata hai.
@KUDMALISANDESH2 ай бұрын
Dhanyawad 🙏🏻
@geetashorts44012 ай бұрын
Bahut sundar dadA
@KUDMALISANDESH2 ай бұрын
Dhanyawad 🙏🏻
@amankumarmahto2 ай бұрын
Bahut sundar geet
@KUDMALISANDESH2 ай бұрын
Dhanyawad 🙏🏻
@MantuKumar-ei1hz2 ай бұрын
वाह चाचा माजा आ गया............
@KUDMALISANDESH2 ай бұрын
Dhanyawad 🙏🏻
@gopimahtorajganj22662 ай бұрын
बहुत ही सुन्दर प्रसुति है काका ❤
@KUDMALISANDESH2 ай бұрын
Dhanyawad 🙏🏻
@ManikChandraMahato-g5b2 ай бұрын
काका कहां कहां से गीत जोड़ के रखते हैं जो संस्कृत डूबा हुआ था वह संस्कृति अब वह फिर से जागेगा काका दिल जोहर जोहर🎉🎉😢😢😮😅😊