यह गीत हामरे पूर्वजों का पारंपरिक गीत हैं जो आए दिन हमारे झारखंडी संस्कृति से लुप्त होते जा रहा है | इस गीत के माध्यम से माटी लेखक जयलाल महतो और माटी गायिका सावित्री कर्मकार द्वारा इस गीत को संगीत के माध्यम से पुनर्जीवित करने का प्रयास किया गया है और हमारे द्वारा ऐसे सभी सांस्कृतिक गीतों का संरक्षण का निरंतर प्रयास किया जा रहा है बस आपलोगों का प्यार दुलार ऐसे गीतों पर बना रहे सोहराय जोहार 🙏🏻
@GhaNuprIyazOne9 күн бұрын
बहुत सुन्दर ❤💛
@Mahatoboyrakesh9 күн бұрын
Superb anjoli jee❤❤❤
@kalasanskriti7 күн бұрын
Bahut sundar dada jharkhandi kala sankriti dada🎉❤
@Surjsaroj-bf1lb9 күн бұрын
Ek number ❤❤❤❤ ji chotelall ji and angle anjali ji bhout badai
@Tigersunil19329 күн бұрын
बहुत ही सुन्दर गीत 🥰😍
@Suraj_Mahato_Dhanbad10 күн бұрын
Bahut bhalo sohrai git
@HiraLal-il1ug9 күн бұрын
बहुत ही सुन्दर ❤💝❣️🤗
@geetashorts440110 күн бұрын
Bahut sundar dadA
@MantuKumar-ei1hz9 күн бұрын
वाह चाचा माजा आ गया............
@gautamkumar72274 күн бұрын
Super 👌👌👌
@amankumarmahto9 күн бұрын
Bahut sundar geet
@gopimahtorajganj226610 күн бұрын
बहुत ही सुन्दर प्रसुति है काका ❤
@Pushpasorenkumari9 күн бұрын
Super song
@SANJAYKUMAR-rq2zo9 күн бұрын
Jharkhandi dhun sun ke man aanad ho jata hai.
@MamtaKumari-my3vs9 күн бұрын
❤❤❤❤
@dayalkumarmahto35777 күн бұрын
🎉🎉🎉🎉
@ManikChandraMahato-g5b9 күн бұрын
काका कहां कहां से गीत जोड़ के रखते हैं जो संस्कृत डूबा हुआ था वह संस्कृति अब वह फिर से जागेगा काका दिल जोहर जोहर🎉🎉😢😢😮😅😊