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#राजा के बिन #रानी कैसी होगी, #सोचो यार #कहानी कैसी होगी.✍️
अभिनेता और क्रिकेटरों को पूजने वाला देश शायद सैनिकों और उनकी वीरांगनाओं के साथ पूरा न्याय नहीं कर पाता। न हीं इन #वीरों को सिलेबस की #किताबों में जगह मिलती है, न करोड़ों का चेक, और नहीं बन पाती इनपर कोई सुपरहिट बायोपिक। बस किसी चौक चौराहे का नाम इनपर रखकर खानापूर्ति कर दी जाती है।
कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति को उनका कीर्ति चक्र लेते देख आंखे भर आती हैं। सैनिकों की माओं और उनकी वीरांगनाओं का दुःख बहुत कम लिखा गया है