सबका सार कबीर विचार। संत अभिलाष दास साहब के चरणों में शत-शत नमन।
@Vijay_pal_Singh7343 ай бұрын
कबीर साहेब के पंथ पर और नकल करने से कोई साधु नहीं हो जाता। ये तो लोगों की आंखों में धूल झोंकने जैसा।
@Vijay_pal_Singh7343 ай бұрын
प्रेम को कोई कैसे समझा सकता है ये प्रभू का मार्ग प्रेम का मार्ग है। ये तो कोई प्रेमी ही जान सकता है
@santtomar40193 ай бұрын
Bahut Sundar pravachan Sahib Ji ke Charanon Mein sat sat Naman Sahib Bandagi
@Vijay_pal_Singh7343 ай бұрын
जीव कोरे कागज़ की तरह संसार में आता है सारे रंग संसार में आकर चढ़ते हैं। कोई इस बात को समझ लेता है तो वही केवल प्रथमावस्था को प्राप्त कर लेता है।
@Vijay_pal_Singh7343 ай бұрын
जो अपने मन को मिटाने में लग जाता है केवल वही आत्म साक्षात्कार को उपलब्ध हो सकता है
@Vijay_pal_Singh7343 ай бұрын
स्वामीजी शांति से सुख नही मिलता है। सुख तो मरने से मिलता है। इसलिए जो जीते जी मरने को तैयार है केवल वही सुख पाता है
@Vijay_pal_Singh7343 ай бұрын
जो बहुत जनता वह कुछ भी नहीं जानता है यह पैमाना है ज्ञानी ध्यानी सन्त को समझने का।
@Vijay_pal_Singh7343 ай бұрын
जिनके पास अनुभव है वो कबीर की बात क्यू करेगा वह तो अपने अनुभव की बात करेगा। कबीर नानक फरीद कृष्ण जीसस आदि ने अपना अनुभव गाया है। तुम क्या गा रहे हो दूसरों की जूठन