आचार्य प्रशांत संग लाइव ऑनलाइन सत्रों से जुड़ें, फ्री ईबुक पढ़ें: acharyaprashant.org/grace?cmId=m00036 'Acharya Prashant' app डाउनलोड करें: acharyaprashant.org/app?cmId=m00036 उपनिषद, गीता व सभी प्रमुख ग्रंथों पर ऑनलाइन वीडियो श्रृंखलाएँ: acharyaprashant.org/hi/courses?cmId=m00036 संस्था की वेबसाइट पर जाएँ: acharyaprashant.org/hi/home
@musiclovers16372 ай бұрын
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@manojnamdev4925 Жыл бұрын
Koti koti naman acharya ji
@Rishurao Жыл бұрын
नमन आचार्य जी। 🙏
@deepaklaigi9249 Жыл бұрын
Ahimsa and veganism is spirituality 🙏🌍🙏🌎
@hariomtiwari4030 Жыл бұрын
Koti koti pranam guruji 🙏🙏🙏
@rajendraprasadrastogi7091 Жыл бұрын
Aacharya ji Pranam❤❤🎉
@nageshjha452 Жыл бұрын
धन्यवाद आचार्य जी
@sidhibinayakrout4289 Жыл бұрын
Pranam Aacharya ji
@sanjupandey190 Жыл бұрын
Thanku sir ji gud guidance 🙏
@OshoOsho-cc1gv Жыл бұрын
Vagawan aachary parshant jyu ka charno me koti koti naman
@123suvraragajurel Жыл бұрын
Hardik naman gurubar amazing gyan ❤❤❤❤
@pavanbadnagre5348 Жыл бұрын
शत् शत् नमन आचार्य श्री🙏🙏🙏
@naturalthebestsubhgyan3358Ай бұрын
🙏🙏धन्यवाद 🙏🙏
@madhutiu4807 Жыл бұрын
नाम का होना तब तक जरुरी है, जब तक सही काम न मिले
@Harshgurjar345 Жыл бұрын
Bina swarth ke life m work kro divaro ko today chye or aage bdna❤❤v thanks or v right sir ji
@purushottamgarg9357 Жыл бұрын
Thanks
@amalkoner7860 Жыл бұрын
salute sir
@kiran.vishwakarma. Жыл бұрын
🙏
@VijayaRangaLR Жыл бұрын
Bohuth Bohuth sahi hai Aacharya ji 🙏🙏🙏🙏
@pearlxyou Жыл бұрын
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌻🌻🌻
@harmeshkumarbansal9485 Жыл бұрын
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@bappavishwas25073 ай бұрын
Aacharya ji me aapke pas aa rah hu aapki sharan me
@Dharmadhyaksh8 ай бұрын
जब वास्तविक हित किसी कामना से पूरा नही हो रहा तो निष्काम हो जाओगे।
@Harshpatel-kd8dp4 ай бұрын
❤❤❤❤❤
@nandiniagarwal9801 Жыл бұрын
Page laggu🙏
@nandiniagarwal9801 Жыл бұрын
Sir plz thoda practical situations ke sath bataiyeee
@arunbiwal5646 ай бұрын
Jo kaam dar aur moh ko time ke sath increase karta jaye, wo nishkam karm nhi hai
@ashishkumarpandeypari7 ай бұрын
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@Acharyprashantindia9 ай бұрын
अपनी कामना हो अपनी इच्छाओं को जरा जांच हो वह अधिकांश था तुम्हारे अहंकार से ही निकालरही होगी निष्काम था के दो प्रकार या तरीके :- (a) अपनी कामना के कारण का दायरा बढ़ाकर जैसे यदि आप पहले कहते थे कि मैं केवल अपने परिवार के लिए काम करता हूं तो अब अपने समाज के लिए कम करें b)कोई भी काम सत्य के लिए या कृष्ण के लिए करें क्योंकि आज तक आपने जितने सारे काम अपनी कामना से किए हैं उनकी परिणीति अंतत: दुख ही रही है उससे आपको कुछ स्थाई नहीं मिला है क्योंकि जो आपकी कामना थी वह गलत थी या अत्यंत क्षणिक व छोटी थी इसका केंद्र आत्मा की जगह अहंकार था हम जीवन में जितने भी अधिकांश कार्य करते हैं उसका केंद्र अहंकार होता है अहकार के केन्द्र मे होने के कारण हमें हमेशा अपूर्ण की ही अनुभूति होती है और उसे पूरा करने के लिए हम कार्य करते रहते हैं इसलिए यह आवश्यक है कि कार्यों का केंद्र आत्मा हो जिससे हमें पूर्णता .मिल सके हालांकि यह कम पूरे जीवन पर्यंत तक चलता रहता है