हर हर महादेव ❤❤❤ जय माँ काली ❤❤❤ जय माँ पार्वती ❤❤❤
@meghakamath282 күн бұрын
धन्यवाद! जय माँ काली। जय राधे कृष्ण। हर हर महादेव । ॐ आदि शक्तिये नमः। 🚩🔱🌸🙏
@pkeditxyz02 күн бұрын
Om shanti Om Shanti ji
@meghakamath282 күн бұрын
धन्यवाद! जय माँ काली। जय राधे कृष्ण। हर हर महादेव । ॐ आदि शक्तिये नमः। 🚩🔱🌸🙏
@anshraj41722 күн бұрын
so nice video🙏
@meghakamath282 күн бұрын
धन्यवाद! जय माँ काली। जय राधे कृष्ण। हर हर महादेव । ॐ आदि शक्तिये नमः। 🚩🔱🌸🙏
@AjayKumar-wl7cp3 күн бұрын
1111❤
@meghakamath282 күн бұрын
धन्यवाद! जय माँ काली। जय राधे कृष्ण। हर हर महादेव । ॐ आदि शक्तिये नमः। 🚩🔱🌸🙏
@rajeshyeole5812 күн бұрын
ब्रम्हा के 5 सिर थे एक सिर भगवान् शिव ने अपने त्रिशूल से मार गिराया था क्या वो पांचवा वेद हो सकता है
@meghakamath282 күн бұрын
आपका सवाल बहुत दिलचस्प है। ब्रह्मा के पाँच सिर होने की कथा विभिन्न पुराणों में मिलती है, और यह प्रतीकात्मक रूप से ब्रह्मा के अत्यधिक ज्ञान और ब्रह्मांड की रचनात्मक शक्ति को दर्शाती है। भगवान शिव ने अपने त्रिशूल से ब्रह्मा के पाँचवें सिर को मारने की घटना 'शीर्षमोहिनी' या 'पंचमुखी ब्रह्मा' की कथा के रूप में प्रकट होती है, जो अक्सर ब्रह्मा के अहंकार और उनके घमंड को समाप्त करने का प्रतीक मानी जाती है। जहाँ तक आपके प्रश्न का संबंध है कि क्या यह पाँचवां सिर वेद हो सकता है, इसका उत्तर सीधे तौर पर नहीं है। वेद ज्ञान के शाश्वत स्रोत हैं और वे ब्रह्मा के द्वारा रचित माने जाते हैं, न कि किसी सिर के रूप में। इस घटना का उद्देश्य अधिकतर ब्रह्मा के अहंकार को समाप्त करना और भगवान शिव की महिमा को स्थापित करना था। यह एक धार्मिक और दार्शनिक दृष्टिकोण से व्याख्यायित किया जाता है, न कि सीधे वेद से संबंधित।