Pati mer jaye aur bachcho ki responsibilities ho to vo ladki fir kya kerti? Iska javab koi de sakta hai? Bhakti marg bahut confusing hota hai, bade bade sant bhi confused lagte hai.
@Abhishek-rx6zg15 күн бұрын
पति का समय से पहले मर जाना और बच्चों की जिम्मेदारी आ जाना अपना स्वयं का प्रारब्ध हैं l जो जीव को भोगना ही पड़ता है l भगवान के लिए सभी जीव बराबर हैं - अखिल विश्व यह मम उपजाया, सब पर मोहिं बराबर दाया। तिन्ह महं जो परिहरि मद माया, भजहिं मोहिं मन वचन अरु काया॥ अर्थ -- सभी जीव भगवान से ही उत्पन है l सभी एक की ही संतान है इसीलिए भगवान किसी से भेदभाव नहीं करते वो सभी पर बराबर दया करते है l पूर्वजन्म के बुरे कर्म स्वयं को ही भोगने पड़ते हैं परंतु जो भगवान का भक्त होता है वो विपत्ति में भी अपना भला समझता है क्योंकि ये सत्य है विपत्ति मैं विशेष भजन होता है l जब संकट के समय कोई साथ नहीं देता तो संसार का सच स्वयं पता चल जाता हैं कि यहां कोई अपना नहीं है एकमात्र भगवान ही अपने है l फिर जीव सच्चा शरणागत हो जाता हैं l और प्रभु के शरणागत का कल्याण निश्चित है l राधे राधे ll
@thedharmatalks89214 күн бұрын
Yadi bachhe ho toh unhe sath rakh ke bhakti yog ka palan karein... Unhe krishn bhavnamrit ja gyan dein unhe guide kare bhaktin ne.... Bhakti ka arth ye nahi ki sab chor char ke bhag jao....bhagwan krishn ko Kendra me rakh kar hm jo bhi khaye bhagwan ko bhog lagaye....jo bhi laye bhagwan ko offer kare isse hamare karm, krishn Bhav amrit ho jate hai. Jisse krishn ki kripa milti hai