28-04-1982 अपने कल्प पहले वाले स्वर्ग के मर्ज हुए संस्कारों को इमर्ज करो तो स्वयं ही अपने को सतयुगी शहज़ादी वा शह- जादे अनुभव करेंगे और जिस समय वह सतयुगी संस्कार इमर्ज करेंगे तो सतयुग की सभी रीति-रसम ऐसे स्पष्ट इमर्ज होंगी जैसे कल की बात है। कल ऐसा करते थे ऐसा अनु- भव कर सकते हो। सतयुग का अर्थ ही है, जो भी प्रकृति के सुख हैं, आत्मा के सुख हैं बुद्धि के सुख हैं, मन के सुख हैं, सम्बन्ध के सुख हैं, जो भी सुख होते वह सब हाजिर हैं। Didi please clarify these sentences
@sonikandari24754 күн бұрын
Om silence ❤
@bksunitasharma11234 күн бұрын
Om shanti divine sis M apke har video ko bahut sunti hun but meri ek problem h m apko batana chahti hun esliye kya muje ap apna watsapp no de sakte ho