*शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं सहित प्रमुख बातें ::-✍️* माटी के तन में वह जान डाल देता है छोटे से मन में वह कई इच्छाएं डाल देता है यूं तो होती है पूरी दुनिया हमसे अनजान किन्तु वह हमारे व्यक्तित्व में पहचान डाल देता है वो कोई और नहीं हमारा शिक्षक होता है शिक्षक होता है शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं इस पावन अवसर पर मैं अपना कुछ आभार अभिव्यक्त करना चाहता/चाहती हूं ~~~~ गुरु शिष्य के संबंध की परंपरा भारत की संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा है माना जाता है कि पहला गुरु मां- बाप और दूसरा गुरु शिक्षक होता है मां बाप (पिता) जो हमें जन्म देते हैं और यह सुंदरतम् संसार दिखाते हैं वही शिक्षक जीवन जीने का कला और सही मार्गदर्शन की प्रेरणा देता है !! जीवन का पथ जहां से शुरू होता है वह मार्ग दिखाने वाला गुरु ही होता है जिसके मन में गुरु के लिए सम्मान होता है उसके चरणों में एक दिन पूरा संसार होता है ;! यदि इमारत की नींव पक्की हो तो कोई आंधी हो या कोई तूफान हो उस भवन को हिला नहीं सकता, गिरा नहीं सकता; ठीक उसी भांति शिक्षक ही वो व्यक्ति है जो शिष्य रूपी नीव को मजबूत करके उज्जवल भविष्य रूपी भवन खड़ी करने में अपनी भूमिका निभाता है । एक अच्छा शिक्षक माली की भांति होता है, शिक्षक रूपी माली मां बाप द्वारा सौंपे छोटे से बीज को सींचकर एक मजबूत पौधा तैयार करता है! उस पर शिष्य रूपी रंग बिरंगे फूलों की महक और सौंदर्यता पूरे घर आंगन और विश्व को महकाती है इसलिए शिक्षक सम्मान सदैव हमारे हृदय में विराजमान रहना चाहिए शिक्षा और सीखने के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि धन दौलत संपत्ति तो छीनी जा सकती है,लूटी जा सकती है; परंतु प्राप्त की गई शिक्षा कभी नहीं; इस बात का पूरा पूरा श्रेय शिक्षक को ही जाता है। शिक्षक सम्मान कोई एक पल का या एक दिन का मोहताज नहीं ;! परंतु हमारे भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है अभी मैं आपको बताना चाहता हूं कि 5 सितंबर को शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जो एक विख्यात दार्शनिक शिक्षित, भारत-रत्न और विद्वान थे डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन हमारे भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे परंतु राजनीति में आने से पहले इन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष शिक्षा क्षेत्र में लगाया और अपने अनेकों विद्यार्थियों का भविष्य उज्जवल बनाया एक दिन उनके शिष्य और सहपाठी ने जन्म दिवस मनाना चाहा , तो उन्होंने बड़ी शालीनता से उत्तर दिया और कहा मेरा जन्मदिन अलग से मनाए जाने के बजाय अगर शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाए तो मुझे गर्व महसूस होगा तभी से प्रत्येक वर्ष भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा *सर्वपल्ली जी कहा करते थे शिक्षा ही व्यक्ति को श्रेष्ठ बनाते हैं ,विवेकानंद जी ने कहा है~ उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत ::--उठो जागो जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए मत रुको* अपने भाषण को विराम देने से पहले बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आधुनिक युग में शिक्षक और शिक्षा का संबंध बिखर रहा है आए दिन शिक्षक का शिष्य के प्रति और शिष्य का शिक्षक के प्रति दुर्व्यवहार बढ़ता जा रहा है कुछ शिक्षक ने ज्ञान की बोली लगाना शुरू कर दी है, कुछ स्टूडेंट्स शिक्षक से व्यर्थ वाद- विवाद कर पश्चिमी लोगों के प्रभाव के कारण असभ्यता का प्रदर्शन कर रहे हैं ,, जो भारत की गुरु शिष्य परंपरा को खंडित कर रहा है जो बिल्कुल सही नहीं है तो आइए आज शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर भारत के गुरु शिष्य परंपरा को मन में उतारते हुए या शपथ लेते हैं कि शिक्षा क्षेत्र में भारत के निर्माण में हम अपना भरपूर सहयोग देंगे ! *धन्यवाद 🙏✍️;;;*
@Krishn12442 жыл бұрын
अतिसुंदरम 👍
@sahu20372 жыл бұрын
*शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं सहित प्रमुख बातें ::-✍️* माटी के तन में वह जान डाल देता है छोटे से मन में वह कई इच्छाएं डाल देता है यूं तो होती है पूरी दुनिया हमसे अनजान किन्तु वह हमारे व्यक्तित्व में पहचान डाल देता है वो कोई और नहीं हमारा शिक्षक होता है शिक्षक होता है शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं इस पावन अवसर पर मैं अपना कुछ आभार अभिव्यक्त करना चाहता/चाहती हूं ~~~~ गुरु शिष्य के संबंध की परंपरा भारत की संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा है माना जाता है कि पहला गुरु मां- बाप और दूसरा गुरु शिक्षक होता है मां बाप (पिता) जो हमें जन्म देते हैं और यह सुंदरतम् संसार दिखाते हैं वही शिक्षक जीवन जीने का कला और सही मार्गदर्शन की प्रेरणा देता है !! जीवन का पथ जहां से शुरू होता है वह मार्ग दिखाने वाला गुरु ही होता है जिसके मन में गुरु के लिए सम्मान होता है उसके चरणों में एक दिन पूरा संसार होता है ;! यदि इमारत की नींव पक्की हो तो कोई आंधी हो या कोई तूफान हो उस भवन को हिला नहीं सकता, गिरा नहीं सकता; ठीक उसी भांति शिक्षक ही वो व्यक्ति है जो शिष्य रूपी नीव को मजबूत करके उज्जवल भविष्य रूपी भवन खड़ी करने में अपनी भूमिका निभाता है । एक अच्छा शिक्षक माली की भांति होता है, शिक्षक रूपी माली मां बाप द्वारा सौंपे छोटे से बीज को सींचकर एक मजबूत पौधा तैयार करता है! उस पर शिष्य रूपी रंग बिरंगे फूलों की महक और सौंदर्यता पूरे घर आंगन और विश्व को महकाती है इसलिए शिक्षक सम्मान सदैव हमारे हृदय में विराजमान रहना चाहिए शिक्षा और सीखने के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि धन दौलत संपत्ति तो छीनी जा सकती है,लूटी जा सकती है; परंतु प्राप्त की गई शिक्षा कभी नहीं; इस बात का पूरा पूरा श्रेय शिक्षक को ही जाता है। शिक्षक सम्मान कोई एक पल का या एक दिन का मोहताज नहीं ;! परंतु हमारे भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है अभी मैं आपको बताना चाहता हूं कि 5 सितंबर को शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जो एक विख्यात दार्शनिक शिक्षित, भारत-रत्न और विद्वान थे डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन हमारे भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे परंतु राजनीति में आने से पहले इन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष शिक्षा क्षेत्र में लगाया और अपने अनेकों विद्यार्थियों का भविष्य उज्जवल बनाया एक दिन उनके शिष्य और सहपाठी ने जन्म दिवस मनाना चाहा , तो उन्होंने बड़ी शालीनता से उत्तर दिया और कहा मेरा जन्मदिन अलग से मनाए जाने के बजाय अगर शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाए तो मुझे गर्व महसूस होगा तभी से प्रत्येक वर्ष भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा *सर्वपल्ली जी कहा करते थे शिक्षा ही व्यक्ति को श्रेष्ठ बनाते हैं ,विवेकानंद जी ने कहा है~ उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत ::--उठो जागो जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए मत रुको* अपने भाषण को विराम देने से पहले बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आधुनिक युग में शिक्षक और शिक्षा का संबंध बिखर रहा है आए दिन शिक्षक का शिष्य के प्रति और शिष्य का शिक्षक के प्रति दुर्व्यवहार बढ़ता जा रहा है कुछ शिक्षक ने ज्ञान की बोली लगाना शुरू कर दी है, कुछ स्टूडेंट्स शिक्षक से व्यर्थ वाद- विवाद कर पश्चिमी लोगों के प्रभाव के कारण असभ्यता का प्रदर्शन कर रहे हैं ,, जो भारत की गुरु शिष्य परंपरा को खंडित कर रहा है जो बिल्कुल सही नहीं है तो आइए आज शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर भारत के गुरु शिष्य परंपरा को मन में उतारते हुए या शपथ लेते हैं कि शिक्षा क्षेत्र में भारत के निर्माण में हम अपना भरपूर सहयोग देंगे ! *धन्यवाद 🙏✍️;;;*
@MadhuSharma-ps4ny3 жыл бұрын
🇮🇳🇮🇳🙏🙏
@sahu20372 жыл бұрын
*शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं सहित प्रमुख बातें ::-✍️* माटी के तन में वह जान डाल देता है छोटे से मन में वह कई इच्छाएं डाल देता है यूं तो होती है पूरी दुनिया हमसे अनजान किन्तु वह हमारे व्यक्तित्व में पहचान डाल देता है वो कोई और नहीं हमारा शिक्षक होता है शिक्षक होता है शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं इस पावन अवसर पर मैं अपना कुछ आभार अभिव्यक्त करना चाहता/चाहती हूं ~~~~ गुरु शिष्य के संबंध की परंपरा भारत की संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा है माना जाता है कि पहला गुरु मां- बाप और दूसरा गुरु शिक्षक होता है मां बाप (पिता) जो हमें जन्म देते हैं और यह सुंदरतम् संसार दिखाते हैं वही शिक्षक जीवन जीने का कला और सही मार्गदर्शन की प्रेरणा देता है !! जीवन का पथ जहां से शुरू होता है वह मार्ग दिखाने वाला गुरु ही होता है जिसके मन में गुरु के लिए सम्मान होता है उसके चरणों में एक दिन पूरा संसार होता है ;! यदि इमारत की नींव पक्की हो तो कोई आंधी हो या कोई तूफान हो उस भवन को हिला नहीं सकता, गिरा नहीं सकता; ठीक उसी भांति शिक्षक ही वो व्यक्ति है जो शिष्य रूपी नीव को मजबूत करके उज्जवल भविष्य रूपी भवन खड़ी करने में अपनी भूमिका निभाता है । एक अच्छा शिक्षक माली की भांति होता है, शिक्षक रूपी माली मां बाप द्वारा सौंपे छोटे से बीज को सींचकर एक मजबूत पौधा तैयार करता है! उस पर शिष्य रूपी रंग बिरंगे फूलों की महक और सौंदर्यता पूरे घर आंगन और विश्व को महकाती है इसलिए शिक्षक सम्मान सदैव हमारे हृदय में विराजमान रहना चाहिए शिक्षा और सीखने के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि धन दौलत संपत्ति तो छीनी जा सकती है,लूटी जा सकती है; परंतु प्राप्त की गई शिक्षा कभी नहीं; इस बात का पूरा पूरा श्रेय शिक्षक को ही जाता है। शिक्षक सम्मान कोई एक पल का या एक दिन का मोहताज नहीं ;! परंतु हमारे भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है अभी मैं आपको बताना चाहता हूं कि 5 सितंबर को शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जो एक विख्यात दार्शनिक शिक्षित, भारत-रत्न और विद्वान थे डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन हमारे भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे परंतु राजनीति में आने से पहले इन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष शिक्षा क्षेत्र में लगाया और अपने अनेकों विद्यार्थियों का भविष्य उज्जवल बनाया एक दिन उनके शिष्य और सहपाठी ने जन्म दिवस मनाना चाहा , तो उन्होंने बड़ी शालीनता से उत्तर दिया और कहा मेरा जन्मदिन अलग से मनाए जाने के बजाय अगर शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाए तो मुझे गर्व महसूस होगा तभी से प्रत्येक वर्ष भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा *सर्वपल्ली जी कहा करते थे शिक्षा ही व्यक्ति को श्रेष्ठ बनाते हैं ,विवेकानंद जी ने कहा है~ उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत ::--उठो जागो जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए मत रुको* अपने भाषण को विराम देने से पहले बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आधुनिक युग में शिक्षक और शिक्षा का संबंध बिखर रहा है आए दिन शिक्षक का शिष्य के प्रति और शिष्य का शिक्षक के प्रति दुर्व्यवहार बढ़ता जा रहा है कुछ शिक्षक ने ज्ञान की बोली लगाना शुरू कर दी है, कुछ स्टूडेंट्स शिक्षक से व्यर्थ वाद- विवाद कर पश्चिमी लोगों के प्रभाव के कारण असभ्यता का प्रदर्शन कर रहे हैं ,, जो भारत की गुरु शिष्य परंपरा को खंडित कर रहा है जो बिल्कुल सही नहीं है तो आइए आज शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर भारत के गुरु शिष्य परंपरा को मन में उतारते हुए या शपथ लेते हैं कि शिक्षा क्षेत्र में भारत के निर्माण में हम अपना भरपूर सहयोग देंगे ! *धन्यवाद 🙏✍️;;;*